आज एक ऐसे फर्स्ट जनरेशन एंटरप्रेन्योर के बारे में बात करूंगा जिसकी सोच की शुरुआत 1 लाख करोड़ से होती है कम से कम हर नए बिजनेस की शुरुआत की सोच 1 लाख करोड़ की होती है कभी-कभी ना ये तो फर्स्ट जनरेशन एंटरप्रेन्योर कभी-कभी कई जनरेशन मिल कर के बिजनेस खड़ा नहीं कर पाते और कभी-कभी कोई अकेला एक ऐसा आदमी एक ऐसा एंपायर खड़ा कर देता है जिसे जनरेशन तक याद रखा जाता.
है आज की पर्सनालिटी उन्हीं में से एक है नमस्कार मैं विवेक बिंद्रा फाउंडर एंड सीईओ bab.com वेलकम टू योर फेवरेट शो टाइकून ऑफ इंडिया टाइकून हां वो ब्रिलियंस जिन्होंने बनाए कई बिलियंस आज बात करूंगा विजन स्ट्रेटेजी से राशन से लेकर रोशनी तक माइनिंग से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक एयरपोर्ट से लेकर सीपोर्ट तक हर जगह अपना अड्डा जमा रखा है किंग ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर.
ऐसे धंधों में घुसते हैं जहां शुरू में इन्वेस्टमेंट बहुत होती है लेकिन उसके बाद कमाई होती जाती है बोरिंग धंधे करते हैं विजनरी फाउंडर एंड चेयरमैन ऑफ अडानी ग्रुप गौतम भाई अडानी जिनकी बात करूंगा जिनका अडानी सीमेंट अडानी विलमार अडानी एंटरप्राइजेस अडानी पोर्ट अडानी पावर 30 से ज्यादा धंधे हैं ये सारे बहुत बड़े हैं 192 में इनका जन्म हुआ था अपने पिता की.
सातवी संतान थी परिवार बहुत बड़ा बड़ा परिवार और उस बड़े परिवार को चलाने के लिए एक छोटी सी कपड़े की दुकान देखिए आज अनिल अंबानी मुकेश अंबानी के तो फादर थे धीरू भाई लेकिन ये थे वो फर्स्ट जनरेशन अंत्रप्रेनोर साउथ मुंबई कॉलेज में एडमिशन लिया लेकिन बस एक साल की पढ़ाई के बाद ही समझ गए कि धंधा कॉलेज में बैठकर नहीं होता है कॉलेज छोड़कर 16 साल की उम्र में धंधे.
में उतर के धंधा सीखा जा सकता है डायमंड सॉटर का छोटा-छोटा काम किया इन्होंने फास्ट फॉरवर्ड पहली स्ट्रेटेजी पे चलता हूं नौ स्ट्रेटेजी बताऊंगा पहली स्ट्रेटेजी ये नेटवर्क इज योर नेटवर्थ ये देखना ये तो आपको कॉमन दिखेगा आज की जो नॉ स्ट्रेटेजी है इसमें डेप्थ है मैं गौतम भाई अडानी की इंफॉर्मेशन नहीं दूंगा मैं वो बताऊंगा कैसे प्रॉब्लम्स को सॉल्व करके.
किस सोच के साथ में क्या माइंडसेट के साथ में किस स्टाइल से धंधा शुरू करते हैं इसलिए इस वीडियो में ना आपको बहुत सीखने को मिलेगा आपका सोच का नजरिया बदल जाएगा नेटवर्क इनके लिए सब कुछ है डायमंड सॉटर का काम तो इन्होंने 3 साल तक किया उसके बाद अपने भाई के साथ पीवीसी पैकेजिंग मटेरियल के बिजनेस में आ गए अच्छा पीवीसी पैकेजिंग मटेरियल में इनकी डिमांड बढ़ने.
लगी और डिमांड बढ़ने लगी तो प्रोक्योरमेंट की कोशिश करें रॉ मटेरियल इनको मिले नहीं इनकी रिक्वायरमेंट हो महीने की 20 मैट्रिक टन और इनको सप्लाई मिले खाली दो मैट्रिक टन की अब ये परेशान अब ये कहे अपने सप्लायर से दो सप्लायर से दो सप्लायर से दो सप्लायर दे ना पाए और सप्लायर क्या करता था नाम मिटा देता था ब्रांड का तो ये ब्रांड तक पहुंच भी नहीं पाते थे भाई कौन.
दे रहा है माल ये अब इन्होंने नेटवर्क बनाने का जो काम किया ना जिससे इनको दो मेट्रिक टन से 20 मेट्रिक टन पर पहुंचा इसको समझो गौतम भाई जो है ना बिग सप्लायर्स को ढूंढने के लिए जब सोर्सिंग मार्क उनको नहीं मिला वहां पर उनको ट्रेडमार्क मिल गया सोर्सिंग मार्क तो छुपा देते थे मिटा देते थे ट्रेडमार्क नहीं मिटा पाया जो उनका सप्लायर था और.
ट्रेडमार्क को फॉलो करते करते करते ये एक्चुअल सप्लायर जो सबसे बड़े भारत के थे जे शाह और जतिन कोटेचा वहां तक पहुंच गए ठप्पा जो था ना उस थप्पे से असली ठिकाने तक पहुंच गई है अडानी का अपना गुजराती दिमाग उन्होंने इस्तेमाल किया वहां पहुंचे लेकिन जाकर के बातचीत नहीं करी ये गुजराती ऐसे लोग हैं ये ढोकला खाने के शौकीन तो होते हैं पर धोखा खाने के शौकीन नहीं होते.
जे और जतिन फर्स्ट क्लास ट्रेन की टिकट लेकर के ट्रेवल किया करते थे रोज और ये क्या करते थे ये उनके आजूबाजू की टिकट लेकर चुपचाप उनको देखते रहते थे क्या बात कर रहे हैं क्या बात कर रहे हैं आपस में दूर से उनको ऑब्जर्व करते थे कुछ नहीं बोले कई दिन तक उनके साथ ट्रेवल करते रहे करते रहे लेकिन उनसे बात नहीं किया उनकी सारी बातें सुनके इनको समझ में आया ये.
बिजनेस की बातें करते हैं ये समझते हैं मैक्रो एनवायरमेंट क्या है धंधे में क्या चेंज होने वाला है और उनके साथ बैठ के उनके डायनामिक्स को सुना करते थे एक मौका इनको मिला इन्होंने अपना ज्ञान थोड़ा सा दिखाया जे और जतिन बड़े इंप्रेस हो गए जेएन जे दोनों का यार तो बहुत बढ़िया बिजनेसमैन लग रहा है दोस्ती बढ़ती गई अब सबने कहा ये सबसे बड़ा सप्लायर है ले लो.
उससे 20 मेट्रिक टन बोला नहीं सोने का अंडा देने वाली मुर्गी का पेट नहीं काटू एक बार में काम नहीं निकालू मुझे नेटवर्क बनाने दो इनके साथ ऐसा नेटवर्क बनाया इन्होंने जय जतिन के साथ में कभी ये उनको भोजन प बुलाए कभी वो उनको भोजन प बुलाए दोस्ती हो गई आपस में बातचीत होने लगी और फिर क्या हुआ इन्होंने जब बातचीत बातचीत ने बताया कि भाई मैं ये धंधा करता हूं और.
मेरे को बहुत बड़ी सप्लाई की जरूरत है तो जे जतिन ने क्या किया इनको कोरियन सप्लायर से मिलवा दिया जो कोरिया से तब इन्होंने इंपोर्ट एक्सपोर्ट की इंट्रीकेसी को पहली बार सीखा क्या होता है ये पहुंच गए कोरिया उसको बोले कि मेरे को 20 मैट्रिक टम माल दे दो वो कहता है इतना छोटा ऑर्डर तो हम लेते ही नहीं भैया इतना छोटा ऑर्डर लेते ही नहीं हम अब इसको सोचा कि 20 मेट्रिक टन.
इसको छोटा लग रहा है इसने सोचा ठीक है ओके 200 मेट्रिक टन दो अब बैंक प पहुंच गए कि भैया बैंक मेरे को लोन दे दे बैंक इनको लोन दे नहीं तू नया आदमी है भैया तेरे को क्या लोन दे अब विश्वास ही ना करे उसके ऊपर कि भाई तेरे को क्या लोन देंगे हम अब देखो क्या हुआ जे और जतिन की दोस्ती यहां फिर काम आई जे जतिन ने अपनी गारंटी देके इनको बैंक से लोन दिलवा दिया यहां तक कि.
नहीं नेटवर्क इनको नेटवर्क ही बनाना आता है इन्होंने धंधे खुद नहीं खोले सारे ये नेटवर्क के साथ धंधे मिले इनको और इसी नेटवर्किंग हैबिट से आगे के सारे स्ट्रेटेजिक लाइन सारे एक्विजिशन सारी पार्टनरशिप आप सुनना उस बात को कैसे करते थे कामयाबी अब बैंक से लोन भी दिलवा दिया कोरियन सप्लायर से सप्लाई भी दिलवा दी अब क्या किया अब माल बेचूंगा किसको वही जे.
जतिन ने इनको प्रिंस से फिनोलेक्स से सुप्रीम से कई बड़े ब्रांड से मिलवा दिया अब अडानी पीवीसी को लेकर के आए 30 पर डिस्काउंटेड रेट पे और सस्ते में माल बेचे माल धड़ाधड़ बिकने लग गया और ये थी कहानी शुरुआत की कैसे गौतम अडानी से द गौतम भाई अडानी बन गए वो अडानी का माइंड इतना शार्प था ना कि जे जतिन का नेटवर्क यूज़ करके उन्हीं को धंधे में पीछे छोड़ दिया इसीलिए.
आपको बोल रहा हूं ये टाइकून ऑफ इंडिया आप आज सुनना मेरी बात को इसकी पूरी प्लेलिस्ट है सारे के सारे वीडियोस देखो पिछला जो था जमशेद जी टाटा के इंप्रोवाइजेशन ऑन इनोवेशन हम या नारायण मूर्ति के लीडरशिप प्रिंसिपल्स उनको भी देखना अभी चलता हूं फास्ट फॉरवर्ड दूसरी स्ट्रेटेजी एमप्लीफिकेशन ऑफ नेटवर्क उस समय राजीव गांधी एक नई एजिम पॉलिसी लेके आए थे.
