कभी दो पैसे के भाव पर अपने प्रोडक्ट्स बेचने वाली यह कंपनी आज इंडिया की सबसे बड़ी स्नैकिंग ब्रांड है ऐसी कोई इंडियन फैमिली नहीं रही होगी जिसने इनके प्रोडक्ट्स नहीं ट्राई करे हो इवन अंबानी ने भी राधिका एंड आनंद की शादी में जो बॉक्सेस अपने एंप्लॉयज को दिए थे उसमें इस इंडियन कंपनी के स्नैकिंग प्रोडक्ट्स थे हम सबके घर में इस ब्रांड की बुजिया.
मिक्सचर या कोई ना कोई और प्रोडक्ट्स तो होंगे ही अब तक तो आप समझ ही गए होंगे मैं बात कर रहा हूं हल्दीराम्स की कभी चाय के साथ बुजिया बनकर मेहमान के लिए भाकरवड़ी या मूंग दाल बनकर हम इस ब्रांड के प्रोडक्ट्स ₹ से लेकर बड़े-बड़े पैकेट्स भी देख चुके हैं बट देयर वाज अ टाइम जब हल्दीराम्स ₹ के भाव पर भी अपने प्रोडक्ट्स बेचता था बीकानेर की एक छोटी.
सी दुकान से शुरुआत हुई हल्दीराम्स आज 9000 करोड़ की कंपनी बन चुकी है बट यह सब हुआ कैसे आइए शुरू से समझते हैं लेट मी टेक यू बैक टू बीकानेर इन 1908 जहां हल्दीराम पले बड़े वो एक हंबल बैकग्राउंड से आते थे और उनकी फैमिली की एक छोटी सी बुजिया की दुकान थी बीकानेर की और दुकानों की तरह हल्दीराम को बचपन से ही अपने फैमिली बिजनेस में बहुत इंटरेस्ट था तो वह.
हर प्रोसेस को बहुत ही बारीकी से ऑब्जर्व करते थे वो घंटों तक बुजिया के बैटर को बनते हुए और कढ़ाई में तलते हुए देखते थे अपने इसी इंटरेस्ट के कारण उन्होंने 12 साल की उम्र में ही बुजिया बनाना अच्छे से सीख लिया और बुजिया की दुकान पर बैठने भी लगे पर इस सबके बाद भी उन्हें एक बात बहुत ज्यादा खटकती थी उन्हें लगता था कि यह बिजनेस एक छोटी सी दुकान एंड मुट्ठी भर.
कस्टमर से बहुत ज्यादा जदा बड़ी बन सकती है और तभी बैठे-बैठे वो इनोवेटिव आइडिया सोचते रहते थे और तब उन्होंने यह तीन स्ट्रेटजीजर पहला बकनर में अक्सर लोग बेसन से ही बुजिया बनाते थे पर हल्दीराम ने इसमें एक एक्स्ट्रा इंग्रेडिएंट्स खाने में पसंद थी एंड हल्दीराम को लगा इससे बुजिया का एक टेस्ट एनहांस होगा और इसमें एक.
यूनिकनेक्ट उन्होंने देखा कि उनकी बुजिया काफी मोटे थे एंड थोड़ी देर बाद सौगी हो जाते थे तो उनको कस्टमर एक्सपीरियंस बेटर करने के लिए पतली बुजिया बनानी थी उन्होंने पूरा बाजार घूमा पर कहीं भी पतली बुजिया बनाने का सीव नहीं मिला सो ही कोलैबोरेटेड विद अ फ्यू आयरन स्मिथ और एक परफेक्ट पतली बुजिया बनाने का सांचा बनवाया थर्ड हल्दीराम एक ब्रांडिंग.
