Case Study

Iran-Israel Conflict: A Threat to India’s Economy? | Case Study | CA Rahul Malodia

Iran-Israel Conflict: A Threat to India’s Economy? | Case Study | CA Rahul Malodia

एक और युद्ध अब ईरान और इजराइल में जंग छेड़ने वाली है इस कनेक्टेड दुनिया में जब भी दो देश लड़ते हैं तो असर उन दो देशों पे नहीं पूरी दुनिया पे पड़ता है हमें ये देखना है कि भारत पे इसका असर पड़ेगा या नहीं पड़ेगा और पड़ेगा तो कितना पड़ेगा एक बात आपको बता दूं जो भी जंग अभी चल रही है चाहे इजराइल हमास की चल रही हो या फिर आपके रशिया यूक्रेन की जल रही हो इन दोनों युद्धों का भारत पे इतना असर नहीं था जितना असर इस आने वाले युद्ध का होगा कैसे अभी बताएंगे और ये असर ना सिर्फ भारत की अर्थव्यवस्था पे पड़ेगा हमारे सरकारी खजाने पे पड़ेगा अगर आप एक इन्वेस्टर हैं तो भैया आपके स्टॉक मार्केट प भी पड़ेगा अगर आप व्यापारी है तो आपके बिजनेस प भी पड़ेगा और एक आम आदमी है तो आपकी जेब प तो पड़ेगा ही पड़ेगा बट कितना क्या कैसे सब.

बताएगा आपका राहुल तो अगर आप एक बिजनेसमैन है इन्वेस्टर है स्टूडेंट है या आम आदमी इस वीडियो को जरूर से देखना ताकि आप ये समझ सके आपके साथ क्या होने वाला है और कैसे सावधान रहे तो जनता जनार्दन की जय बोल के करते हैं वीडियो की शुरुआत सबसे पहले देखते हैं एक छोटी सी झड़प है या वास्तव में एक बड़ा युद्ध बन सकता है कि नहीं बन सकता इसके बैकग्राउंड को समझते हैं मात्र 1 मिनट में इसके बाद आएंगे कि भारत पे क्या असर पड़ता है आपको खबर याद होगी कि भाई साहब एक बार इजराइल के अंदर हमास के बहुत सारे लोग घुस गए थे कईयों को मार दिया था कइयों को बंक बना लिया था उसके बाद से इजराइल सर पे कफन बांध के बदले के मोड में घूम रहा है इजराइल की जो इंटेलिजेंस एजेंसी है उसका नाम है मोसाद और ये दुनिया की सबसे खतरनाक एजेंसी में.

से एक है वर्ल्ड में जितने भी बड़े-बड़े ऑपरेशंस हुए हैं उनमें मोसाद की जबरदस्त भूमिका रही है इसपे कई किताबें तक लिखी गई है तो उन्होंने सबसे पहले हमास पे अटैक किए और उसके लीडर को मारा फिर उस समय भाई साहब उस परे हिज्बुल्लाह की तरफ से हमले होने लगे हिज्बुल्लाह के कुछ आतंकवादी हाथ में पेजर लेके घूमा करते थे कुछ ऐसा हुआ पेजर में ब्लास्ट हो गया और बहुत सारे जब पेजर में ब्लास्ट हुआ कई लोग मर गए जब वो मरे उनके जब अंतिम संस्कार हो रहा था तब जब लोग इकट्ठे हुए तो उनके वॉकी टाकी में ब्लास्ट कर दिया तो बचे कुछे और मार दिए फिर इजराइल ने सीधा हजीब उल्ला के कमांडर को ही मार दिया था उसके बाद से इतना खौफ है कि ईरान के जो लीडर है खुमैनी वो इस समय में छुप रहे हैं कि भाई साहब कहीं हम पे ना हमला कर दे अब जब इतना सब चल रहा था.

ईरान भाई साहब बार-बार धमकियां दे रहा था कि भाई देख लो ऐसे मत करो ऐसा मत करो कुछ कर नहीं रहा था अब ईरान की लीडरशिप पे प्रेशर बनाया उनकी जनता ने मीडिया ने कि जी भाई साहब रोज इज्जत तार-तार होती है कुछ तो करो गुस्से में आके भाई साहब अभी हाल ही में एक नहीं दो नहीं 180 मसाइल इजराइल पे दाग दी अब इजराइल का डिफेंस सिस्टम स्ट्रांग था तो उन्होंने उसको काफी हद तक तो उसको वेड कर लिया लेकिन अब दोबारा कसम खाई है कि भाई साहब हम चुनचुन के बदला लेंगे हमारी पसंद की तारीख हो होगी हमारे पसंद की जगह होगी पर हम बदला जरूर लेंगे ये इजराइल ने खुलेआम कह दिया ईरान ने भी कह दिया देखो अगर तुमने अब बदला लिया तो अगला अटैक इससे भी खतरनाक होगा यूएस बीच में कह रहा है कि भाई साहब इजराइल भाई टेंशन नहीं लेने का कुछ भी.