एमप्लीफिकेशन मतलब नेटवर्क और बढ़ाया इन्होंने राजीव गांधी की जो नई पॉलिसी थी 1985 में उस पॉलिसी में ऐसा था कि आप जितने का बा विदेश से विदेशी सामान लेकर आओगे उतने का सामान आपको बेचना भी पड़ेगा विदेश में तब जाकर के आपको इंपोर्ट क्रेडिट मिलेगा नहीं तो इंपोर्ट ड्यूटी पड़ जाएगी आप विदेश से सामान लाओगे विदेश में कुछ बेचो ग नहीं तो आपको लाने प जो.
ड्यूटी है उसके कारण आपका सामान महंगा हो जाएगा अब ये सोचिए यार एजिम पॉलिसी के चक्कर में मैं तो खाली इंपोर्ट करता हूं मैं विदेश में तो कुछ बेचता नहीं तो वो ड्यूटी का इनको बस जैसे जीएसटी का इंपोर्ट होता है ना इंपोर्ट क्रेडिट उसी तरह से इंपोर्ट क्रेडिट अब इंपोर्ट क्रेडिट का फायदा उठाना आप जो है गौतम भाई धंधे में ना हो करके भी धंधे के सारे फंडे जानते थे.
इंपोर्ट क्रेडिट के लिए उनको एक्सपोर्ट नहीं करना था उनको एक सपोर्ट चाहिए था एक्सपोर्ट नहीं चाहिए था ए एक्सपोर्ट हो गया विदेश में बेचना एक सपोर्ट हो गया ऐसा आदमी जो विदेश में बेच रहा है अगर मैं उससे पार्टनर कर लूं तो उसके विदेश में बेचने का मुझे फायदा मिल जाएगा एमप्लीफिकेशन ऑफ नेटवर्क पूछो कैसे इन्होंने क्या किया ऐसी कंपनियां ढूंढनी.
शुरू करी ऐसे किया कि गुज्जू दिमाग ने गुना भाग करना शुरू कर दिया और गुजरात स्टेट एक एक्सपोर्ट कॉर्पोरेशन थी कंपनी ये जो गुजरात जीएसीसी बोलते हैं इसको गुजरात स्टेट एक्सपोर्ट कॉर्पोरेशन ये हैंडीक्राफ्ट बहुत एक्सपोर्ट करते थे और इंपोर्ट कुछ करते नहीं थे तो उनके पास इंपोर्ट क्रेडिट बचा हुआ था उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे ये गए उनके पास बोला.
ऐसा है भैया हमसे पार्टनरशिप कर लो आप जो एक्सपोर्ट करते हो उसका क्रेडिट हम ले लेंगे और उसके बदले में आपको कन्वीनियंस फी दे देंगे आपके लिए तो एक्स्ट्रा कमाई है आपका लग कुछ रहा नहीं है आपका कुछ नहीं लग रहा जीएससी ने कहा बहुत बढ़िया आईडिया है बताओ कितने का करो बोला मैं तो 200 मेट्रिक टन का काम करता हूं अब जीएसीसी ने दिमाग लगाया 200 मेट्रिक टन पे समझो ₹ पे.
0 का और 0 का फायदा और ₹ के फायदे में यह ₹ की कन्वीनियंस फीस देगा क्या फायदा जीएससी ने मना कर दिया अब ये परेशान भैया मना कर दिया इने कहा कोई बात नहीं एक काम करो सोच रहे हो कितनी बड़ी है अभी बताता हूं क्या दिमाग लगाया इन्होंने क्या कहा जीएसीसी को बोला कि ठीक है मैं अभी 200 मेट्रिक टन का काम कर रहा हूं ना मैं 2000 मेट्रिक टन की आपको गारंटी देता हूं और.
अगर मैं 2000 मेट्रिक टन पे एक साल में नहीं पहुंच पाया तो पेनल्टी के रूप में वो जो पैसा आया वो मैं आपको वैसे ही दे दूंगा 2000 के हिसाब से ही दे दूंगा उसको पेनल्टी मान लेता हूं मैं एक कमिटमेंट करके आ गए उनको जीएसीसी ने हां कर दिया अब ये 200 से 2000 की तरफ जा अभी दो मेट्रिक टन से 20 पे गए थे 20 से 200 पे गए 200 से 2000 मेट्रिक टन पे यानी कि पिछली बार से.
10 गुना उससे पिछली बार से 100 गुना गौतम भाई ने क्या किया इन्होंने क्या किया अब इन्होंने बहुत कमाल कर दिया जाकर के कोरियंस को बोले मैं अब 200 की जगह 2000 मेट टन का ऑर्डर दे रहा हूं मेरे को माल सस्ते में चाहिए कोरियंस ने इनको 15 पर डिस्काउंट दे दिया जीएसईसी से इन्होंने इंपोर्ट क्रेडिट का फायदा उठा लिया वह पैसा भी कम हो गया डबल पैसा कम हो गया.
कोरियन से भी डिस्काउंट मिला और जो यहां पे टैक्स लगना था या जो ड्यूटी लगनी थी भारत में लाने की अब वो भी नहीं लग रही दो जगह से पैसा बचने के कारण इनका माल हो गया बहुत सस्ता बाजार में सस्ता माल होने के बाद अब इनको और कस्टमर मिल गए इनको प्रिंस भी मिल गया फिनोलेक्स भी मिल गया सुप्रीम भी मिल गया अपोलो भी मिल गया इनको ड्यूटन भी मिल गया प्लास्टो भी मिल गया छोटे बड़े.
कई एमएसएमई को ही अपना माल बेचने लगे लोएस्ट पीवीसी रेट पे इन्होंने माल बेचा एक तीर से दो-तीन निशान इकट्ठे लगा दिए सबने माल इतना खरीदा इतना खरीदा पूरा प्रिंस फिनले सुप्रीम अपोलो यूटन सब माल खरीदने के बाद हुआ क्या कमिटमेंट किया था इन्होंने 2000 मेट्रिक टन का और जीएस किसी के होश उड़ गए ये 10000 मेट्रिक टन बेच दिए जितना कमिटमेंट करके आए तो वैसे ही वो.
कमिटमेंट 10 गुना ज्यादा थी और 10 गुना ज्यादा की कमिटमेंट को 500 पर और ज्यादा कर दिया अब 1986 में गौतम भाई बेशक जड़ से शुरू नहीं करते धंधा लेकिन जहां जुड़ जाते हैं वहां जादू कर देते हैं इसको बोलते हैं एमप्लीफिकेशन ऑफ नेटवर्क अपने नेटवर्क को और बड़ बड़ा करते गए ये ना काम के लोग ढूंढते रहे शुरू से हमेशा हर धंधे में उन्होंने यही किया काम का आदमी ढूंढो.
जिसके साथ आगे बढ़ता हूं ये अपॉर्चुनिटी स्कैनर है यही है मेरी स्ट्रेटेजी नंबर थ्री अपॉर्चुनिटी ढूंढते थे हर समय पीवीसी ट्रेडिंग में सब धंधा सुपर हिट हो गया अब ऐसा क्या करें कि दो-तीन लाख करोड़ का नया बड़ा बिजनेस बन जाए आप कोई नया धंधा ढूंढ रहे अब तक टीम बना चुके थे है ना अब टीम बना चुके थे टीम से उन्होंने बातचीत किया तो टीम ने कहा सर ऐसा इंडिया और फॉरेन.
कंट्रीज के बीच में 90 पर ट्रेड 90 पर इंपोर्ट या एक्सपोर्ट समुंदर से होता है बोले हां सर समुंदर को खरीद ले समुंदर का किनारा खरीद ले अगर इसमें घुस गए तो हमारा इंपोर्ट एक्सपोर्ट तो होगा जिसका भी होगा उस पर पैसा खाएंगे मोटा पैसा सुनके मोटा भाई की आंखें चमक गई फिर कहता मोटा भाई हिसाब किताब जोड़ने में लग गए गुना भाग किया उन्होंने कैलकुलेट किया यार एक लाख.
करोड़ का धंधा तो बन जाएगा सुनना किया कैसे अब आप पूछोगे कैसे एक लाख करोड़ 1 लाख करोड़ कैसे मल्टीपल रेवेन्यू स्ट्रीम समझ में आ गई इनको इन्होने कहा पोर्ट अगर मेरा हो गया तो कार्गो जो आएगा जाएगा उसकी लोडिंग होगी अनलोडिंग होगी किराया खाऊंगा जो भी शिप आएगा समुद्र आएगा उसका सामान को स्टोर करना है किराया खाऊंगा कोई शॉर्ट टर्म होगा कोई लॉन्ग टर्म होगा पोर्ट में.
वेयर हाउस होगा उसमें बर्थिंग अनबर्डन फीस होगी बर्थ समझते हो ट्रेन की बर्थ समझ लो आप ट्रेन की बर्थ पर जाके बैठते हो ऐसे ही समुद्री जहाज से कोई सामान आता है वो बर्थ के ऊपर रखा जाता है उसमें पैसा लूंगा जब उतारा जाएगा उसमें पैसा लूंगा हां और क्या होगा वैल्यू एडेड सर्विसेस में कमाऊ कस्टम्स के साथ में इंश्योरेंस के साथ में लॉजिस्टिक्स के साथ में अब इन्होंने सोचा.
इतना ही नहीं कई शिपिंग कंपनी बहुत बड़ी है दुनिया की इतनी बड़ी-बड़ी कंपनियां है उनके साथ लॉन्ग टर्म कांट्रैक्ट कर सकता हूं वहां कमाऊ आपको पता है दुनिया की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी जिसके समुद्री जहाज है वो है मर्क मर्क के अलावा है मेडिटरेनियन शिपिंग कंपनी एक भारत की है द शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया सरकारी कंपनी एक एसआर शिपिंग ये सब कितनी सारी बड़ी-बड़ी.
शिपिंग कंपनी बोला इनसे लंबे कांट्रैक्ट होंगे तो लंबे समय तक आराम से स्टेबल रेवेन्यू आएगा मतलब स्थिर होगा रोज रोज गड्डा नहीं खोदना पड़ेगा तो ऐसा पोर्ट बनाते हैं अब वहां पे बड़ी रियल एस्टेट की अपॉर्चुनिटी है वहां वेयर हाउस होगा वहां ट नल होगा वहां जेटी जेटी समझते हैं आप जैसे समुद्र में ना आगे एक एक पतला सा पगडंडी सी जा रही होती है जहां आकर के.
