Case Study

The Controversial Downfall on FoodPanda food delivery app | Business Case Study in Hindi

The Controversial Downfall on FoodPanda food delivery app | Business Case Study in Hindi

एक ऑनलाइन फूड डिलीवरी बिजनेस जिसकी शुरुआत 2012 में हुआ था वह बस 3 साल में एक बिलियन डॉलर कंपनी बन जाती है लेकिन ठीक उसके एक साल बाद ही वह कंपनी पूरी तरीके से डूब जाती है और यहां तक कि कंपनी फाउंडर्स कंपनी को ही बेच देते हैं आखिर ऐसा क्या हुआ एंड क्यों हुआ आज के वीडियो में हम समझने की कोशिश करेंगे राइज और फॉल उसी कंपनी की जो कि एक लर्निंग लेसेंस भी.

देता है उन सारे लोगों को जो अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं बात यहां पर ब्रैंड फूट पांडा की हो रही है जिसकी शुरुआत 2012 में सिंगापुर में हुआ था बेंजामिन बर और रेल्फ वजल के द्वारा और रोहित चड्डा इसके कोफाउंडर भी थे फुट पांडा का सक्सेस होने की सबसे बड़ा रीजन था लिमिटेड फूड डिलीवरी ऑप्शंस 20122 में कुछ ही कंपनीज थे जो ऑनलाइन फूड.

डिलीवरी ऑप्शंस को चला रहे थे जैसे कि डोमिनोज ऐसे वक्त पे मार्केट में फूड पंडा की एंट्री होती है और देखते ही देखते कंपनी बहुत तेजी से गो करने लगती है कंपटीशन कम मतलब फास्ट ग्रोथ 2013 में फुट पांडा बांग्लादेश और रोमानिया में ओपन हो जाता है एंड 2014 तक कंपनी एक्सपेंड कर जाती है मलेशिया इंडोनेशिया हांगकांग और फिलिपींस जैसे बड़े देशों में 2016 तक.

आते-आते कंपनी खुद को ओवर मोर दन 45 कंट्रीज में एस्टेब्लिश कर लेती है इंक्लूडिंग इंडिया और वैल्यूएशन 3 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा हो जाती है चलिए थोड़ा डिटेल्स में समझते हैं फूट पांडा की इस एक्सपेंशन को किसी भी कंपनी का ग्रोथ डिपेंड करता है उसकी इन्वेस्टमेंट प्लांस पर मतलब कि आप कितना पैसा खर्चा कर रहे हो कंपनी की ग्रोथ के लिए जैसे कि मार्केटिंग.

एडवरटाइजिंग और एक्विजिशन जैसे चीजों पे अब यहां पे कुछ बड़ी-बड़ी इन्वेस्टर्स कंपनीज होती है जो ऐसे स्टार्टअप पे अपनी पैसा लगाते हैं ऐसी इन्वेस्टमेंट का तरीका बहुत ही सिंपल होता है एक इन्वेस्टर बेसिकली किसी भी स्टार्टअप पे अपना पैसा लगाती है और बदले में उस कंपनी के कुछ परसेंटेज ओनरशिप का खरीद लेती है जिसको बिजनेस टर्म्स में इक्विटी कहते हैं.

ट्रैक्शन के रिपोर्ट हमें यह बताती है कि फुट पांडा आज के डेट तक $18 मिलियन डॉलर का फंड रेज कर चुकी है जो कि टोटल एट इन्वेस्टर कंपनी से आए हैं अप्रैल 2013 में किविक फेनोमेन वेंचर्स एंड रॉकेट इंटरनेट टोटल 20 मिलियन डॉलर इन्वेस्ट करती है उसी साल सितंबर में आईम इन ग्रुप $8 मिलियन डॉलर इन्वेस्ट करती है फरवरी 2014 में किन वेक एंड फेनोमेन वेंचर्स.

