तो मैनेजमेंट प्रोसेस का सेकंड स्टेप हमारा आता है ऑर्गेनाइजिंग प्लानिंग चैप्टर जो है हम ऑलरेडी लास्ट सेशन में डिस्कस कर चुके हैं बहुत ही इन डिटेल हमने सारे कांसेप्ट जो है बहुत अच्छे से पढ़े हैं तो अगर आपने वो प्लानिंग चैप्टर नहीं किया है तो पहले उस वीडियो को जाकर देख लीजिए देन आता है हमारा सेकंड स्टेप ऑर्गेनाइजिंग तो स्टार्ट करते हैं केस वन.

से एबीसी कंपनी सेट द ऑर्गेनाइजेशनल ऑब्जेक्टिव टू अचीव % ऑफ द प्रॉफिट मार्जिन विदन वन ईयर ऑफ कमेंसमेंट ऑफ द बिजनेस एक साल के अंदर-अंदर वो चाह कि 15 पर प्रॉफिट मार्जिन वो अर्न कर लें दे एलोकेटेड डिफरेंट डिपार्टमेंट्स बाय ग्रुपिंग सिमिलर टास्क इन अ सिंगल टीम एंड क्लेरिफाइड द रिस्पांसिबिलिटी अथॉरिटी रिलेशनशिप इन दी ऑर्गेनाइजेशन जो भी.

अथॉरिटी रिस्पांसिबिलिटी रिलेशनशिप रहेगा कौन से पर्सन को कितनी अथॉरिटी है कौन सा पर्सन को कितनी पावर्स है वो सारा रिलेशनशिप प्री डिफाइंड कर दिया और अलग-अलग ग्रुप्स में जो है उन्होंने डिपार्टमेंट्स में पर्स को डिवाइड कर दिया जो कि अपने डिपार्टमेंट में अपने स्किल्स में स्पेशलाइज है उनको एक सिमिलर ग्रुप में कैटेगरी कर दिया देन डिपार्टमेंट.

मैनेजर इंस्ट्रक्टेड द टीम एंड मोटिवेटेड देम टू अचीव ऑर्गेनाइजेशनल टारगेट एंड ऑल एंप्लॉयज वर सपोज टू रिपोर्ट देर डिपार्टमेंटल हेड्स जो भी उनके डिपार्टमेंटल मैनेजर थे व सभी जो भी एंप्लॉई थे अपने अपने डिपार्टमेंटल हेड को रिपोर्ट करने के लिए उनको बोला गया देन द परफॉर्मेंस ऑफ ईच एंप्लॉई वास मॉनिटर्ड एंड.

इवेलुएटेड पहला क्वेश्चन आता है आपका च ऑफ द फॉलोइंग बेस्ट डिफाइंस द प्रोसेस ऑफ ऑर्गेनाइजिंग इन दी मैनेजमेंट ऑर्गेनाइजिंग क्या होता है ऑर्गेनाइजिंग के अंदर हमने लास्ट टाइम प्लानिंग के अंदर क्या पढ़ा था कि हमने ऑर्गेनाइजेशन का ऑब्जेक्टिव सेट किया उस ऑब्जेक्टिव को अचीव करने के लिए हमने अलग-अलग से प्लांस बनाए अलग-अलग से.

स्ट्रेटजीजर अब जब हमने बिजनेस को चलाने के लिए स्ट्रेटेजी बनाई है अब कुछ डिपार्टमेंट्स बनेंगे एक ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर बनेगा ऑर्गेनाइजिंग प्रोसेस के अंदर जिसमें अलग-अलग डिपार्टमेंट्स बनाए जाएंगे डिवाइड किया जाएगा कि कौन सा पर्सन हरार की में सीनियर रहेगा कौन सा जूनियर रहेगा कौन-कौन सी जॉब वैकेंसीज हमारे पास रहेंगी जॉब पोजीशंस कौन-कौन सी इस टाइम पे.

अवेलेबल है तो वह सारा हम किसमें करते हैं ऑर्गेनाइजिंग के अंदर तो कौन सा पार्ट है जो बेस्ट डिफाइन करता है ऑर्गेनाइजिंग के प्रोसेस को दैट इज सेटिंग ऑर्गेनाइजेशनल गोल्स एंड ऑब्जेक्टिव तो यह प्लानिंग का पार्ट है दिस कैन नॉट बी द ऑप्शन देन एलोकेटिंग रिसोर्सेस एंड असाइनिंग टास्क सो यस इस केस के अंदर आप देख सकते हो कि यहां पर.