जहाज रुकता है और जेटी पर समान उतरता है बोला जटी किराए पर चढ़ाऊ वहां से रेवेन्यू लूंगा और अपने खुद का भी तो फायदा होगा मैं भी तो इंपोर्ट कर रहा हूं मेरा भी तो कमीशन का आउटफ्लो होता है जब मैं इंपोर्ट करता हूं तो वो पैसा भी बचेगा और जितनी दुनिया भर की कंपनी आएंगी मेरे यहां ऐसे ही जाएंगी तो सबका किराया खाते रहूंगा एक बार पोर्ट बनाऊंगा किराया खाते रहूंगा और.
सबसे दोस्ती भी करूंगा इनमें कोई बड़े मिल गए उनसे कोई नया धंधा भी कर लूंगा ऐसा नया एक्सपोजर निकाल के लाऊंगा अब तक टीम्स पूरी रिसर्च कर चुकी थी दो पोर्ट सरकार खोल रही थी एक मुंद्रा एक कांडला दिमाग देखो गुज्जू भाई का इन्होंने कहा कांडला छोड़ दो मुंद्रा पकड़ेंगे और क् क्यों क्योंकि मुंद्रा में ना जो समुद्र का पानी बहुत डीप है जब डीप होगा पानी तो बड़ा.
जहाज आ सकता है अगर पानी डीप नहीं होगा तो रेत में जहाज अटक जाएगा आगे तक नहीं आ पाएगा किनारे तक नहीं आ पाएगा बोला व समुद्र का पानी वहां डीप है उसको लो और वो ट्रेड जो है ना यूरोप का और मिडिल ईस्ट का उसके नजदीक पड़ता है मुंद्रा इसलिए कांडला छोड़ दो मुंद्रा पकड़ लो गुजरात के पास लांगेस्ट कोस्टलाइन है सबसे से लंबी कोस्ट लाइन है 1600 किमी की जितनी ज्यादा जगह.
उतना पैसा छापें नोट छापें और यहां जो है इस तरफ मुंद्रा की तरफ टाइडल वेरिएशन जो होती है ना क्या बोलते हैं चक्रवर्ती तूफान जो आता है समुद्र के अंदर बोला यहां बहुत कम होता है और इसी के पास में पेट्रो केमिकल वाले बैठे हैं टेक्सटाइल वाले बैठे हैं दूसरे केमिकल वाले बैठे हैं यहां पे इनका डिमांड एक्सपोर्ट इंपोर्ट बहुत हो रहा है इनको मुद्रा में मुद्रा दिख गई और.
उसी मुद्रा से इन्होंने कमाया गौतम को समझ में आ गया कि अगर ये पीस मैं खरीद लूंगा ना तो ये पीस आगे चलके बहुत वैल्युएबल हो जाएगा और कैसे इन्होंने ₹ एकड़ के हिसाब से किस तरह लिया उसकी भी कहानी है यहां पे मैं कहते कि मैं इनको पोर्ट हाईवे एयरपोर्ट रेलवे लाइन सबसे इसको कनेक्ट करके गौतम रेंट देना नहीं जमीन खरीद के आगे रेंट लेना चाहते थे इसलिए उन्होंने.
रेंट पे लिया नहीं तो गौतम ब्यूरोक्रेट्स को बुलाया उनको क्या बोले आओ तुम्हारे को अब मैं हवाई जहाज प घुमा के लाता हूं मुंद्र के ऊपर सारे ब्यूरोक्रेट्स को सरकारी बाबुओं को हवाई जहाज में घुमा के ले गए और खाना खूना खिला रहे हैं और अपना आराम से खा पी रहे हैं मस्ती से और ठीक चल रहा है ठीक बहुत बढ़िया चल रहा है सब हवाई जहाज में सारे सरकारी बाबू बैठे हुए हैं.
और उनको ऊपर से कहते हैं ये तो जमीन देख रहे हो यहां पे बाढ़ आई थी फ्लडेड है ये अनयूजेबल है ये इनफर्ट इल है यहां किसान कुछ नहीं उगा सकता यह वेस्ट लैंड है यह मुझको आप किसान से दिलवा दो किसान को थोड़ा बहुत मुआवजा दे दूंगा और उसको अपने यहां नौकरी पे भी रख लूंगा तो सारे सरकारी बाबू को लगा बात तो ठीक है जब वेस्टलैंड ये फ्लडेड ही है जब किसी काम ही नहीं आना.
है उनको एरियल व्यू दिखाकर उनका व्यू पॉइंट बदल दिया और जैसा व्यू दिखाया व्यू पॉइंट बदला अब फार्मर्स वो खुश कि उनको कुछ कंपनसेशन मिल गया अच्छा उनको साथ में नौकरी भी मिल गई याद रखना इनका मुद्दा बिल्कुल सिंपल है ऐसी ऐसा बड़ा पोर्ट बना दूं कि ऐसे पोर्ट प जो आएगा जाएगा समझो जो जुआ खेलता है ना वो नहीं कमाता जो जुआ खिलाता है वो कमाता है जो रेस कोर्स में.
घोड़ा दौड़ा है ना वो नहीं कमाता जो रेस कोर्स चलाता है वो कमाता है हां ये पूरा का पूरा रेस कोर्स खरीद लिया इन्होंने अब जितने घोड़े दौड़ेंगे सब तक पैसा कमाऊ अब अडानी की अगली चुनौती क्या थी अब ले तो रहा हूं मैं इतना पैसा कहां से लाऊंगा पहुंच गए बैंक के पास में अब बैंक ने कहा भाई तुम्हारा एक्सपीरियंस नहीं है तुम नए प्लेयर हो रिस्क बहुत है लीगलिटी बहुत.
कॉम्प्लेक्टेड अभी सरकार के पास पहुंच गए बोला हम सरकार को कमाने का बहुत बड़ा अपॉर्चुनिटी देना चाहते हैं बोले कैसे प्रेजेंटेशन दी और बोला इसमें 26 पर हिस्सेदारी आपकी मेरी 74 पर हिस्सेदारी सरकार को बड़ा अच्छा लगा यार गुजरात सरकार को ये बहुत बुद्धिमान आदमी निकला गुज्जू बोला लाओ हमको 26 पर दे दो और सरकार के साथ जुड़ते ही इनको ग्रांट और सब्सिडी मिल.
गए सारे नियम कानून कागज पत्र रेगुलेटरी चेक कंप्ला सारे पूरे हो गए और गवर्नमेंट के पार्टनर बनने से इनकी अपनी इज्जत और क्रेडिबिलिटी भी आ गई अब आज क्या हुआ नेटवर्किंग पार्टनरशिप के अमिताभ बच्चन गौतम भाई अडानी आज मुंद्रा बैक बोन बन चुकी है इनके पूरे एंपायर की मुंद्रा सबसे हाईएस्ट अर्निंग पोर्ट है भारत का 9 पर पूरे ग्रुप का रेवेन्यू केवल एक मुदरा से.
आ रहा है और पोर्ट का जो ऑपरेटिंग मार्जिन है 50 पर के आसपास इनका मार्जिन है आप कहोगे 1 लाख करोड़ का बिजनेस कैसे बनेगा मैंने शुरू में बताया था भाई साहब 3 लाख करोड़ का धंधा हो गया जितना एस्टीमेट किया उससे ज्यादा अर्न किया गुज्जू कोई बात अगर ठान ले तो ठन ठन गोपाल को भी ध धन गोपाल बना दे ये थी मेरी तीसरी स्ट्रेटेजी अपॉर्चुनिटी स्कैनर हर समय अपॉर्चुनिटी.
ढूंढते रहते हैं अब नई अपॉर्चुनिटी ढूंढने के लिए ये आगे बढ़े पोर्ड बिजनेस में अडानी ने सस्टेनेबल रेकरिंग रेवेन्यू तैयार किए और सस्टेनेबल रेकरिंग रेवेन्यू ही सब कुछ है धंधा होता ही यही है एक बार पैसा लगाया पैसा आता रहे है ना यही तो मैं लीडरशिप फन में सिखाता हूं ना हमेशा कि आप आपकी प्रॉफिटेबिलिटी और रिटर्न ऑन इक्विटी कैसे बढ़े रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट कैश.
फ्लो मैनेजमेंट फाइनेंशियल प्लानिंग आपका कॉस्ट ऑफ कस्टमर एक्विजिशन कैसे घटे लीडरशिप फनल बड़ा गेम चेंजर हो गया इसलिए कभी भी सीट नहीं बचती कभी नहीं बचती लीडरशिप फनल में तकलीफ ही है क्योंकि कसम खाते हैं सब लोग यहां आपका बिजनेस का टर्नओवर पट पट पट पट पट बढ़ता है मैं वो फ्रेमवर्क देता हूं कस्टमर के मनी मेकिंग मॉडल समझाता हूं आपको और सबसे इंपोर्टेंट.
है एग्जीक्यूशन के फ्रेमवर्क देता हूं सुनो डॉक्टर विवेक बिंद्रा की बुलेट ट्रेन है जो चढ़ जाए उसका जो 10 साल का जो भविष्य है वह सिर्फ 10 महीने में भी खड़ा हो सकता है यहां पे आके आपके सारे जो कांसेप्ट है वो बदल जाएंगे दिमाग का ढक्कन खुल जाएगा 100 करोड़ बनाऊंगा बट अभी लग रहा है 2000 करोड़ बना सकते हो मेरे कंपनी को बिजनेस के जो गुरु बोलते हैं वह विवेक.
सर है मैं सजेस्ट करूंगा जितने भी यंग एंटरप्रेन्योर बार जॉइन करें आ स्ट्रांग्ली रिकमेंड दिस प्रोग्राम टू एवरीवन आज की तारीख में इससे बढ़िया प्लेटफार्म कहीं नहीं है हजारों फाउंडर्स आते हैं और मैं कुछ कुछ सिलेक्ट भी कर लेता हूं वहां पे जिन पे मेरा दिल आ जाता है मुझे समझ में आता है ये दमदार है फाउंडर इस बिजनेस में दम है फाउंडर में दम.