दोबारा 0 मिलियन डलर इन्वेस्ट करती है और 5 महीने बाद अगस्त में अल्फा वेव्स एंड रॉकेट इंटरनेट अनदर 60 मिलियन डॉलर इन्वेस्ट करती है इसके बाद आता है 2015 इस साल फुट पडा अपना लार्जेस्ट फंड अमाउंट गैदर करता है रॉकेट इंटरनेट से जो कि 0 मिलियन डॉलर था और ठीक एक महीने बाद ही गोल्डमैन सच और रॉकेट इंटरनेट दोबारा 100 मिलियन डॉलर इन्वेस्ट करती है जिसमें सबसे.

ज्यादा अमाउंट गोल्डमैन का ही होता है देखा जाए तो रॉकेट इंटरनेट फूट पंडा का सबसे बड़ा इन्वेस्टर था अब सबसे बड़ बड़ा सवाल यह है कि फंड्स तो आपके पास आ गए लेकिन अब इसे इन्वेस्ट कैसे करेंगे किसी भी कंपनी को अगर अपना बिजनेस बाहर के देशों में स्प्रेड करना है एक्सपेंशन करना है तो यहां पे दो तरीके हैं फर्स्ट ऑर्गेनिक एक्सपेंशन एंड सेकंड एक्विजिशन.

ऑर्गेनिक एक्सपेंशन का मतलब होता है जब एक कंपनी ऑर्गेनिकली ग्रो करे अपना ऑपरेशन एंड मार्केटिंग से और अपना सेल इंक्रीज करें वहां के किसी वेल सेटल मार्केट के ऊपर आसान शब्दों में अगर कहां जाए तो अगर आप ऐसे किसी अनजान शहर में अपना कुछ स्टार्टअप ओपन करते हैं जहां आपको कोई नहीं जानता तब वहां आपको यह प्रूफ करना पड़ेगा कि आप बेस्ट हो जो कि आप अपनी.

मार्केटिंग या अपनी प्रोडक्ट के ऑपरेशन से कर सकते हो ताकि वहां के लोग आपको और आपके प्रोडक्ट के बारे में जान पाए और आपके सेल्स बढ़े यह प्रोसेस बहुत ही स्लो एंड टाइम टेकिंग होता है सेकंड ऑप्शन जो है वो है एक्विजिशन यह बहुत ही आसान तरीका है और फास्ट ग्रोथ देता है कंपनी को एक्विजिशन का सिंपल मतलब यही है कि एक्वायर करना फॉर एग्जांपल आप बाहर के किसी शहर में गए और.

वहां के किसी एक बिजनेस को खरीद लिया कुछ अमाउंट देके जो कि ऑलरेडी वहां वेल सेटल्ड था इसमें मेहनत भी कम सेल्स भी ज्यादा मगर इसमें फ्लज ये है कि हाई इन्वेस्टमेंट लगती है एक्विजिशन करने में इन टर्म्स ऑफ ऑर्गेनिक एक्सपेंशन हालांकि फूड पंडा फास्ट ऑप्शन पे काम तो करती है लेकिन सेकंड ऑप्शन पे ज्यादा इन्वेस्ट कर देता है और कुछ बाहर के देशों में सेम कैटेगरी.

बिजनेसेस को एक्वायर कर लेता है जैसे कि पाकिस्तान में ईट ओए रशिया में डेलीवरी क्लब और इंडिया में टेस्टी खाना एंड जस्ट ईट फू पंडा का इंटरफेस यूजर फ्रेंडली था हाई क्वालिटी एंड इजी टू यूज था और यही रीजन था कि कस्टमर जल्दी ही अट्रैक्ट भी हो जाते थे फूड पंडा यूज करने का हर वो स्टेप्स बड़ा ही सिंपल थे जैसे कि आज के स्विगी और जोमट के ऐप पर होता है आपने.

सिंपल ऐप को ओपन किया रेस्टोरेंट सिलेक्ट किया फूड देखा एंड ऑर्डर प्लेस कर दिया इनिशियल डेज में कस्टमर और फू पांडा से बहुत ज्यादा सेटिस्फाइड भी थे क्योंकि खाना का क्वालिटी भी अच्छा था फास्ट डिलीवरी भी होता था एंड कोई कम्युनिकेशन प्रॉब्लम भी नहीं था फू पंडा अपनी प्राइम टाइम पे 2 लाख ऑर्डर्स पर डे डिलीवर करती थी हमने भी बहुत बार फू पांडा का सर्विस.