एक्सपर्ट थे उन्होंने देखा कि आसपास की सारी दुकानें भी वही बुजिया बेच रही हैं जो वह बेच रहे थे इसलिए उन्होंने अपनी बुजिया का नाम डूंगर सेव रख दिया डूंगर वहां के एक राजा थे जिन्हें लोग काफी मानते थे और अपना प्रोडक्ट डंगर के नाम पर रखने से उनकी बुजिया को एक प्रीमियम फील और इनडायरेक्ट रस भी मिला तो होना क्या था लोग हल्दीराम के टेस्ट के दीवाने हो गए.
उसकी बुजिया की क्रिस्पनेस ने लोग के ईटिंग एक्सपीरियंस को बेटर कर दिया और डंगर सेव ने ब्रांडिंग कर दी वही बुजिया जो फैमिली वाले 2 पैसे पर किलो पर बेच रहे थे हल्दीराम्स वाज सेलिंग इट एट 5 पैसे पर किलो व्हिच वाज एन इंक्रीमेंट ऑफ 150 जैसे ही दुकान वर्ड ऑफ माउथ से बढ़िया चलने लगी एक दिन 1944 में सब कुछ बदल गया फैमिली कॉन्फ्लेट्स के कारण हल्दीराम को अपना.
बिजनेस और घर छोड़ना पड़ा और वह अपनी वाइफ और तीन बच्चों के साथ सड़क पर आ गए इतनी मेहनत से जिस बिजनेस को उन्होंने इतनी हाइट्स तक पहुंचाया ही लॉस्ट एवरीथिंग इन वन मोमेंट ऐसे सिचुएशन में हर इंसान हार मान ही लेता है परट हल्दीराम हार मानने वालों में से नहीं थे एवरी डे हल्दीराम की वाइफ घंटों बैठ बैठकर मूंग दाल बनाती थी और हल्दीराम उसे बाजार में घूम-घूम कर.
बेचते थे फाइनली उन्होंने वह सारी स्ट्रैटेजी जी जो व भुजिया की शॉप पर यूज़ करते थे अपने मूंग दाल के टेस्ट और प्राइस को क्रैक करने के लिए भी यूज़ करी और एक लॉयल फॉलिंग ऑफ कस्टमर्स बना ली फाइनली कई दिनों की मेहनत के बाद हल्दीराम ने भी अपनी फिर से एक शॉप ओपन कर ली जहां पे वह अपनी पुरानी परफेक्शन बुजिया बेचने लगे कहते हैं द बेस्ट प्लेस टू सेल योर.
प्रोडक्ट इज एट फैमिली गैदरिंग्स हल्दीराम्स के साथ भी यही हुआ कि जब वह 1950 में अपनी दोस्त की बेटी की शादी में कोलकाता गए हल्दीराम एक अपॉर्चुनिटी थे तो उन्होंने शादी में ही हल्दीराम बुजिया ले जाने का सोचा और उनकी ले जाई हुई भुजिया गेस को इतनी अच्छी लगी कि उनको शादी से ही कई सारे बल्क ऑर्डर्स मिल गए अगर आपको भी अब तक वीडियो पसंद आ रही है एंड यू कांट.
वेट टू नो द रेस्ट ऑफ द हल्दीराम स्टोरी तो मेरे चैनल को सब्सक्राइब कर लेना तो हल्दीराम को रिलाइज हुआ कि यह बिजनेस कोलकाता में तो बहुत चल सकता है क्योंकि यहां पर भुजिया एंड कंपटीशन दोनों नहीं थे तो उन्होंने बिना ही अपॉर्चुनिटी गवाए 1955 में अपने छोटे बेटे को कोलकाता में भेजा और यह बिजनेस वहां पर स्टार्ट करवाया उन्होंने यहां भी अपने कस्टमर्स को पहले.
रखा एंड उनके टेस्ट पैलेट समझने की कोशिश करी ही देन रियलाइफ पर बंगाली मिक्सचर नाम का एक स्नैक बहुत पॉपुलर है एंड इसकी काफी डिमांड है तो उन्होंने वो स्नैक भी बनाया एंड जैसे ही कस्टमर्स अट्रैक्ट होने लगे वो और प्रोडक्ट्स भी टेस्ट करने लगे एंड उन्हें पसंद करने लगे हल्दीराम का बिजनेस कोलकाता से इतना पॉपुलर हो गया था कि वह दिन की 150 टू 200 किग्रा की सेल्स करने.