ग्रुप्स किए गए हैं सिमिलर टास्क वाले पर्सन को इन अ सेम डिपार्टमेंट तो यह एक पार्ट है ऑर्गेनाइजिंग का क्योंकि इसके अंदर कैटेगरी बनाई गई है अलग-अलग डिपार्टमेंट्स बनाए गए जैसे कि फाइनेंस डिपार्टमेंट ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट प्रोडक्शन डिपार्टमेंट जो जो पर्सन जिस-जिस जॉब पोजीशन पर आया होगा सपोज कोई अ अकाउंटेंट है कोई असिस्टेंट.

अकाउंटेंट है कोई ऑडिटर है तो ये सारे को सभी पर्सन किसमें क्लब हो जाएंगे फाइनेंस डिपार्टमेंट में वैसे प्रोडक्शन आउटपुट जनरेट करने वाली लेबर हो गई और यह सारे पर्सन किसमें आ जाएंगे प्रोडक्शन डिपार्टमेंट में सेल्स पर्सन सेल्स टीम हो गई बीडीएम बीरी ई एग्जीक्यूटिव अ सेल्स इंटर्न्स हो गए वो सारे किस किस में हो जाएंगे ग्रुप अब अपने मार्केटिंग सेगमेंट.

में तो एलोकेट करना रिसोर्सेस को और टास्क जितने भी है हमारे ऑर्गेनाइजेशन में उसको असाइन करने को हम क्या बोलेंगे ऑर्गेनाइजिंग सेकंड और भी देख लेते हैं मोटिवेटिवेशनल पार्ट ऑफ स्टाफिंग जो कि हम आने वाले चैप्टर्स में डिस्कस करेंगे एक चैप्टर है पूरा स्टाफिंग पर देन इज मॉनिटरिंग एंड इवैल्युएबल ये आपका लास्ट स्टेप आता है.

जिसके अंदर आप मेजर करते हो कि क्या आपने गोल सेट किया था और एक्चुअल परफॉर्मेंस आपकी क्या निकल कर आई है कोई डेविएशन है या नहीं तो ये सारा मॉनिटरिंग और इवैल्यूएशन ऑफ परफॉर्मेंस किसमें आ जाएगा कंट्रोलिंग के अंदर दैट वी विल डिस्कस इन दी कमिंग चैप्टर्स तो बी पार्ट को टिक कर लेते हैं क्योंकि ओनली बी इज द ओनली ऑप्शन व्हिच.

रिप्रेजेंट्स द ऑर्गेनाइजिंग इन दिस केस सेकंड क्वेश्चन आपका आता है व्हिच ऑफ द फॉलोइंग इंपॉर्टेंस ऑफ ऑर्गेनाइजिंग इज हाइलाइटेड इन अबोव केस अब इंपॉर्टेंस ऑफ ऑर्गेनाइजिंग क्या होती है क्यों जरूरी है ऑर्गेनाइजिंग क्या फायदा होता है हमें ऑर्गेनाइजिंग करने से तो सबसे पहले आ जाता है क्लीयरिंग वर्किंग रिलेशनशिप तो यस इसके अंदर यह केस है जिसके अंदर बताया गया.

है कि कौन सा पर्सन को कितनी अथॉरिटी है कितनी रिस्पांसिबिलिटी है कौन सी जॉब प्रोफाइल किसकी रहेगी तो यह वाले केस में यह वाला जो पॉइंट है वैलिड है नेक्स्ट इज इफेक्टिव रिसोर्स यूटिलाइजेशन जितने भी रिसोर्सेस हैं उनकी यूटिलाइजेशन प्रॉपर अच्छे तरीके से की जा रही है जैसे आप ऊप देख सकते हो दे एलोकेटेड डिफरेंट डिपार्टमेंट्स बाय ग्रुपिंग सिमिलर टास्क.

इन अ सिंगल टीम एंड क्लेरिफाइड द रिस्पांसिबिलिटी अथॉरिटी रिलेशनशिप जिसके अंदर जो भी पर्सन आपके एंप्लॉयज काम करें जितने भी रिसोर्सेस हैं अगर उनको अपने-अपने डिपार्टमेंट्स में भेजा जाएगा अपने-अपने जॉब प्रोफाइल्स बताए बता दिए जाएंगे इनिशियल लेवल पर ही तो जो रिसोर्सेस की ह्यूमन रिसोर्सेस की यूटिलाइजेशन है वो भी अच्छे तरीके से हो.