होगा मैं पीछे खड़ा हूं और जब भी यूएस बोलता है भाई मैं तुम्हारे साथ हूं तो समझ जाओ क्लेश लंबा चलेगा ये यूक्रेन को भी बोला था भाई मैं तुम्हारे साथ हूं पैसे भी दे रहा है मिसाइल भी दे रहा है लेकिन कलेश अब तक खत्म नहीं होने दे रहा है तो जब तक यूएस साथ है आप मान लो कलेश बढ़ेगा और बहुत बड़ा होगा अगली एक्सपेक्टेशन है कि इजराइल या तो इनकी ऑयल वाली साइड पे अटैक करेगा या न क्लियर वाली साइड पे अटैक करेगा अब देखते हैं कहां करेगा कब करेगा करेगा जरूर अब भाई साहब अगर फुल स्केल वॉर हुआ तो क्या-क्या गलत हो सकता है उसपे बात करते हैं सबसे पहला असर पड़ेगा भाई साहब ऑयल की प्राइसेस पे ऑयल रिफाइनरी पे अटैक हो गया और वहां पे रिफाइनरी का या ऑयल का एक्सट्रैक्शन का कोई भी काम रुक गया और लंबे समय तक रुक गया तो भाई साहब इसके.

प्राइस तो बढ़ने ही बढ़ने हैं जब से खबर आई है तब से 3 पर ऊपर चल रहा है क्रूड ऑयल महंगा होगा है एक कारण है पर उससे भी बड़ा कारण एक और बैठा है वो है ट्रेड रूट भारत को अपने एनर्जी नीट को निभाने के लिए जितने भी ऑयल की जरूरत होती है उसका 85 पर हमको इंपोर्ट करना पड़ता है इसके अलावा हमारी नेचुरल गैस है वो भी हम इंपोर्ट करते हैं 50 पर से ज्यादा तो अकेले कतर से आती है अब भाई साहब ये जब युद्ध हुआ तो दो मेजर ट्रेड रूट है एक तो है रेड सी और एक आता है स्ट्रेट ऑफ हर्मोसो ऑफ हर्मो सर ये है हर्मोसो मेंट चोक पॉइंट है दुनिया का 20 पर ऑयल इसी रास्ते से आता जाता है और भारत का 65 पर ऑयल इस रास्ते से आता है और जो भारत गैस मंगाता है से वो भी इसी रास्ते.

से आती है रेड सी वाला जो रूट है वो अभी तीज ने डिस्टर्ब कर दिया था वो भी ईरान के साथ ही है युद्ध लंबा चला तो ये भी कूदे रेड सी भी डिस्टर्ब होगा रेड सी से जो हम ऑयल खरीदते हैं रशिया से वो रेड सी से आता है तो सबब हमारा ऑयल महंगा आएगा वो बात को छोड़ो ऑयल आ भी पाएगा क्या ये एक समस्या है और इसमें तीन एंगल आ सकते हैं एक संभावना ये भी है कि रूट एकदम ब्लॉक हो जाए और तेल आए ही ना तो फ भारत को तो एनर्जी नींद नहीं मिलेगी और बाकी जितनी भी हमको पेट्रोल डीजल ये सब जरूरत है ये तो रुक जाएगी अर्थव्यवस्था रुक जाए जाएगी दूसरा तरीका है कि भाई पूरा कंप्लीट ब्लॉक नहीं होगा ये थोड़ा घूम के लंबा चक्कर खा के आएंगे तो भाई साहब अगर लंबा चक्कर खा के आएंगे तो डिले होगा तो उसमें भी प्रॉब्लम तो आनी है और तीसरा है कि चलो.