लिया था अब फू पांडा का रेवेन्यू मॉडल को समझते हैं रजिस्ट्रेशन फी अगर किसी भी रेस्टोरेंट को अपना नाम फूड पांडा के साइट पर रजिस्टर करना होता था ताकि कस्टमर उनके यहां से ऑर्डर कर सके तो फूड पांड उस रेस्टोरेंट से एक अमाउंट चार्ज करती थी जिसको कि हम रजिस्ट्रेशन फी कह सकते हैं मतलब आप पैसा दो और अपना रेस्टोरेंट का नाम फू पांडा में ऐड करो एडवर्टाइजमेंट फू.

पांडा एक फीज चार्ज करती थी किसी भी ब्रांड या रेस्टोरेंट से अगर वह अपना ऐड फू पांडा में करना चाहती हो तो इसके बाद फू पांडा ऑलमोस्ट 20 पर चार्ज करता था रेस्टोरेंट से पर ऑर्डर जो भी उनके यहां से किया जाता था इसके बाद डिलीवरी फूड पांडा कस्टमर से एक डिलीवरी चार्ज भी लेता था पर ऑर्डर डिपेंड ऑन द लोकेशन स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार अगर हम फट पांडा के.

एनुअल रेवेन्यू डाटा को देखें तो यह कुछ ऐसा है 2013 में 0.7 मिलियन यूरोज 2014 में 88.7 मिलियन यूरोज 2015 में 22.6 मिलियन यूरो एंड 2016 में यह नंबर मोर दन 50 मिलियन यूरोज क्रॉस कर जाती है $ बिलियन डलर का वैल्युएशन वो भी सिर्फ 4 साल के अंदर एक बहुत ही जबरदस्त शुरुआत थी किसी भी स्टार्टअप के लिए यहां तक कि और जोमेटो भी इतना बड़ा नहीं बन पाए थे जितना.

कि फट पांडा अपनी इनिशियल डेज पर थी अब सवाल आता है कि ऐसी पॉपुलर ब्रांड आखिर खत्म कैसे हो गया सबको यह लगता है कि फुट पांडा का डाउनफॉल का रीजन जोमेटो और स्विगी है जो कि उसके राइवल है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है रीजंस कुछ और ही है डिजिटल युग के फुट पांडा केस स्टडी रिपोर्ट में यह बताया गया है कि कंपनी का फेलर्स के कारण उसके फेक रेस्टोरेंट और.

ऑर्डर्स मिसकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजिकल इश्यूज अनस्ट्रक्चर्ड बिजनेस मॉडल एंड लैक ऑफ ओनरशिप है यहां तक कि फूट पांडा डिलीवरी बॉयज का कभी-कभी ऑर्डर्स खुद ही खा जाती थी 2016 में यही सब प्रॉब्लम्स को सॉल्व करना करने की जगह रोहित चड्डा और बाकी के फाउंडर्स कंपनी छोड़ के भाग जाते हैं जो कि एक बड़ा एग्जांपल है मिसकम्युनिकेशन.

एंड लैक ऑफ ओनरशिप का टेक्नोलॉजिकल लैग एंड डिजिटल इनफेक्टिव नेस के चलते रेस्टोरेंट्स के पास लेट नोटिफिकेशन जाता था ऑर्डर्स का जिसके चलते कुकिंग एंड डिलीवरी दोनों ही लेट होता था रिजल्ट्स इन बैड कस्टमर एक्सपीरियंस इतने फंड्स होने के बाद भी एक ी बिलियन डॉलर कंपनीज बंद हो जाता है जस्ट बिकॉज ऑफ पुर मैनेजमेंट डजन मैटर आपका कंपनी कितना भी बड़ा है उसे.