लगे और धीरे-धीरे हल्दीराम ने अपना बिजनेस अपने बेटों को पास ऑन कर दिया अब दे वांटेड टू एक्सपेंड इन नागपुर बट प्रॉब्लम थी कि नागपुर में तो स्नैक्स की डिमांड थी ही नहीं तो दिस इज फॉर द फर्स्ट टाइम वेर हल्दीराम स्विच फ्रॉम द स्नैकिंग बिजनेस टू एंटर अ न्यू लाइन ऑफ बिजनेस ऑल टुगेदर कॉल्ड स्वीट्स क्योंकि नागपुर के लोग बहुत ज्यादा.
स्वीट्स खाना पसंद करते थे लाइक बालूशाही मासोर पार्क धीरे-धीरे हल्दीराम ने नागपुर की ऑडियंस का भी दिल जीत लिया एंड सिर्फ 3 साल में वहां से 400 पर से सेल्स बढ़ाई एंड दैट इज वयर हल्दीराम्स एंटर्ड द इंडियन स्वीट्स इंडस्ट्री फिर उन्होंने देखा कि मिठाई तो ठीक है बट नागपुर के लोगों को इडली और डोसा जैसी डिशेस खाने की भी बहुत डिमांड होती है फिर उन्होंने.
नागपुर में एक 30 सीटर रेस्टोरेंट लिया एंड इडली एंड डोसा जैसी डिशेस को बेचने लगे और फिर धीरे-धीरे उन्होंने उसी सक्सेस के बाद अपने बीकानेरी स्वाद जैसे समोसा और कचौड़ी के टेस्ट को भी अपने मेन्यू में ऐड किया एंड विद दिस मूव हल्दीराम्स एंटर्ड द रेस्टोरेंट इंडस्ट्री जैसे ही उनके बिजनेस की पॉपुलर रिटी बढ़ी उन्होंने खुद शॉप्स खोलने की बजाय मात्र दो से 4 लाख में अपनी.
फ्रेंचाइजीज देना स्टार्ट किया इसके साथ वह क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स या क्यूएसआर और रेगुलर डाइनिंग रेस्टोरेंट्स में भी आ गए जिससे कस्टमर्स गॉट एक्सेस टू प्रॉपर मील्स रिफ्रेशमेंट्स एंड अ वाइड वैरायटी ऑफ हल्दीराम स्नैकिंग प्रोडक्ट्स इस टीयर्ड फ्रेंचाइजी मॉडल से हल्दीराम ने हर तरीके के कस्टमर को केटर किया एंड दिस वाज अ विन फॉर द फ्रेंचाइजी ओनर एज वेल.
क्योंकि वो हर हल्दी राम्स की फ्रेंचाइजी पे 15 से 20 पर का प्रॉफिट कमाने लगे वाइल हल्दी राम्स इज वन ऑफ़ द बिगेस्ट ब्रांड टुडे इट हैज फेस्ड अ लॉट ऑफ लीगल कॉम्प्लिकेशंस ओवर द इयर्स बिकॉज़ हल्दीराम्स के तीन बिजनेसेस हैं व्हिच आर रन बाय थ्री डिफरेंट फैमिलीज हल्दीराम्स मैन्युफैक्चरिंग इज बेस्ड इन दिल्ली हल्दीराम्स फूड्स इट्स बेस्ड इन नागपुर.
वाइल हल्दीराम्स भुजियावाला इज बेस्ड इन कोलकाता यह तीनों बिजनेसेस तीन इंडिपेंडेंट एंटिटीज हैं जिसमें डेल्ली इज द बिगेस्ट कंट्रीब्यूटर इन रेवेन्यू एट 5000 करोड फॉलो बाय नागपुर एट 4000 करोड एंड देन फॉलो बाय कोलकाता एट 1600 करोड इवन दो इतनी कॉम्प्लिकेशंस आई बट यर आर फोर बिजनेस स्ट्रैटेजी जिससे उन्होंने बिजनेस को बड़ा बनाया पहला हल्दीराम्स की.