घूम के आ गए लंबे चक्कर से आ गए लेकिन रेट तो कतई सस्ती नहीं होनी रेट तो कई गुना महंगी होगी क्योंकि इंश्योरेंस की कॉस्ट जो लगती है वो भी बढ़ जाएगी कई गुना और भाई साहब जो शिपिंग की कॉस्ट है वो भी बढ़ जाएगी तो आपका जो तेल ओरिजिनल है वो वैसे ही महंगा फिर उसको लाने का कॉस्टिंग महंगी अब जो असर पड़ेगा भारतीय सरकार पे और भारतीय आम आदमी पे उसको देखते हैं सबसे पहला इंपैक्ट पड़ेगा जो कि आम आदमी पे भी पड़ने वाला है वो है महंगाई जब भाई साहब ऑयल महंगा आता है तो पेट्रोल डीजल सब महंगे होते हैं और उसके चक्कर में जितनी भी खाने पीने की चीजें या और सब चीजें महंगी हो जाती है क्योंकि ट्रांसपोर्ट की कॉस्ट बढ़ जाती है अब ये जब ऑयल महंगा आएगा तो भाई साहब इसका दो ही ऑप्शन होगा या तो भाई साहब गवर्नमेंट ये बर्डन खुद पे.

लेगी या सारा जनता पे देगी सारा बर्डन जनता पे डाल दिया तो भाई साहब फिर तो उतरा हिमाम भयंकर धरने प्रदर्शन वोट चले जाएंगे तो सरकार इतना नहीं करती सरकार थोड़ा आप पे लगाएगी थोड़ा खुद पे लेती है और जो सरकार खुद पे लेगी उससे इंपैक्ट क्या पड़ता है साहब अब सरकार क्या करेगी यार मेरे पास तो खर्चा बढ़ गया अब क्या करें चीजें रोकें तो फ्री का अनाज प अनाज या जो भी सुख सुविधा सरकार दे रही है पेंशन तनखा वो तो रोक नहीं सकती वो रोकेगी आपकी इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट कि यार कोई जो रेल में रोड पे ब्रिज पे जो बड़ा काम करने वाले थे उसको थोड़ा धीमा कर दो कम कर दो बात कर दो बाद में करेंगे टाल देंगे ये फर्क पड़ेगा अल्टीमेटली घूम के आम आदमी पे ही आएगा अगर तेल महंगा होता है $10 पर बैरल तो उससे महंगाई है वो सीडी % बढ़ती.

है इस युद्ध में अगर $40 महंगा हो गया तो % महंगाई तो सीडी सीडी इससे बढ़ जाएगी दूसरा गवर्नमेंट में इंपैक्ट क्या होगा पिछले साल जो हमने ऑयल इंपोर्ट किया था उसका टोटल बिल था 96 बिलियन अगर $10 पर बैरल अगर महंगा होता है तो गवर्नमेंट पे एडिशनल प्रेशर पड़ता है 12 से 13 बिलियन का यानी भाई साहब अगर 40 जो अपन ने एग्जांपल लिया अगर उतना बढ़ जाता है तो गवर्नमेंट पे 50 बिलियन का एक्स्ट्रा प्रेशर आएगा एक और इंपैक्ट क्या पड़ेगा एक चीज होती है सर कैड करंट अकाउंट डेफिसिट जो आपका वित्तीय घाटा होता है यानी हम कमाते कितना है खर्च करते कितना है वो जो गैप है ना 3 पर के हिसाब से बढ़ जाएगा सरकार के पास एक जगह से पैसा आता है एक जगह लगाती है अगर आता कम लगाते जाना है तो वित्तीय घाटा होता है अब ये और बढ़ने लग.

जाएगा अब जब सरकार के खाते से पैसे जाने लग जाएंगे सरकार दो ही चीज करती है तो प्रोजेक्ट रोक देती है वो भी अपना घाटा और दूसरा काम जो सरकार करती ही करती है कहता है या एक टैक्स थोड़ा और बढ़ा दो एक टैक्स और लगा दो एक ड्यूटी और बढ़ा दो एक सेस और बढ़ा दो आना वो भी आम आदमी की मत है जब आम आदमी की बात ही हो रही है तो आम भारतीय के एक सेक्शन को और कवर करते हैं पे इसका डायरेक्ट इंपैक्ट है वो है जो भारतीय मिडिल ईस्ट में काम कर रहे हैं ये छोटी-मोटी झड़प है तो वो काम कर रहे हैं लेकिन जब ये फुल ब्लोन युद्ध हो जाएगा तब भाई साहब वहां से सरकार इनको भेज भी देगी और भारत की सरकार बुला भी लेगी कई लोग युद्ध के चक्कर में वैसे भाग के आ जाएंगे अब वहां पे वो जो कमा रहे थे वहां प उनकी कमाई इतनी थी वो कैसे भी रहते थे लेकिन घर.