सकेगी नेक्स्ट पॉइंट आपका आता है गोल अचीवमेंट तो यस 15 पर का जो गोल है वो भी इजली अचीव हो रहा है ड्यू टू ऑर्गेनाइजेशन ऑर्गेनाइजिंग तो ये भी पॉइंट हो सकता है नेक्स्ट इज फिर पॉइंट आता है अडेप्ट टू चेंज तो अडेप्ट टू चेंज क्या होता है कि इजली आप अडेप्ट करवा सकते हो अगर ऑर्गेनाइजेशन में हरार की होएगी.

कि कौन सा पर्सन किसको रिपोर्ट करेगा कौन सा पर्सन किसकी बात सुनेगा मानेगा कौन सा पर्सन सीनियर रहेगा तो इजली सीनियर है अपने जूनियर से अपनी बात मनवा सकते हैं कोई चेंजेज लेकर आना चाहते हैं तो वो चेंजेज लेकर आ सकते हैं वो एक इंपॉर्टेंस है ऑर्गेनाइजिंग की बट इन दिस केस इसके अंदर ऐसा कुछ भी नहीं लिखा हुआ कि ऑर्गेनाइजेशन में कोई जूनियर कोई सीनियर.

की बात मान रहा है कोई चेंजेज आ रहे हैं तो उस चेंजेज को जो है अडॉप्ट किया जा रहा है तो इसलिए ये ऑप्शन हमारा वैलिड नहीं है इन दिस केस अदर वाइज इट इज एन इंपॉर्टेंस फॉर ऑर्गेनाइजिंग सो ऑप्शन ए बी एंड सी इज द करेक्ट ऑप्शन हेयर वी कैन सी ऑप्शन सी इज दी राइट आंसर नेक्स्ट है आपका व्हिच ऑफ द फॉलोइंग इज नॉट अ डायरेक्ट कंपोनेंट ऑफ.

ऑर्गेनाइजिंग फंक्शन एज डिस्क्राइब्ड इन दी सिनेरियो तो इसमें से कौन सा डायरेक्टली रिलेटेड नहीं है ऑर्गेनाइजिंग से ग्रुपिंग सिमिलर टा तो जो एक जैसे काम है उसको एक डिपार्टमेंट में ग्रुप अप कर देना तो यह दिस इज अ पार्ट ऑफ ऑर्गेनाइजिंग तो यह ऑप्शन नहीं हो सकता यहां पे क्योंकि लिखा हुआ है कि नॉट अ डायरेक्ट कंपोनेंट तो जो नहीं होगा.

उसको हमने करेक्ट करना है नेक्स्ट इज क्लेरिफाइंग रिस्पांसिबिलिटी एंड अथॉरिटी रिलेशनशिप रिस्पांसिबिलिटी किसको कितनी रहेगी कितनी पावर्स किसको मिली है यह सारा भी एक यरार की का ही पार्ट है तो यह भी ऑर्गेनाइजिंग के अंदर ही आता है अगर यह भी आपका क्वेश्चन में गिवन केस में गिवन है तो तो यह आंसर नहीं हो सकता देन इज मॉनिटरिंग एंप्लॉई परफॉर्मेंस तो एंप्लॉई.

की परफॉर्मेंस को मॉनिटर करना यह केस के अंदर है बट ये किसका पार्ट है स्टाफिंग का पार्ट है सो दिस इज द करेक्ट ऑप्शन लास्ट ऑप्शन भी देख लेते हैं एलोकेटिंग डिपार्टमेंट सो डिपार्टमेंट आइजन इज आल्सो अ पार्ट ऑफ ऑर्गेनाइजिंग प्रोसेस नेक्स्ट क्वेश्चन आता है आपका व्हिच प्रिंसिपल ऑफ ऑर्गेनाइजिंग इज हाइलाइटेड इन दी अबब केस तो चार.

प्रिंसिपल्स है ऑर्गेनाइजिंग के ये चार हम डिस्कस कर रहे थे प्रिंसिपल ऑफ वर्क स्पेशलाइजेशन जिसके अंदर जैसे आप जानते हो कि कोई भी पर्सन अगर डेली बेसिस पर अपनी रूटीन में एक पर्टिकुलर काम कर रहा है तो वो अपने आप ही एक टाइम ऐसा आ जाएगा कि वो उस काम के लिए एक्सपर्टीज हो जाएगा स्पेशलाइज हो जाएगा तो उसको हम क्या बोलते हैं प्रिंसिपल ऑफ वर्क स्पेशलाइजेशन सेकंड.