बुजिया की शेल्फ लाइफ कुछ ही दिन की होती थी तो दे स्टार्टेड पैकेजिंग देम इन नाइट्रोजन इन फ्यूज पैकेजिंग जिससे इनकी शेल्फ लाइ बढ़ गई एंड क्योंकि शेल्फ लाइ बढ़ गई थी तो दे कुड एंटर इनटू द रेडी टू ईट एंड फ्रोजन फूड सेगमेंट आल्सो नंबर टू जैसे ही ऑनलाइन शॉपिंग का ट्रेंड बढ़ा हल्दीराम ने भी अपनी ई-कॉमर्स की प्रेजेंस बढ़ाई एंड आज विद ओवर 400 प्रोडक्ट्स दे.
आर अवेलेबल इन ऑल ऑफ इंडियाज लीडिंग ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स थर्ड आज लोग एनवायरमेंट कॉन्शियस हो गए हैं एंड टू प्लेस इट सेल्फ एज एन एनवायरमेंट कॉन्शियस ब्रांड हल्दीराम्स अपनी एनर्जी 40 पर रिन्यूएबल सोर्सेस से ही लेती है एंड काफी सारे इनोवेटिव इको फ्रेंडली पैकेजिंग सॉल्यूशंस पर भी वर्क कर रही है फोर्थ हल्दीराम ने समझ लिया कि स्नैकिंग एक.
इंपल्सिव बाय है तो कस्टमर्स को अट्रैक्ट करने के लिए एंड शेल्स में स्टैंड आउट करने के लिए उन्होंने कलरफुल पैकेजिंग का इस्तेमाल किया ताकि कस्टमर्स उनके प्रोडक्ट इजली देख पाएं और खरीद भी पाएं रिजल्ट आज हल्दी राम्स इंडिया की टॉप मोस्ट स्नैकिंग ब्रांड है एंड सिर्फ इंडिया में नहीं 80 प्लस कंट्रीज में हल्दी राम्स के प्रोडक्ट्स खाए जाते हैं.
सिर्फ 2023 में हल्दी राम्स ने 9215 करोस का रेवेन्यू करा वाइल देयर कंपीटीटर्स ps42 करोड एंड बालाजी रेवेन्यू स्टूड एट 5296 करोड आज हल्दीराम्स का 80 पर रेवेन्यू पैकेज फूड से आता है और 15 पर क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स या क्यूएसआर से इतने सालों में भी हल्दीराम्स को कोई नहीं बीट कर पाया है बिकॉज़ इट हैज ऑलवेज.
पोजीशन इट सेल्फ एज अ फैमिली ब्रांड लिसन टू इट्स कस्टमर्स टेस्ट एंड प्रेफरेंसेस इन फैक्ट उनके हर ड कैंपेन में उन्होंने फैमिलीज एंड फेस्टिवल से खुद को एसोसिएट किया है ओवर द इयर्स ग्रुप्स लाइक टाटा एंड ब्लैक स्टोन हैव ट्राइड टू बाय हल्दीराम्स बट हल्दीराम्स ने ये सारे क्लेम रिजेक्ट करे हैं एंड रिसेंटली फर्म्स लाइक ब्लैक स्टोन टेमा सेक एंड बन.
कैपिटल हैव आल्सो ऑफर्ड टू बाय 76 ऑफ हल्दीराम्स बट ओनली टाइम विल टेल वेदर हल्दीराम विल एक्सेप्ट दिस र नॉट दो पैसे से लेकर 9000 करोड़ तक बिजनेस बनाने की हल्दीराम की स्टोरी इज अ केस स्टडी इन कांस्टेंट बिजनेस इनोवेशन एंड कस्टमर सेटिस्फैक्ट्रिली [संगीत]