में सा से 8 लाख साल का आराम से बेचते थे और भारत का जो फॉरेक्स रिजर्व है वो बहुत ज्यादा आज की डेट में बड़ा हुआ है लगभग 600 700 बिलियन के लेवल पे है उसमें भी इनका एक बहुत बड़ा कंट्रीब्यूशन था अब इससे दो फायदा होता है घर वालों को तो रुपए मिलते हैं लेकिन सरकार को फॉरेक्स इनकम मिलती है भाई साहब विदेशी रुपया मिलता है अभी हमारा जो फॉरेक्स रिजर्व है वो एकदम टॉप पे चल रहा है 700 बिलियन के आसपास पहुंच चुका है अब अगर ऑयल महंगा हो गया तो वहां से कटौती चालू और अगर ये यहां से आ गए तो भेजना कम कर देंगे तो वो भी कटौती चालू इतने सालों में जाके हमने इतना बड़ा फॉरेक्स रिजर्व बनाया है वो और कम होने लग जाएगा और प्लस इनकी जिंदगी जो आदमी इस मिडिल ईस्ट में रहता है वहां की आबोहवा से और वहां के हैबिट से जज जाता है.

अब इतनी बड़ी जनसंख्या हजारों लाखों के लोग जब भारत वापस आएंगे इनके पास काम करने को वह काम नहीं होगा वो स्किल जो उनके पास था वो इंडिया में काम नहीं कर रहा होगा और इंडिया में उस स्किल के जो पैसे मिलेंगे उनसे इनकी लाइफस्टाइल मेंटेन नहीं होगी तो एक बहुत बड़ा साइकोलॉजिकल क्राइसिस इनके और उनके परिवार के लिए हो सकता है हो सकता है टेंपररी लेवल पे इनको लेबर का काम इधर-उधर कहीं मिल जाए पर वो सैलरी कभी नहीं मिलेगी और ये एक बहुत बड़ा डैमेज है अब आ है एमएसएमई भाई साहब इन पे क्या असर होने वाला है देखो जो भी एमएसएमई इंपोर्ट एक्सपोर्ट बिजनेस में है मोस्टली जो रूट है ये तो रूट तो यही रहने वाला है तो को अपना माल एक्सपोर्ट करने में दिक्कत आएगी क्योंकि भाई साहब मार्जिन इतना सा होता है और शिपिंग कॉस्ट अगर तीन गुना चार गुना हो.

जाती है तो फिर भाई साहब एक्सपोर्ट नहीं होता फिर आपका बिजनेस एक ही बार में ठप पड़ जाता है दूसरा एक्सपोर्ट को छोड़िए इंपोर्ट अगर आप करते हैं आप कोई ऐसा बिजनेस कर रहे हैं जहां पे आपका रॉ मटेरियल बाहर से आता है या बाहर से इंपोर्ट करके यहीं पे बेचते हैं तो भाईसा अगर इंपोर्ट बंद हो गया तो आपका ये बिजनेस इमीडिएट स्टॉप हो जाएगा और अगर माल आ भी गया तो इस रेट पे आएगा कि आप भारत में अपनी पुरानी रेट पे बेच नहीं पाओगे इसके एग्जांपल कीन बात करें तो भारत का एमएसएमई सेक्टर पहले ही बहुत ब बत ज्यादा परेशान चल रहा है रेड सी में हुती विद्रोहियों ने जब मिसाइलें छोड़ी और वहां का जब डिसर पट हुआ तो कई इंडस्ट्री ऐसी है भारत की जो बर्बाद हो गई अभी न्यूज़ आ रही थी मोरबी में 700 यूनिट में से 200 यूनिट बंद हो.

चुकी है और मेजर कारण यही माना जा रहा है आगरा का लेदर सेक्टर हो वहां पे भी ये इशू देखा गया कि जो भी एक्सपोर्ट पे डिपेंडेंट एमएसएमई थे इस युद्ध के चक्कर में बहुत डैमेज आए और ये तो रेड स तो कुछ भी नहीं था ये स्टेट ऑफ हार्मोस हो गया तो बच्चा कुछा और काम हो जाएगा अब बात करते हैं जिसका वेट कर रहे हो पूरी वीडियो में स्टॉक मार्केट की सर जी इस पे क्या असर पड़ेगा भारत का स्टॉक मार्केट आज की डेट में वर्ल्ड का बेस्ट परफॉर्मिंग मार्केट है ठीक सबसे ज्यादा रिटर्न यही दे रहा है लेकिन इसी चक्कर में सबसे वर्ल्ड का महंगा मार्केट भी यही है ओवर वैल्यूड है अब जब मार्केट ओवर वैल्यूड होता है तो वो सिर्फ एक खबर का वेट करता है कि कोई भी एक नेगेटिव चीज आ जाए और भाई साहब ये हु आ के खत्म हो जाए अभी जो युद्ध चल रहा है.