है उनको मैं आईपीओ तक हाथ पकड़ के लेके जाता हूं ऐसे तो अब दिवाली समाप्त हो गई है और दिवाली से फ्री होने के बाद हमने 89 10 नवंबर का प्रोग्राम रखा था ये जो दिल्ली में हो रहा है है आप इसके बारे में फोन लगा के पता लगा लो नंबर मैंने आपको दे दिया 98105 4443 इस अपॉर्चुनिटी स्कैनर के पास वापस आते हैं चौथी जो स्ट्रेटजी है वो है स्किन इन द गेम यानी कि सामने वाले को.
ऐसा बना दो स्किन इन द गेम क्या है तेरी जीत मेरी जीत तेरी हार मेरी हार ऐसा सिस्टम बनाया उन्होंने कि भाई मैं जिसके साथ लंगा ना वो जीतेगा तो मैं जीतूंगा मैं जीतूंगा तो वो जीतेगा तो मैं बताता हूं कहानी कहां से शुरू हुई एक दिन मुंद्रा पोर्ट पर अपना टहल रहे आराम से गौतम भाई टीम से पूछा आजकल क्या चल रहा है टीम ने बोला आजकल कोयला चल रहा है कोल चल रहा है.
अच्छा तो कोल को गोल बनाओ ये स्किन इन द गेम में क्या किया इन्होंने बोला क्या 1 लाख करोड़ का नया धंधा बनाते हैं इसमें बोले कैसे हाईएस्ट ट्रेडेड कमोडिटी उस समय भारत की कोल थी क्योंकि जितनी बिजली बन रही है वो कोयले से बन रही थी पूरे भारत में 30 पर का मार्जिन अब इसकी स्ट्रेटेजिक टीम ने सोचा कि कोल के अलावा अगले 20 साल तक अगले 25 साल तक कोई और तरीका नहीं.
जिससे बिजली बनेगी तो एक लाख करोड़ का बिजनेस तो बन जाएगा इसमें इनकी शुरुआत ही वहीं से होती है ये वो नहीं सोचते कि मैं अपने शहर में कमाल कैसे कर दूं ये पूरे भारत का एक साथ सोचते हैं पूरे भारत को कैसे खा जाऊं पूरे का पूरे भारत को शुरुआत ही ऐसे है हां ये कहते है भाई डोमेस्टिक कोल प्रोडक्शन बताओ कितनी बोले 50 पर ही बना पा रहे हैं 50 पर का शॉर्टेज है अभी.
भारत में और इंडिया सेकंड लार्जेस्ट स्टील प्रोड्यूसर था स्टील बिना कोयले के बन नहीं सकता कोयला तो स्टील का ऐसा है कि मतलब बिल्कुल जीवन साथी है उसका अब बिजली बनानी हो कोयला चाहिए सीमेंट बनाना हो कोयला चाहिए फर्टिलाइजर बनाना हो कोयला चाहिए पेंट बनाना हो कोयला चाहिए वाटर प्रूफिंग मटेरियल कोयला चाहिए रेलवे है मरीन है कोयला चाहिए कोई फ्यूल का.
प्रोडक्शन हो रहा है चाहे गैसोलीन है डीजल है जेट फ्यूल है कोयला चाहिए अभी भाई इतना कोयला चाहिए ये बोले भाई कोयले की डिमांड अगले 20 साल में 300 पर बढ़ेगी और मार्जिन 30 पर है अगर डिमांड इतनी और मार्जिन इतना मैं दोनों को मल्टीप्लाई करूं छा गया गुज्जू भाई का दिमाग बहुत तेज चला गुज्जू भाई ने कहा कि यार बड़ी एडेड एडवांटेज है मेरे को अगर मैं इसको पकड़ जाऊ किसी तरीके.
से तो इन्होंने क्या किया भारत को छोड़ दिया भारत से कोयला नहीं लिया क्योंकि यहां इल्लीगल माइनिंग के चक्कर में ना जिंदाबाद जिंदाबाद मुर्दाबाद बहुत होता था एनवायरमेंटलिस्ट यहां प्रोटेक्शन के लिए बहुत लड़ाइयां करते थे बोला मेरे को पढना ही नहीं लफड़े में बोला इसके बाद दूसरा सबसे अच्छा अपॉर्चुनिटी और क्या हो सकता है भारत के अलावा तो पता किया ऑस्ट्रेलिया.
के बारे में ऑस्ट्रेलिया के पास बहुत कोयला है लेकिन खास कोयला है उनके पास कोकिंग कोल है कोकिंग कोल जिससे कोक बनता है हां ये वो कोयला है जिससे वो स्टील बनाने में काम आता है ये ये वो सखत हो जाता है कोयला इसकी प्रोसेसिंग के बाद में वो ये कोयला बड़े काम का है बड़ा वैल्युएबल कोयला है अब स्किन इन द गेम में दिमाग क्या लगाया भाई नेटवर्किंग का आदमी.
इनको नेटवर्क चाहिए पार्टनर बनाने ऑस्ट्रेलिया पहुंच गए वहां लोकल आदमी देखा जिसके पास सबसे बड़े माइन है उनको क्या बोला कि भाई एक काम करो तुम रेगुलेटरी एडवांटेज सारी संभालो तुम्हारी रीजनल एक्सपर्टीज है तुम्हारे साथ मिल के काम करते हैं बोले मिल के क्या करते हैं ले लो हम तुम्हें दे देते हैं खदान बोले कितने की दोगे बोले डेढ़ बिलियन डॉलर की दूंगा.
ढ़ बिलियन डॉलर ये समझ के ज्यादा है इन्होंने कहा क्या डेढ़ बिलियन डॉलर ले रहे हो मैं तुम्हें और बढ़िया आईडिया देता हूं बोला क्या अब फ्रंट 500 मिलियन डॉलर पकड़ो और जितना कोयला बिकेगा उसमें तुम्हारी रॉयल्टी जितना कोयला बिकेगा उसमें तुम्हारी रॉयल्टी तुम पार्टनर बन जाओ ना मेरे साथ में 500 मिलियन डॉलर तो जेब में रखो कोयला निकालो कमाओ कोयला.
निकालो कमाओ 500 मिलियन डॉलर तुम्हारे फ्री के अच्छा गौतम भाई ने अपने आप को सेव कर लिया सीधा डेढ़ बिलियन लगाना नहीं पड़ा 500 मिलियन में काम चल गया और हुआ क्या स्किन इन द गेम हां तेरी जीत मेरी जीत तेरी हार मेरी हार तू मेरा पार्टनर हां लोकल पार्टनर सारी मेहनत करे सरकारी क्लीयरेंस कराने में सरकारी लाइसेंस कराने में प्रॉफिट भारी ना हो परमिट जारी होगा.
और क्या परमिट जारी कराया लॉन्ग टर्म सपोर्ट अब क्योंकि वो ऑस्ट्रेलियन गोरा वो कमाए का कैसे जितनी माइंड परफॉर्म करेगी जितना माइंड से कोयला निकलेगा उतना कमाए वो तो वो लग गया भाई निकालो कोयला निकालो वो पूरी जिम्मेदारी ले ली उसने अंदर वो घुस गया पार्टनर एक्टिवली इवॉल्व हो गया अब पार्टनर ने इतना इवॉल्वमेंट हो कर के खुद ही सारे काम करने शुरू कर दिए भाई लग.
गया या सरकार का काम ये काम खदान का काम निकालना ट्रांसपोर्ट कराना क्योंकि उसको पता है जितना कोयला बिकेगा उतना कमाऊ यही था गौतम भाई का आईडिया कि अब तू बेटा कोयला निकाल मैं अगले धंधे की तरफ चलता हूं इसको बोलते हैं स्किन इन द गेम तू काम संभाल मेरे को नया धडा ढूंढना है ये वाला तो चालू हो गया और आउटकम क्या है आज गौतम भाई की छ महीने तीन देशों के अंदर इंडिया.
ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया और अडानी सबसे बड़े इंपोर्टर हैं कोयले के 50 पर भारत का कोल इस समय अकेले अडानी दे रहे हैं और ये कंपनी जो सोची थी 1 लाख करोड़ की आपको हैरानी होगी 35 लाख करोड़ की कंपनी बन गई हम सोचते ही ऐसे हैं 31 पर ग्रुप का रेवेन्यू हीं से आ रहा है जो बोला था ना 1 लाख करोड़ ये कोल को गोल बनाने का नतीजा क्या है 35 लाख करोड़ स्किन इन द गेम.
दिमाग क्या है नेटवर्किंग पार्टनर बाकी जहां नौकरी कॉ पे जाते हैं गुजराती लोग नौकरी कॉ नहीं नौकरी दो कॉम ये एक ऐसी कॉम है जो नौकरी देती है यह कौम ही अलग है कौम समझते हो ना जाती कौम यह नौकरी दो कौम है नौकरी दो कॉम ये कंपनी में नहीं जाते ये कंपनी बनाते हैं ये धंधे को डबल करना मार्केट को मुट्ठी में रखना इनके खून में होता है तबी जब भी इनसे पूछो केमछो कहते.
हैं मजामा हां देश के दिग्गज लोग भी आज कमेंट कर रहे हैं नीचे आक के ये टाइकून ऑफ इंडिया है जानेमन अभी पीछे डॉक्टर किरण बेदी जी ने कमेंट किया जब जमशेद जी टाटा के ऊपर मैंने वीडियो बनाया टाटा ग्रुप कितना बड़ा है तो आपको भी कमेंट पे आ कर के बताओ किसकी स्ट्रेटेजी देखनी है क्योंकि मैं ना यहां स्टोरी नहीं सुना रहा हूं मैं डेप्थ इन स्ट्रेटेजी दे रहा हूं.
ऐसी स्ट्रेटेजी दे रहा हूं जिससे समझ में आए फास्ट फॉरवर्ड पांचवी स्ट्रेटेजी बोरिंग बिजली बिजनेस ये सारे धंधे बोरिंग धंधे करते हैं बोले भाई कोयला मेरे पास है कोयले से अगर बिजली बनाऊंगा तो हिसाब जोड़ते हैं कितना कमाऊ होश उड़ गए असली पावर तो पावर के बिजनेस में कोयला मेरे पास है ही ये अरे पावर बनाते हैं टीम से पूछा कितना कमा सकते हैं हो जाएगा कम से.