इज अथॉरिटी अथॉरिटी एंड रिस्पांसिबिलिटी में सिर्फ पावर का फर्क होता है रिस्पांसिबिलिटी कि आपने किसी को काम दिया है कि ये काम कंप्लीट कर कर देना है अथॉरिटी यू हैव अ पावर कि आप या तो काम खुद कंप्लीट कर लो या किसी से काम कंप्लीट करवा लो और आपके पास और भी पावर्स होती है कि अगर वह काम कंप्लीट नहीं करते तो आप उसके अगेंस्ट कुछ ना कुछ एक्शंस ले सकते.

हो थर्ड पॉइंट इज डेलिगेशन डेलिगेशन के अंदर आप रिस्पांसिबिलिटी अथॉरिटी डेलीगेट कर सकते हो जो ये सिर्फ टॉप टू बॉटम जाता है बिकॉज जो डेलिगेशन है वह सिर्फ ऊपर से नीचे की जाती है कोई भी रिस्पांसिबिलिटी कोई भी काम दे रहे हो तो आप ऊपर वाला जो सीनियर पर्सन रहेगा वही अपने जूनियर को काम दे सकता है जूनियर सीनियर को काम नहीं दे सकता नेक्स्ट इज स्पैन ऑफ कंट्रोल.

जिसके अंदर क्या रहता है स्पैन ऑफ कंट्रोल में कि जितने भी रिपोर्टर्स हैं जितने भी आपकी एंप्लॉयज है एक टीम है टीम का एक लीडर रहेगा एक सीनियर रहेगा एक मैनेजर रहेगा सारी रिपोर्टिंग जो टीम की है वो एक पर्टिकुलर रिपोर्टर को या पर्टिकुलर मैनेजर को ही मिली मिलेगी या की जाएगी तो इसके अंदर हमने कौन-कौन से केस में प्रिंसिपल्स देखे हैं पहला प्रिंसिपल देखा.

है वर्क स्पेशलाइजेशन का जिसमें हम काम को डिवाइड कर देते हैं और जो जो पर्सन जिसस काम में स्पेशलाइज्ड है उसको उस डिपार्टमेंट में डाल देते हैं सेकंड इज अथॉरिटी तो अथॉरिटी रिस्पांसिबिलिटी रिलेशनशिप जो है वो प्री डिफाइंड थे तो हमने यह लाइन पढ़ी थी इसलिए यह भी करेक्ट ऑप्शन है नेक्स्ट इज डेलिगेशन तो डेलिगेशन जैसा हमने पॉइंट कहीं भी नहीं पढ़ा कि कोई.

भी जूनियर कोई भी सीनियर जो है अपना काम अपनी रिस्पांसिबिलिटी या अपने कोई भी पावर जो है अपने जूनियर को डेलीगेट कर रहा है तो यह पॉइंट करेक्ट नहीं है नेक्स्ट इ स् पैन ऑफ कंट्रोल यस यह वाला पॉइंट भी था कि जिसमें जितने भी एंप्लॉय जितने भी टीम के एप्ल है वो किसको रिपोर्ट करेंगे अपने पर्टिकुलर डिपार्टमेंट के मैनेजर को यू कैन सी इन द केस स्टडी एस.

वेल कि दे वर सपोज टू रिपोर्ट देयर डिपार्टमेंटल मैनेजर्स ओनली तो दिस पॉइंट इ आल्सो करेक्ट तो हमारे जो करेक्ट ऑप्शन है दैट इज ए बी एंड सी ए बी एंड डी ऑप्शन सी इज द करेक्ट आंसर क्वेश्चन नंबर फ की तरफ देखते हैं व्हेन एबीसी कंपनी एलोकेटेड डिफरेंट डिपार्टमेंट्स बाय ग्रुपिंग सिमिलर टास्क.

इन अ सिंगल टीम दे वर इंगेजिंग इन द व्हिच टाइप ऑफ ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर ये कौन सा टाइप ऑफ ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर है जिसमें अलग-अलग अ डिपार्टमेंट्स जो सिमिलर क्लास करते हैं परफॉर्म उनको ग्रुप किया और अलग-अलग डिपार्टमेंट्स में डिवाइड कर दिया तो यह इसमें आ जाएगा आपका फंक्शनल ऑर्गेनाइजेशन टाइप्स ऑफ ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर देख लो क्या-क्या होते हैं सबसे.