चलाने वाले लोग ही होते हैं एक कंपनी के ऑपरेशन के पीछे एक स्ट्रांग मैनेजमेंट का होना बहुत जरूरी है जो प्रॉब्लम्स को सॉल्व कर सके यह एक बिग लेसन है हम सबके लिए फुट पांडा के इनएफिशिएंट ऑपरेशंस के चलते कस्टमर्स के एक्सपीरियंस में असर पड़ते हैं जो कि डाउट करते हैं कंपनी की होल प्रोसेस को हिंदुस्तान टाइम्स के रिपोर्ट में यह लिखा था कि फेक रेस्टोरेंट.

और ऑर्डर्स फुड पांडा पे इतना ज्यादा बढ़ जाते हैं 10 दिसंबर 2016 में डेलीवरी रो नाम की एक कंपनी जो खुद में एक ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफार्म थी वो फूट पांडा को एक्वायर कर लेती है डेलीवरी रो के रिपोर्ट के अनुसार रॉकेट इंटरनेट जो कि फुट पांडा का सबसे बड़ा इन्वेस्टर था वो अपना ओनरशिप स्टेक डिलीवरी रो में 37.7 से बढ़ा लेता है जो कि पहले सिर्फ 1.1 ही था और जिसका.

अमाउंट वैल्यू अराउंड 31.8 मिलियन यूरोज था 1 साल बाद दिसंबर 2017 में ओ डिलीवरी रो के फूट पांडा इंडिया को एकर कर लेता है जस्ट फॉर 28 करोड़ विथ 100% एक्विजिशन डेलीवरी हीरो 1 पर इक्विटी के साथ 174 करोड़ इन्वेस्ट करता है इस डील में जहां टोटल अमाउंट 202 करोड़ फाइनल होता है ओला इसके बाद 200 मिलियन डॉलर्स और इन्वेस्ट करता है ताकि वह फुट पांडा को इंडिया में.

अच्छे से ऑपरेट कर सके ओ 25000 न्यू डिलीवरी बॉयज भी हायर करते हैं फुट पांडा एक बार फिर से इंडिया में चल पड़ता है कस्टमर्स को अट्रैक्ट करने के लिए इस बार फूट पांडा इंडिया क्रे पार्टी का शुरुआत करते हैं जहां वो 50 पर ऑफ देते हैं अपने कस्टमर्स को और सेरिंग एक बार फिर से पिक पर आ जाता है पर डे लाखों डिलीवरी होता है बट जस्ट 18 महीने के बाद ही यह नंबर नीचे.

गिर के सिर्फ 5000 पे आ जाता है क्योंकि लोग अब zomato.com और स्विगी जैसे बड़े कंपनी से कंपीट नहीं कर पाता है 1500 से भी ज्यादा लोग अनइंप्लॉयड हो जाते हैं 2020 का रेवेन्यू डाटा के अनुसार ओला 82 करोड़ रेवेन्यू जनरेट करता है लेकिन उनका लॉस कई गुना 700 करोड़ का था फुट पांडा अपना ऑपरेशन कई देशों में बंद कर देते हैं जैसे.

कि इंडिया एंड इंडोनेशिया फुट पांडा अपने रशिया के बिजनेस कंपनी डिलीवरी क्लब जिसको उसने एक्वायर किया था उसको भी बेच देता है फॉर 100 बिलियन यूरोज हालांकि एट प्रेजेंट टाइम फुट पांडा अपना ऑपरेशन बांग्लादेश कंबोडिया हांगकांग लाओस मलेशिया मायमा पाकिस्तान फिलीपींस सिंगापुर ताइवान एंड थाईलैंड जैसे देशों में चला रखा है आखिर वो कौ कौन-कौन से बिजनेस लेसन है जो हम.

लोग यहां पर फुट पांडा के फेलियर से सीख सकते हैं फर्स्ट स्ट्रक्चर एंड बिजनेस प्लान आर मोस्ट इंपॉर्टेंट सेकंड गुड मैनेजमेंट एंड कम्युनिकेशन और थर्ड है गुड ओनरशिप एंड बैकिंग वीडियो अच्छा लगा हो तो वीडियो को लाइक जरूर करें और कमेंट सेक्शन में हमें यह बताएं कि आपके मुताबिक और कौन सी वो बिजनेस लेसंस है जो आप ऐड करना चाहते हैं चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें.

मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में

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