कम 1 लाख करोड़ टीम ने हिसाब लगाया सन 2000 की बात है 110 करोड़ की पॉपुलेशन 55 पर लोगों के पास बिजली है नहीं बोला यानी कि 55 करोड़ लोगों को बिजली देने की संभावना है और ये दो गुना बढ़ जाएगी अगले 20 साल में 75 पर एनर्जी की नीट बढ़ती चली जा रही है बोला एक और बिलियन डॉलर अपॉर्चुनिटी और नेचुरल ट्रांजिशन है क्यों रॉ मटेरियल कोयला मेरे पास है ही है कोल.
माइंस मेरे पास है ही है लार्जेस्ट इंपोर्ट का कोल मैं ही हूं और मैं मेरी रिड्यूस रिड्यूस हो जाएगी ऑपरेटिंग कॉस्ट क्योंकि मुझे किसी और से नहीं देना पड़ेगा और स्टेबल पावर सप्लाई दे पाऊंगा मैं कमाल कर दूंगा कंपनी ने फीजिबिलिटी एनालिसिस पूरी टीम ने किया इनके बैठ कर के तो क्या हुआ भयंकर हैंडसम प्रॉफिट मार्जिन इनको समझ में आया काम शुरू करने से पहले ही.
हरियाणा सरकार से पहले ही ऑर्डर ले आए अभी काम चालू नहीं हुआ हरियाणा सरकार ने हमको दे दो भैया बिजली हमारे गांव में बिजली लगाएंगे सबके यहां और हरियाणा सरकार में जो है उन्होंने ओके कर दिया अब भाई ने देखा कि मुंद्रा स्पेशल इकोनॉमिक जोनन में तो मैं कर ही दूंगा हरियाणा सरकार का ऑर्डर मिल गया अब टेक्नोलॉजी का एक चैलेंज कि मुझे यहां से गुजरात से हरियाणा बिजली.
भेजनी है कैसे भेजूंगा कोई ईमेल पे तो भेजूंगा नहीं कोई कूरियर तो करनी दूंगा अडानी को टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स की पूरी टीम लगाई कि मैं सस्ते में बिजली कैसे पहुंचाओ तो दो तरह से होता है एक तो होता है एसी ट्रांसमिशन जो कि अल्टरनेट करंट ट्रांसमिशन एक है एचवी डीसी ट्रांसमिशन अब जो एसी है वो ना क्या है उसकी वोल्टेज कंट्रोलेबिलिटी कम होती है ज्यादा जो है.
ना अ बड़े इलेक्ट्रिक टावर चाहिए उसको सप्लाई करने के लिए और ज्यादा से ज्यादा 600 किमी तक उसकी बिजली जाएगी तो लाइन की कॉस्ट भी बहुत हाई है भी दूर तक नहीं जाएगी पैसा भी ज्यादा लग रहा है और स्टेबल भी नहीं है एचवीडीसी ये कमाल की है ये हाई वोल्टेज लेके जाएगी छोटे-छोटे बिल्कुल छोटे-छोटे नन्ने नने टावर में भी चली जाएगी और तीन गुना दूर तक जाती है वो जाती.
है 600 किमी जाती है 1800 किमी और जो है अपनी अपने आप ही रिड्यूस कॉस्ट हो जाएगी लाइन की मेरी क्योंकि मैं फ्यूअर कंडक्टर के साथ ही भेज दूंगा इसको वहां पे लाइन कॉस्ट बहुत ज्यादा थी अब इसको समझ में आ गया अब भेज तो दिया लेकिन हाई वोल्टेज जो करंट है वो तो पब्लिक को डिस्ट्रीब्यूटर नहीं सकते अब दिक्कत आ गई वहां पे कि भाई हाई वोल्टेज को वहां पे में कन्वर्ट कैसे.
करूं सिंपल घर वाली बिजली कैसे बना दूं उसको मैं अब इनको फिर से आपको पता है नेटवर्किंग के बादशाह पार्टनर बना लेते हैं हर एक को खुद कुछ करना नहीं है पार्टनर को लगाओ उसको भगाओ साथ में महिंदरगढ़ में इन्होंने क्या किया वहां देखा सरकारी पावर हब स्टेशन है और पावर सब स्टेशन जो सरकारी है वहां जाकर उनको बोला अपन पार्टनरशिप कर लेते हैं आपको बिजली.
मैं फ्री में दूंगा आप मेरे एचवीडीसी को अल्टरनेट करंट में घर में इस्तेमाल करने वाली साधारण भाषा में बिजली के लिए कन्वर्टेबल्स करा दो मेरा यहां पे उन्होंने कह दिया ओके जी ये हमको फ्री में बिजली लगा लिया पार्टनर पार्टनर ने पहले से प्लांट लगा प्लांट लगाने ने का खर्चा बच गया सारा का सारा डेडलाइन से पहले ही पावर लाइन सेट कर दिया क्योंकि डेडलाइन.
हरियाणा सरकार ने दे रखी थी और ये नेटवर्किंग पार्टनरशिप के भगवान है हां गौतम भाई और रेस्ट इज हिस्ट्री उसके बाद क्या हुआ उसके बाद गुजरात महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ राजस्थान कर्नाटका एमपी झारखंड सब इनके पीछे लग गए हमको बिजली दो हमको बिजली दो हमको बिजली दो सब जगह इन्होंने बिजली पहुंचाने शुरू करी आउटकम क्या है अडानी पावर आज लार्जेस्ट प्राइवेट थर्मल.
पावर प्रोड्यूसर है भारत का नौ राज्यों में 15 पर पॉपुलेशन को बिजली ही दे रहे हैं और कंपनी क्या सोची थी 1 लाख करोड़ की एक और 2.3 लाख करोड़ सवा लाख करोड़ की एक और कंपनी बना दी सोच 1 लाख करोड़ से शुरू करता है भाई ये शुरुआत ही 1 लाख करोड़ से सोचते हैं और दो ढाई लाख करोड़ प जाके पहुंचते हैं जो सोचता है उससे बहुत ज्यादा करके दिखा है और बोरिंग बोरिंग बिजनेस.
करते हैं ये ये ऐसा बिजनेस नहीं करते कोई बड़ा एक्साइटिंग बिजनेस हो मेरा पैशन है जी पैशन है पैशन नहीं है पैसा बताओ कहां है कोई पैशन फैशन नहीं चाहिए पैसा बताओ कहां है धंधा ऐसे लगा दिया एक बार सेट कर दिया पैसा आता रहेगा आता रहेगा आता रहेगा आता रहेगा आता रहेगा आता रहेगा आता रहेगा आता ही रहेगा आता ही रहेगा बिजली बनती रहेगी पैसा आता रहेगा हमेशा कहता हूं आज.
भी कह रहा हूं मन मनर कहानियां नहीं सुनाता हूं मनोहर कहानिया सुननी है छोड़ दो इसको चले जाओ यहां चैनल से यहां पे खाली वो लोग आ रहे हैं जिनको डेप्थ सीखनी है स्ट्रेटजी की ये चैनल बिजनेस के स्टेटिस्टिक्स और बिजनेस की स्ट्रेटेजी का है वो सीखना है मोस्ट वेलकम हाथ खुले हाथों के साथ बताता हूं आपको फास्ट फॉरवर्ड छठी स्ट्रेटेजी सीएनजी पीएनजी.
एलएनजी इंटीग्रेटेड स्ट्रेंथ यहां आया अडानी गैस लिमिटेड और बाद में चलके बनाय अडानी टोटल गैस लिमिटेड यहां भी टोटल कंपनी टोटल गैस सबसे बड़ी दुनिया की कंपनी उसको भी पार्टनर बनाया उन्होने कैसे किया अडानी के लिए बिजनेस सफल होने का मतलब है अगले बिजनेस की शुरुआत करना बिजली के लावा और ऐसी क्या चीजें जिसकी डिमांड बढ़ रही है तो टीम ने बोला सर बिजली तो आ गई रोटी.
कपड़ा मकान होता है तो रोटी तो खाएंगे घर में खाना बनेगा गैस दे दो सबको पूरे देश में खाना बनेगा रिसेशन आना ही नहीं है खाना तो खाना ही है चाहे तनखा कम हो ज्यादा हो गैस बनाते हैं पूरे देश में देंगे गैस ओ डनी का दिमाग चल पड़ा कमाल हो गया भाई भारत में गैस की बहुत कमी है लोग आज भी छूले में बना रहे हैं इसने देखा पीएनजी और सीएनजी दो गैस का काम इकट्ठे कर.
सकते हैं पीएनजी क्या होता है बता देता हूं आपको इजी पाइप्ड नेचुरल गैस ये कुकिंग में घर में खाना बनाने का सीएनजी कंप्रेस नेचुरल गैस इनको समझ में आ गया कोयले का को विकल्प तैयार करना है गाड़ियों में सीएनजी डल है पावर जनरेशन में सीएनजी काम होती है 50 मिलियन मेट्रिक टन की जरूरत है और 25 अवेलेबल है भारत में इतनी सारी जरूरत है और इस जरूरत को पूरा करने के लिए.
हम आ गए अडानी है है जी अब पहले ही एंटीसिपेट कर लिया उन्होने 20 साल में कितनी जरूरत होने वाली है 140 करोड़ लोग होंगे और 140 करोड़ लोगों में अगर मैं 14 करोड़ लोगों को भी दे दिया तो भाई साहब ये दोती लाख करोड़ का धंदा हो जाएगा कंप्रेस नेचुरल गैस व्हीकल में आएगी और इसकी डिमांड बढ़ती चली जाएगी जिसको सीएनजी बोलते हैं आप लोग और टीम ने एक्सप्लेन.
किया अगर ये हमने ले लिया ना तो बहुत बड़ा धंधा बन जाएगा सीएनजी के फ्यूल पंप वहां से पैसा आएगा पावर जनरेट करेंगे वहां से पैसा आएगा पीएनजी जो है जो मैंने बताया जो घर की गैस है रेजिडेंशियल गैस है वहां से पैसा आएगा जो घर में आप आप यूज़ करते हो गैस हम तो कमर्शियल वालों को भी चाहिए होती है कई बार इंडस्ट्रियल को भी चाहिए होती है गैस तो तो उनको भी वहां से आएगा अ.