पहले इसके अंदर आ जाता है राइट एंड स्टाफ ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर जिसमें जो टीम है वो सिर्फ प्लांस को एग्जीक्यूट करने में लगी होती है जो टॉप लेवल मैनेजमेंट है जो भी उनके मैनेजर्स है जो सीनियर्स है वो एक प्लान फॉर्मुले करते हैं प्लान बनाते हैं और जो जूनियर्स है वो उस प्लान को एग्जीक्यूट करती है इन लाइन एंड स्टाफ ऑर्गेनाइजेशन सेकंड आती है आपकी फंक्शनल.

ऑर्गेनाइजेशन तो जैसे कि यहां पर लिखा है कि अलग-अलग डिपार्टमेंट्स बनाए गए जो सिमिलर फंक्शंस प्रमोट करते हैं उनको एक पर्टिकुलर ग्रुप में बांटा गया ग्रुप में डाल दिया गया उनको हम क्या बोलेंगे फंक्शनल ऑर्गेनाइजेशन नेक्स्ट इज डिसेंट्रलाइज ऑर्गेनाइजेशन तो डिसेंट्रलाइजेशन के अंदर क्या होता है कि जो एंप्लॉयज हैं वह सारे इनफॉर्मल होते.

हैं सबका अपना अपना ओपिनियन रहता है मतलब जितने भी एंप्लॉयज ऑर्गेनाइजेशन के अंदर काम कर रहे हैं सबका अपना अपना ओपिनियन उन सबके ओपिनियन की के बेसिस पर ही जो फाइनल डिसीजन है वो लास्ट में माना जाता है और कमेटी ऑर्गेनाइजेशन में क्या होता है कि सबको जितने भी उस ऑर्गेनाइजेशन के अंदर पर्सन होते हैं वो सारे एक्सपर्टीज होते हैं उनको काफी नॉलेज होती है अपने.

पर्टिकुलर जॉब प्रोफाइल के रिगार्डिंग एंड काफी एक्सपीरियंस रहता है सो सबका एक्सपीरियंस और नॉलेज को कंबाइन करक जो भी रिजल्ट निकलता है वो ऑर्गेनाइजेशन को ग्रो करवाता है सिक्सथ क्वेश्चन इज सिक्सथ क्वेश्चन आता है मार्क द फॉल्स स्टेटमेंट तो ए पार्ट क्या बोल रहा है अ बेटर डिवीजन ऑफ लेबर टेक्स प्लेस इन.

इनफॉर्मल ऑर्गेनाइजेशन व्हिच लीड्स टू स्पेशलाइजेशन ऑफ फंक्शंस फंक्शंस के स्पेशलाइजेशन के लिए डिवीजन ऑफ लेबर इनफॉर्मल ऑर्गेनाइजेशन में और भी ज्यादा अच्छे से की जाती है पर यहां पर य स्टेटमेंट फॉल्स है इनफॉर्मल की जगह यहां पे फॉर्मल ऑर्गेनाइजेशंस आएगा तो स्टेटमेंट इज़ फॉल्स इन लाइन स्टाफ ऑर्गेनाइजेशन द अथॉरिटीज फॉर्मुले.

ऑब्जेक्टिव्स एंड इंस्ट्रक्शंस व्हिच आर सबसीक्वेंटली कैरिड आउट बाय द एंप्लॉयज एंड अदर वर्कर्स तो यस इन द लाइन स्टाफ ऑर्गेनाइजेशन हमने क्या पढ़ा था कि जितने भी अथॉरिटीज बनेंगी जितने भी ऑब्जेक्टिव्स बनकर आएंगे वह सीनियर की तरफ से बन के आएंगे और जो भी एग्जीक्यूशन होगी जो भी इंप्लीमेंटेशन होगी वह एंप्लॉई या फिर जूनियर स्टाफ करेगा तो लाइन स्टाफ के बारे.

में बिल्कुल करेक्ट है स्टेटमेंट देन इज इन डिसेंट्रलाइज्ड ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर एंप्लॉयज आर इंपार्ट टू मेक देयर ओन डिसीजन रिजल्ट इज इन अ हाई लेवल ऑफ एंप्लॉई सेटिस्फैक्ट्रिली क्या होता है कि सबके ओपिनियन लिए जाते हैं फिर जो फाइनल डिसीजन है जो भी सबका ओपिनियन लेके लिया गया है दैट वुड बी आ.