मिसाइल छुट्टी इस बात पे स्टॉक मार्केट 2 पर गिर गया कल एक ही बार में 8 लाख करोड़ बाजार से साफ हो गए तो छोटी सी इंफॉर्मेशन से हो गया अग ये फुल ब्लोन वॉर आ गया और भाई साहब ये जो मैंने सब चीजें बताई अगर यह होने लग गई तो आने वाले एक दो क्वार्टर तीन क्वार्टर में जो ओवर वैल्युएशन हुआ हुआ है इसमें एक पिन का काम यह कर सकता है और एक बड़ा करेक्शन आप यहां पे देख सकते हो तो भाई साहब बिजनेसमैन और स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर के लिए कुछ छोटे से टिप्स है पहला अगर आपको लग रहा है कि भाई साहब मैं तो स्टॉक मार्केट में देखने आया था है य क्या होता है और थोड़े बहुत पैसे कमा लिए तो भाई साहब अब अगर ऐसी कोई स्थिति लगे आपको लगे थोड़ा क्रैक हो रहा है तो अपना प्रॉफिट बुक करके आप जा सकते हैं दूसरा टिप अगर आप कहते हैं नहीं मैं.

तो देखने नहीं आया मैं तो यहां बसने आया हूं अगले आने वाले 10 15-2 साल तक मैं स्टॉक मार्केट में ही हूं तो भाई साहब अगर जब डिप आएगा तो डिप ले लेना अगर आप एमएसएमई और एक्सपोर्ट इंपोर्ट पे डिपेंड करते हो तो भाई साहब हमेशा अल्टरनेट ढूंढो अगर आप जैसे मान लो कि जब भी आप बिजनेस एक्सपोर्ट कर रहे हो तो ऐसी कंट्रीज में कीजिए जहां पे रूट्स डिफरेंट हो कि यार एक रूट डिस्टर्ब होगा दो जगह तो माल जाएगा अगर आप इंपोर्ट कर रहे हैं कोई भी चीज तो हमेशा सब्सीट्यूट्स में डील करो आपके पास सी रूट के भी सब्सीट्यूट होने चाहिए आपके पास इंपोर्ट के भी सब्सीट्यूट होने चाहिए आपके पास एक्सपोर्ट मार्केट के भी सब्सीट्यूट होने चाहिए नहीं तो कोई ऐसा इकोस्ट सिस्टम डेवलप करो जो कि एक्सपोर्ट इंपोर्ट का काम होता रहे पर इंडिया लेवल.

पे भी एक ऐसा बिजनेस रहे तो आपका बिजनेस अगर वेल डायवर्सिफाइड रहेगा तो ऐसी स्थितियों से बचे रहोगे क्योंकि कई बिजनेस कहते हैं बस इसी रूट पे इसी जगह पे यही माल जाता है तो वैसे एक छोटी सी न्यूज़ आपके बिजनेस को रातों-रात खत्म कर सकती है तो यूं तो मैंने वीडियो बनाई है और मुझे लग रहा है कि इसमें जो सारी चीजें लिखी है ये हो सकती है और शायद हो भी जाएगी मेरी ऐसे भगवान से प्रार्थना है कि ऐसा ना हो इंडियन इकॉनमी स्ट्रांग चल रही है मोमेंटम बना हुआ है आने वाले दो पाच साले मोमेंटम बना रहे हैं बट क्या-क्या संभावना है मैंने आपको बता दी है अब आगे क्या होता है क्या नहीं होता वो तो आगे देखी जाएगी आप मुझे कमेंट बॉक्स में बताइए वीडियो आपके लिए हेल्पफुल रही क्या या आपके क्या विचार है आपको क्या लगता है मुझे कमेंट बॉक्स.

में जरूर बताइएगा जल्दी मिलते हैं अगली वीडियो में तब तक के लिए धन्यवाद जय हिंद [संगीत]

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