ये सोचे यार ये गैस लाऊं कहां से चलो बात तो ठीक है गैस चाहिए भी तो है गैस लाऊ कहां से तो गैस इनको समझ में आ गया कि गैस का जो रॉ मटेरियल है वो अपने को ओजीसी से मिल जाएगा ओएनजीसी सरकारी कंपनी है सरकार के साथ रिश्ता बना के रखते हैं ताकि काम थोड़ा जल्दी होता रहे इनका और वो अच्छा रिश्ता बना ओएनजीसी के पास गए सरकारी कंपनी महारत्न कंपनी उससे ओके करा लिया कि.
भैया हम आपको दे देंगे अब इनको तीन स्टेजेस में गैस पहुंचा थी पहले मेन ट्रांसमिशन पाइपलाइन जो बड़ी हाई प्रेशर पाइपलाइन जिससे बहुत प्रेशर से गैस जाएगी जो अलग-अलग शहरों तक गैस पहुंचाएगी सेकंड स्टेज पे हर शहर का सिटी गैस स्टेशन वो एंट्री पॉइंट है वहां गैस पहुंचेगी वो हाई प्रेशर को कर देगी लो प्रेशर क्योंकि घर प तो लो फ से पहुंच नी है ना और उसके बाद.
क्या है इंटरमीडिएट डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन अब ये कौन सी होती है ये सारी वहां से जो सिटी गैस स्टेशन है सिटी गैस स्टेशन जो बड़ा गैस स्टेशन है जहां पे हाई जो है प्रेशर को लो प्रेशर किया वहां से छोटे-छोटे छोटे पाइपों के माध्यम से घरों तक सारे मोहल्लों तक गैस पहुंच जाएगी 2020 में टोटल एनर्जी दुनिया की सबसे बड़ी सेकंड लार्जेस्ट कंपनी एलएनजी में.
लिक्विफाइड नेचुरल गैस पीएनजी सीएनजी के बादशाह थे उनको साथ में ले लिया ये हाइड्रो हाइड्रोजन प्रोडक्शन में काम आने वाली है कमाल हो गया क्योंकि इनको पता चल गया था फ्यूचर क्या है उसको भी साथ में ले आया उससे पार्टनर कर लिया 2020 में अब अडानी टोटल गैस लिमिटेड आज आउटकम क्या है लगभग 1 लाख करोड़ के आसपास ये कंपनी आ गई 12 राज्यों में चली गई और आज 9000 किमी की.
पाइपलाइन बना दी 450 सीएनजी स्टेशन हो गए 7 लाख लोगों के घर में गैस अडानी की आ रही है अब इसको और बड़ा करते जा रहे हैं बड़ी बात ये नहीं है कि गौतम भाई अडानी हर बिजनेस को बड़ा करके दिखा बड़ी बात ये पहले से समझ जाते थे कि कौन सा बिजनेस बड़ा होगा गुजराती अच्छा दो गुजराती सुनो एक गुजराती सबके समर्थन से देश चला रहा है प्रधानमंत्री और एक गुजराती सबके समर्थन.
से बिजनेस चला रहा है यानी कि खुद नहीं चलाते सबका समर्थन लेके बिजनेस चलाते हैं गौतम भाई डनी की ये चीज आपको सीखनी पड़ेगी ये चीजें जो है ना स्ट्रेटेजिक अलायंस करते कैसे हैं ये जब मैं लीडरशिप फन में सिखाता हूं लोगों के होश उड़ जाते हैं ये जो मैं कर रहा हूं लीडरशिप फन हर महीने करता हूं मैं रेवेन्यू ग्रोथ स्ट्रेटेजी लो कॉस्ट मार्केटिंग सॉलिड कैपेबल मैन.
पावर कैसे बनाओगे वो फाइनेंशियल एक्यूमेंट कैसे लेके आओगे फार्मूला क्या है रेशियो क्या है एग्जीक्यूशन एक्सीलेंस और अलायंस कैसे बिल्ड करें ऑटोपायलट पे धंधा कैसे जाए लोग खुद ही कसम खाते हैं जबरदस्त सेशन मतलब 10 से 11 घंटे का सेशन है एक मिनट भी ऐसा नहीं लगा कि हम लोग को एग्जॉशन हो रहा है ये जो लीडरशिप फनल प्रोग्राम है सभी को लेना चाहिए इंडिया में एंटरप्रेन्योर्स के.
लिए ज्यादा हेल्पफुल होगा जो लोग अभी तक इस प्रोग्राम को नहीं अटेंड कर पाए हैं जो लोग सोच रहे हैं वो देरी ना करें आप अपने दिमाग से ढक्कन हटाना चाहते हैं अपने धंधे को बिजनेस बनाना चाहते हैं तो आंख बंद करके बिना सोचे समझे चले आइए लीडरशिप फनल पे यहां आ के पता चला कि हम अपने बिजनेस को स्केल कैसे कर सकते हैं जो लोग ये चाहते हैं अपने बिजनेस को 10 से 10 गुना.
बनाना चाहते हैं उनके लिए यह लीडरशिप फ फनल प्रोग्राम है लीडरशिप फनल प्रोग्राम जैसे मैंने सोचा था उससे भी और अच्छा लगा मुझे मैं और मेरी पूरी टीम आज ही मैं कमिटमेंट कर लिया हूं मेरे जो कोर कमिटी जो है जो पांच लोग हैं वो सबको मैं लॉन्ग टर्म के लिए यहां पे ट्रेनिंग का प्लानिंग कर लिया है अब आते हैं जी लोकल एज पार्टनरशिप लोकल एज अभी ये क्या है ये.
पार्टनर ढूंढते थे अब ये खुद पार्टनर बने अब क्या है ये मैं अडानी विल्मर के बारे में बताऊंगा कई दिन से गौतम भाई अपने हार्डकोर बिजनेस से हट के कुछ नया करना चाह रहे थे ताकि और एक्सपेंड करें रिसर्च किया टीम से पूछा अब क्या चल रहा है बोला सर देखो गैस वैस तो पहुंचा दिए घर में हैं जी अब राशन का सामान भी पहुंचाते हैं एफएमसीजी बहुत चल रहा है इस धंधे में 50.
पर नकली अनऑफिशियल हर समय अपॉर्चुनिटी टे हर समय स्मेल कर ले ये ये सुनते ही गौतम भाई के दिमाग में नया आईडिया आया पूरे मार्केट का हिसाब जोड़ा इन्होने इनके होश उड़ गए भाई साहब मार्केट तो बहुत बड़ी है सन 2000 की बात कर रहा हूं उस समय हाउसहोल्ड के अंदर अगर 20 करोड़ हाउसहोल्ड है 20 करोड़ घर लोग तो ज्यादा होंगे एक 20 करोड़ घर है 20.
करोड़ घर में अगर 50 महीने का वो तेल इस्तेमाल करते हैं तो 12 महीने का 000 हो गया और 000 12 महीने का तेल खाली कुकिंग ऑयल यूज करते हैं 000 को अगर 20 करोड़ हाउसहोल्ड से मल्टीप्लाई करो 0000 करोड़ की तो सीधी सधी अपॉर्चुनिटी कह र ठीक है छोटा धंधा है 600 करोड़ का पर करते हैं इसको अब लेकिन इनको तो आता नहीं इनसे तो होता नहीं वो सुना नहीं आपने मेरे हस्बैंड.
मुझको प्या इनसे होता ही नहीं हां इनको आता ही नहीं वही है इनके साथ इनको आता इनको थोड़ी आता था क्या करना है अब भाई नेटवर्किंग पार्टनरशिप के डॉन है इनको 11 मुल्कों की पुलिस नहीं ढूंढ रही है इनको 11 मुल्कों के बिजनेस पार्टनर ढूंढ रहे हैं अब सिंगापुर में सबसे बड़ा विल्मर जिस सि जिसके साथ मिलक उने आगे चलके फॉर्चून बनाया कैसे बनाया सुनो कैसे विल्मर को.
कन्विंसिंग नहीं थी बीजेपी की अपनी लोकल गवर्नमेंट थी गुजरात के अंदर और इनके रिश्ते सब जगह अच्छे बना के रखते थे विल्मर की इच्छा थी कि भारत की मार्केट बहुत बड़ी है यहां पर मैं अगर फर्च रिफाइंड ऑयल ये सब ले आऊ तो कमाल हो जाएगा विल्मर ढूंढ रहा था भारत में किसी को इन्होंने क्या किया इन्होंने सरकार के साथ मिलके एक मीटिंग कराई और मीटिंग में.
उन्होंने बोला कि देखो ऐसा है विल्मर भैया तुम क्या कर रहे हो जानते हो हो तो सिंगापुर के लेकिन तुम तुम्हारा जो पाम फ्रूट आता है इंडोनेशिया से और घाना से वो घाना और इंडोनेशिया से आता है इसी पोर्ट से आता है मैं इसी पोर्ट पर आने के बाद फिर तुम उसको ट्रैवल कराओ फैक्ट्रियां खोलोगे कहीं चिंता ना करो मैं क्या करता हूं विल्मर तुम बहुत बड़े हो गए दुनिया.
में यहां राजा मैं हूं मैं क्या करूंगा तुम्हारे को यहीं प ही मैं तुम्हारे लिए पूरी फैक्ट्री खुलवा देता हूं अडानी ने क्या बोला ऑयल रिफाइनरी पैकेजिंग प्लांट मैं मुंद्र में ही खोल देता हूं तुम्हारे लिए स एक समुद्री जहाज से सामान आया उतारते ही फट फट फट वही तेल बना दिए और ये बड़ी कॉस्ट एफिशिएंट हो जाएगा हमारे लिए विल्मर को अडानी को ना पता है कि किसकी.
जरूरत क्या है उनको कैसे पार्टनर बनाया जाए और गौतम भाई अडानी ने उन्होंने बोला कि मैं आपके सारे लॉजिस्टिक्स से खर्चे बचा दूंगा आपका तेल सस्ता बनेगा बेचो फुल रेट पे कमाओ जब दबा के कमाओ और साथ में यहां जो रेगुलेटरी चीजें हैं जो नियम कानून कायदे कागज पत्तर है वो सब मैं सरकार से बात करके जल्दी करा दूंगा सरकार के लोग अच्छे हैं हमारे यहां पे मेरी बात.
सुन लेते हैं उन्होंने कहा अरे ये भी फायदा हो गया और जो चीफ मिनिस्टर थे गुजरात के अब उनके पास गया अडानी उनको बोले इतना एंप्लॉयमेंट देंगे इतनी लोगों की नौकरी लगाएंगे इतना आपको रेवेन्यू जनरेट होगा इतना आपको टैक्स मिलेगा चीफ मिनिस्टर बोले गुजरात का कमाल कर रहा है बहुत बढ़िया बात कही है गौतम भाई चालू करो और ये हर एक को.
कन्विंसिबल एक्सपर्टीज मिल गई सीधा एक ही बार में घर में खाना बनाने की आइटम है जो चाहिए बनाने का मेरे को नंबर वन आदमी नंबर टू आदमी वर्ल्ड का मिल गया जिसको एग्री बिजनेस मालूम है रिफाइनरी टेक्नोलॉजी मालूम है एफएमसीजी का डाइवर्सिटी पूरा डिस्ट्रीब्यूशन सब जानता है अब दोनों का म्यूचुअल इंटरेस्ट 50 % पार्टनरशिप पे जॉइंट वेंचर हो गया अब सब बनाएगा तो वही.
ना ये तो 50 पर पे खाएंगे एडिबल ऑयल के प्राइसेस पिछले 20 साल के अंदर तीन गुना बढ़ गए टोटल मार्केट साइज 3 लाख करोड़ का हो गया और अडानी ने 17 पर मार्केट शेयर फटले कैप्चर कर लिया 50000 करोड़ तो शुरू में कैप्चर कर लिया 16 पर ग्रुप का रेवेन्यू साथ मिलकर दोनों ने सबका तेल निकाल दिया विल्मर और अडानी ग्रुप में साथ मिलके आज नंबर वन एडिबल ऑयल फच है नंबर टू.
वीट आटा प्लेयर फच है नंबर थ्री बासमती राइ भारत में कोहीनूर है ये सब इन्हीं के हैं उनके अलावा बहुत सारे प्रोडक्ट लाइन ऐड कर दिए अडानी विल्मर आज मार्केट लीडर है और इस समय 11 करोड़ घरों के अंदर इनका सामान जा रहा है देखो पता है क्या है जो इनको नहीं आता है हां मैं संदीप महेश्वरी जी के ब में बोला था जो मुझको आता है जो मुझको भाता है जो बाजार चाहता है यहां मैं.
क्या बोल रहा हूं जो इनको नहीं आता है जो इनको नहीं भाता है लेकिन अगर बाजार चाहता है तो यह बंदा करके दिखाता है और इतना पैसा कमाता है कि संभाला नहीं जाता है गौतम भाई एक साथ पूरे देश की सोचते हैं एक साथ बहुत बड़ा सोचते हैं अब चलते हैं स्ट्रेटेजी नंबर एट यहां पे इन्हो अलग ही प्रकार के दिमाग लगा दिया चलिए एक लाख करोड़ का नया धंधा खोलते हैं हैं सेक्टर.
असिमिलेशन स्ट्रेटेजी यहां से आया अडानी सीमेंट अडानी सीमेंट बाद में आया इन्होंने एसीसी और अंबुजा को कैसे पकड़ा अडानी एक दिन टीवी पर नितिन गडकरी जी के बारे में सुन रहे थे और पता चला टीम मेंबर बताया कि 65 साल में जितने हाईवे बने उसके डबल पिछले 10 साल में बन गए और उससे ज्यादा अगले पा साल में 10 गुना और बनने वाले हैं नी सोचे यार इतने हाईवे बन रहे हैं इतनी.
सड़कें बन रही है टकरी जी क्या रोड कररी है तो गडकरी नहीं है रोड कररी है ये सुनते ही गौतम भाई के दिमाग में बात आई भाई हैवी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सीमेंट चाहिए और सीमेंट लगता ही रहेगा अभी भारत में अभी भारत में बहुत ब बनना है अगले 50 साल तक बहुत इंफ्रास्ट्रक्चर बनना है भारत में सीमेंट सब जगह लगेगा बहुत मकान बनने हैं अभी गौतम भाई उसी वक्त य आईडिया दिमाग में.
आ गया और गौतम भाई सोचे यार ये बिजनेस अपॉर्चुनिटी बहुत बड़ी है अब सेकंड लार्जेस्ट सीमेंट प्रोड्यूसर है भारत इस समय दुनिया का सेकंड लार्जेस्ट और सीमेंट का कंजमपट्टी देखते हैं पर कैपिटा सीमेंट भारत में 250 किलो लग रहा है और चाइना में 1600 किलो लग रहा है ये बोले भाई अपॉर्चुनिटी अभी सात गुना बाकी रह गई है.
पर कैपिटा सीमेंट कंजमेट होने वाला है फिर इन्होंने कहा कि देखो धंधा मिलेगा कहां से तब इनको पता लगा प्रधानमंत्री आवास योजना चल रही है स्मार्ट सिटी मिशन चल रहे हैं यहां पे अटल मिशन ऑफ रिजूवनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन चल रहा है सरकारी नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट चल रहा है भारत माला परियोजना पूरी सड़कों हाईवे बनाने का चल रहा है सरकार जो है.
111111 करोड़ यानी कि 11 लाख करोड़ लगभग 11 लाख करोड़ खर्च कर रही है इंफ्रास्ट्रक्चर पे बोला मुझे सीमेंट चाहिए सब जगह चाहिए अच्छा सीमेंट वाले अपने नेक्सस बना के रखे नया आदमी नहीं घुसने देंगे नया आदमी नहीं घुसने देंगे अच्छा इनकी तो आदत है नहीं खुद से धंदा खोलने की आदत है ही नहीं गौतम भाई की मैं बहुत डेप्थ देता हूं स्ट्रेटेजी की बहुत.
डिटेल में कोई नहीं देगा आपको ऐसा वीडियो कहीं पे भी मैं आपको चुनौती देता हूं ये केवल टाइकूं ऑफ इंडिया में मिल रहा है इतनी डेप्थ में जाता हूं मैं इसमें अब वहां इतना नेक्सस चल रहा है इनको सीमेंट में कोई घुसने ना दे अब एस्टेब्लिश प्लेयर है अल्ट्रा टेक बहुत बड़ा अंबुजा बहुत बड़ा एसीसी बहुत बड़ा जिंदल जो है ना जेएस डब्लू बहुत बड़ा अभी मैं कैसे घुसूक मिल.
नहीं रहा अब मैं किसी को खरीदूंगा कैसे खरीदूंगा सीमेंट मैन्युफैक्चरर था इंडिया में एसीसी और अंबुजा के साथ में मिलकर के उस उसको उन्होंने समझाया तू स्वीडन जाके आराम कर स्वीडन में वादियां बहुत सुंदर है ऐसा कर तेरे जितने शेयर है ना वो मेरे को दे दे बातचीत किया बोला चलो ओपन बिड करते हैं वो माना नहीं आसानी से तो अब अल्ट्राटेक और.
जेडल को भी पता चल गई बात ये जिंदल को भी और अल्ट्राटेक को भी वो हम खरीदेंगे अंबुजा और एसीसी के सारे शेयर हम खरीदेंगे वो लग गए अपना वो बहुत मोटी बिड दी अडानी ने उस बिड के लिए ओवर पे कर दिया क्यों ओवर पे किया सारी टीम ने मना किया सर आप ज्यादा पैसे दे रहे हो बोलो दूंगा बोले सर क्यों दोगे बात सुनो ये दोनों है ना मिलकर के एसीसी और अंबुजा इनके पास 10500.
एंप्लॉयज हैं 50000 चैनल पार्टनर है जहां इनका सीमेंट बिक रहा है 80 प्लांट मैन्युफैक्चरिंग किए हैं जो रेडी मिक्स कंक्रीट बना रहे हैं दोनों के साथ मिलके 23 सीमेंट के और 14 ग्राइंडिंग प्लांट है भाई साहब ये बहुत बड़ा है ये कमाई आज टेंशन मत लो 8000 करोड़ दिया हां भाई अडानी ने इन दोनों को खरीदने के लिए और बोले एक एक रुपया वसूल कर लूंगा अभी भारत.
में बहुत सीमेंट लगने वाला है लार्जेस्ट सबसे बड़ी ट्रांजैक्शन हुई थी उस समय भारत के अंदर इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर मटेरियल स्पेसेस के अंदर और ये मूव ने इनको भारत का दूसरा सबसे बड़ा प्लेयर बना दिया इन्होंने क्या किया अमूजा के 63 पर ले लिए एसीसी के 56 पर ले लिया अपने बेटे को बिठा दिया बेटा सीमेंट का धंधा बहुत बड़ा होगा तू खुद बैठ इनका बेटा खुद बैठ गया और.
सीमेंट के शेयर इस समय इनका ग्रुप रेवेन्यू में 11 पर है अभी कुछ समय पहले इन्होंने लिया और आज ऑलरेडी ये डे डेढ लाख करोड़ की कंपनी बन चुकी है धंधा चाहे जो भी हो अडानी ना उसमें धन सूंघ लेते हैं हर धंधे में धन सूंघ लेते हैं अपने बिजनेस फंडामेंटल से न्यू प्लेयर वो न्यू प्लेयर से द ओनली प्लेयर बन जाते हैं कहने को न्यू प्लेयर आए द ओनली प्लेयर बन जाते हैं.
इतना बड़ा काम करके देखते हैं सोच ही अलग है टीम से पूछा टीम ने कहा ऐसा है सर देखो मेरी बात सुनो के ानी सर ऑटोमोबाइल में भी घुसते हैं गाड़ियां बनाते हैं इंडिया की ना मार्केट इस समय फोर्थ लार्जेस्ट मार्केट ऑटोमोटिव की गाड़ियों की मार्केट और डबल हो जाएगी अगले सात सालों में अभी भी भारत में लोगों ने गाड़ियां खरीदी नहीं है खरीदेंगे यहां बहुत बढ़ी अपॉर्चुनिटी.
है हां और सीमेंट की तरह यह भी मार्केट कंपट है maruti-suzuki इंजन बदलेंगे सब बदलेंगे इस समय कई नियम कानून में बदलाव आएंगे जब यह स्थिर हो जाएगी ना मार्केट तब घुस इसमें जब बेटर और स्टेबल टेक्नोलॉजी आ जाएगी सब घु सेंगे सीमेंट तो सेम चलना है फास्ट फॉरवर्ड नवी स्ट्रेटेजी वैल्यू बेस्ड बिडिंग ये क्या करते थे इन्होंने क्या इनके ना टीम ने.
पूछा कि सर ऐसा है फिर एक काम करते हैं अडानी एयरलाइंस चालू करते हैं गाड़ी नहीं बना रहे अडानी एयरलाइंस चालू करते हैं जी य बोले अडानी बोले नहीं नहीं याद रखो मैं हूं अडानी नहीं नहीं अडानी नहीं नहीं बोले क्यों सर भैया लोएस्ट प्रॉफिट मार्जिन है एयरलाइंस में ा पर का मार्जिन है बड़ा कैपिटल इंटेंसिव है तो वापस पैसा आके घूमते घूमते बहुत टाइम लग जाएगा और.
मार्केट वोलेटाइल रहती है तेल की कभी तेल महंगा कभी तेल सस्ता कभी महंगा और ज्यादा तेल महंगा हो गया ना तो पूरा तेल निकल जाएगा अपना ऑपरेटिंग कॉस्ट वैसे ही बहुत ज्यादा है कॉम्पिटेटिव प्राइसिंग है टिकटक में कमाई है नहीं इंडिगो के अलावा कोई चल ही नहीं पाया क्यों घुसे रिस्की काम में अडानी ने कहा हवाई जहाज में एक लाख करोड़ का धंधा तो नहीं दिख रहा मुझे.
लेकिन हवाई जहाज जहा उड़ रहा है वो ले लेते हैं ने उड़ेंगे और लैंड करेंगे सबसे किराया वसूल ंगे एयरपोर्ट ले लेते हैं हम लोग एयरपोर्ट में हजारों करोड़ का प्रॉफिट पक्का है क्योंकि इंडिया जो है ना वो तीसरी सबसे बड़ी डोमेस्टिक एयर पैसेंजर मार्केट है यूएस और चाइना के बाद सबसे ज्यादा हवाई जहाज भारत में उड़ रहे हैं इस समय तीसरे नंबर प पूरी दुनिया में और.
डोमेस्टिक एयरलाइंस की जो कैपेसिटी है वो डबल होने वाली है अगले 5 साल में ऐसा करते हैं अगर 100 करोड़ लोग अगले 10 साल में ट्रेवल करेंगे तुम बोला सर कमाएंगे कैसे भाई हम बताते हैं कैसे कमाएंगे कोई कार्गो आएगा उसकी हैंडलिंग फीस होगी उसकी स्क्रीनिंग सिक्योरिटी उसका स्टोरेज कोई एयरक्राफ्ट आएगा पार्किंग करेगा पार्किंग का पैसा लेंगे उससे उससे नीचे उतरेगा उसका.
पैसा लेंगे पार्किंग की फीस लेंगे पेट्रोल भराएगा तो उसपे उसकी सेल्स और उसकी स्टोरेज का पैसा लेंगे रिटेल की दुकानें खोलेंगे ड्यूटी फ्री शॉप खोलेंगे फूड कोर्ट खोलेंगे लाउच सर्विस खोलेंगे उसपे कमाएंगे वहां पे एडवर्टाइजमेंट होगी होल्डिंग लगेंगे एयरपोर्ट के अंदर उसपे पैसा कमाएंगे बिल बोर्ड पे कमाएंगे डिजिटल स्क्रीन पे कमाएंगे पैसेंजर को सर्विस.
देंगे उनका बैगेज उनका सिक्योरिटी उनकी पार्किंग उस पे भी पैसा कमाएंगे एयरक्राफ्ट अपनी मेंटेनेंस कराएगा ट्रेनिंग कराएगा सिमुलेशन उसपे भी कमाएंगे सारी टीम ने सोचा यार ये आदमी इतना तेज है इतने सारे रेवेन्यू अपॉर्चुनिटी और अगले कुछ दिनों के अंदर इन्होंने छह सात एयरपोर्ट अहमदाबाद का लखनऊ का बैंगलोर का गुवाहाटी का जयपुर का तिरुवनंतपुरम का.
अगले 50 साल की लीज प ले लिए और फिर क्या हुआ बाद में दो और मुंबई नवी मुंबई सब ऐड कर दिया इन्होंने और मुंबई आपको पता है भारत में दूसरा सबसे बड़ा बहुत शानदार एयरपोर्ट है और तब क्या है जो एरोनॉटिकल हवाई जहाज वाला रेवेन्यू वो 300 करोड़ का हां आठ एयरपोर्ट का हो गया 00 करोड़ का और जो नॉन एरोनॉटिकल रेवेन्यू है जो बिना हवाई जहाज का बाकी चीजें सारी बताई वो 400.
करोड़ का आठ एयरपोर्ट 3200 करोड़ तो ये सोचे भाई 2400 करोड़ और 3200 करोड़ यानी कि 5600 करोड़ तो तुरंत मिल रहे है सारा मार्जिन ही मार्जिन है इसमें बहुत मोटा मार्जिन है अडानी ने कैलकुलेट कर लिया अगर 10 करोड़ पैसेंजर गए 1 मिलियन मेट्रिक टन कार्गो का अगर मैंने हैंडल किया अडानी जानते हैं कि उन्होंने अपना गणित कर लिया पूरा जी तो एयरपोर्ट की जो बिल्डिंग करी.
उसमें जीएमआर को उड़ा दिया पूरा जीएमआर को सारी बिल्डिंग में उड़ा दिया वो सब खुद लेते चले गए अब जो है ना आज अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड लार्जेस्ट एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी बन इनका सिस्टम ही ऐसा है रेस में घोड़ा मत दौड़ा पूरा रेस कोर्स खरीद लो जो दौड़ा जाएगा उससे कमाऊ है जी मैं के पत्ते नहीं खेलूंगा पूरा गैंबलिंग खरीद लूंगा मतलब.
पूरा का पूरा कसीनो खरीद लूंगा जो आएगा उससे मैं कमाऊ आजई % इंडिया का एयर कार्गो ट्रैफिक इनका है आज 9 करोड़ पैसेंजर इनके साथ उड़ रहे हैं आज 65 एयरलाइन कंपनी इनको किराया दे रही है आज प्रॉफिटेबल रेवेन्यू मोटा प्रॉफिटेबल रेवेन्यू 6000 करोड़ का बना लिया उन्होने समझ आया अडानी को तूफानी क्यों कहते हैं बिना हवाई जाज आसमान में कैसे उड़ाए अपने एयरपोर्ट के बिजनेस को.
आसमान तक पहुंचा दिया इन्होंने हवाई जहाज नहीं उड़ाया बिजनेस उड़ा दिया और अभी पिछले साल वो शॉर्ट सेलर कंपनी पागल बिल्कुल इंडन बर्ग दिमाग से बुद्धि से पैदल और मैं हमारे देश में लोग उनके अगेंस्ट हो गए थे उनके बचाव में जब मैं खुल के आया लोगों ने मेरे को ट्रोल किया था लेकिन तभी मैंने बता दिया था आज 70 पर का शेयर प्राइस गिरा है पर इनके जो.
एक्सपर्ट्स ने कुछ ने तो अडानी की शोक सभा लगा दी थी पर मैंने जवाब में बोला था और एक साल बाद ठीक वही हुआ जो मैंने उस समय बोला था स्ट्रांग एसेट बेस है सवा लाख करोड़ के इनके कर्जे के अंदर 5 लाख करोड़ तो उनका सिक्योर्ड है और डेट कवरेज रेश बहुत अच्छा है ये डेट को आसानी से कवर कर सकते हैं और जितनी रेवेन्यू स्ट्रीम्स हैं जहां-जहां से पैसा आ रहा है वो स्टेबल है.
आराम से आ रहा है क्लीन चिट दी सेबी ने इस रिपोर्ट के अगेंस्ट मई 2024 में अडानी ग्रुप का टोटल मार्केट कैप फिर से 215 बिलियन डॉलर पार कर गया उस इंसिडेंट के बाद सबसे ऊपर चला गया कमाल है भाई लोग ना एडवेंचर्स होते हैं ये एडवेंचर होते हैं एडवेंचर मतलब नया-नया वेंचर ऐड करो एक और वेंचर ले आओ एक और ले आओ अभी भी बैठे होंगे इस समय जब आप वीडियो देख रहे हो आज.
संडे के दिन ये इस समय बैठ के बात कर रहे होंगे आओ भैया बैठे 2 लाख करोड़ का नया धंदा बताओ इनका एडवेंचर लोग क्या कर रहे हैं एडवेंचर मेरे यहां पे एक लड़का इवेंट मैनेजमेंट में मैं पूछा कहां गया छुट्टी पे बोला सर पहाड़ पर चढ़ने गया था मैंने कहा क्या किया बोला पहाड़ पर चढ़ा मैंने कहा फिर कह र उतर गया अब बताओ जी एडवेंचर है उसका और यहां डनी है एडवेंचर इसको.
वेंचर ही ऐड करने और हर एडिशन में एक स्ट्रेटेजी एक डायरेक्शन थी पीवीसी से शुरू किया फिर इंपोर्ट में घुसे फिर एक्सपोर्ट में घुसे फिर पोर्ट में घुसे फिर पोर्ट के बाद कोल में घुसे कोल से बिजली में घुसे और नए नए नए करते करते 30-35 धंदे बना दिए जैसे गौतम भाई अपने विजन से हर चीज में वैल्यू क्रिएट करी है ना मेरा भी यही मोटिव है मैं वैल्यूएबल्स.
बड़ा बिजनेस के साथ मिलकर के आप भी लाइफ में कुछ बड़ा कर सके इसीलिए फिलहाल तो आपको खाली कमेंट करना है किस टाइकून की स्ट्रेटेजी देखना चाहते हैं वैसे मेरा मन है अगर आप मेरे से पर्सनली पूछे तो मैं राकेश झुनझुनवाला की सारी स्ट्रेटेजी देना चाहता हूं फिर भी आप नाम लिखो खुल के थोड़ा सोचा करो और इस वीडियो को हर बच्चे को दिखाओ हर स्टूडेंट को दिखाओ इन वीडियोस.
को फैलाओ उनको बताओ लोगों को कि फ्री में एमबीए से ज्यादा अच्छी पढ़ाई हो रही है यहां पे हमारे साथ जुड़े रहने के लिए वर्ल्ड के नंबर वन एंपेन च [संगीत]