फाइनल डिसीजन जिसकी वजह से जो है एंप्लॉई की सेटिस्फेक्शन और भी ज्यादा होती है तो डिसेंट्रलाइजेशन के केस में ये जो है एंप्लॉई सेटिस्फेक्शन है वो ज्यादा होती है दिस स्टेटमेंट इज आल्सो ट्रू और सेंट्रलाइजेशन के केस में क्या होगा कि जो भी डिसीजन मेकिंग राइट्स है वो सारे टॉप मैनेजमेंट या फिर मैनेजर लेवल पर होते हैं जो सीनियर लेवल पर होते हैं और बाकी सभी.

एंप्लॉयज को एज पर दी जो भी उन्होंने बोला होगा इंस्ट्रक्शंस उनको फॉलो करना होता है डी पार्ट इज अंडर कमिटी ऑर्गेनाइजेशन अ ग्रुप ऑफ इंडिविजुअल हु पोसेस वेरियस फॉर्म्स ऑफ नॉलेज एंड हैव प्रॉपर्ली ऑर्गेनाइज टू अड्रेस द चैलेंज फेस्ड बाय द ऑर्गेनाइजेशंस आर इवॉल्वड तो जो भी ग्रुप ऑफ नॉलेज जो भी ग्रुप ऑफ पर्सन है जो भी.

लोग कमेटी ऑर्गेनाइजेशन के अंदर होते हैं वो काफी नॉलेजेबल होते हैं उनको काफी एक्सपीरियंस होता है बिकॉज़ उन्होंने ऑलरेडी इस चीज का एक्सपीरियंस किया होता है जो कि चैलेंज फेस कर रहे हैं ऑर्गेनाइजेशन के अंदर जो भी ऑर्गेनाइजेशन में चैलेंज फेस करने होते हैं उनका ऑलरेडी तजुर्बा जो है वह होता है पहले से तो कमेटी ऑर्गेनाइजेशन के बारे में भी जो यह.

लाइन है वह ट्रू है तो एज पर द क्वेश्चन हमने फॉल्स स्टेटमेंट मार्क करनी थी तो फर्स्ट स्टेटमेंट इज़ फॉल्स ए ऑप्शन इज दी करेक्ट ऑप्शन जिसके अंदर सिर्फ ओनली ए इज द फाल्स स्टेटमेंट सेकंड केस पर आते हैं अ चॉकलेट फैक्ट्री इज इंट्रोड्यूस अ न्यू प्रोडक्ट लाइन एंड दी बेकिंग प्रोडक्ट्स लाइक केक एंड बिस्किट्स.

एक्सेट्रा द ऑर्गेनाइजेशन फॉर्म न्यू डिपार्टमेंट्स इंक्लूडिंग द मार्केटिंग डिपार्टमेंट ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट फाइनेंस डिपार्टमेंट प्रोडक्शन डिपार्टमेंट एंड ईच डिपार्टमेंट वाज हेडेड बाय वाइस प्रेसिडेंट एंड डायरेक्टर कि हर एक डिपार्टमेंट के अंदर अब जो सीनियर रहेगा वो कौन रहेगा वाइस प्रेसिडेंट और डायरेक्टर दे अडॉप्ट ड हायरा रिकल.

स्ट्रक्चर क्लीयरली डिफाइनिंग द चेन ऑफ कमांड फ्रॉम टॉप टू बॉटम टॉप टू बॉटम रहेगा सारा कुछ प्री डिसाइडेड है कि कैसे-कैसे हरार की रहेगी डिपार्टमेंट्स हेड्स रिपोर्टेड टू सीनियर मैनेजमेंट जो डिपार्टमेंट हेड है वो सीनियर मैनेजमेंट को करेंगे रिपोर्ट देन हु इंटर्न रिपोर्ट टू एग्जीक्यूटिव टीम सप्लीमेंटरी चार्ट्स वर प्रिपेयर्ड.

कंसिस्टिंग इन डेप्थ इंफॉर्मेशन रिगार्डिंग लिंकेजेस अथॉरिटी एंड रिस्पांसिबिलिटी विद इन दी ऑर्गेनाइजेशन सप्लीमेंट्री चार्ट्स बनाए गए जिसके अंदर सारी हर्की वगैरह सब कुछ गिवन होगी कौन किसकी अथॉरिटी कितनी रहेगी किसकी रिस्पांसिबिलिटी कितनी रहेगी देन रेगुलर डिपार्टमेंटल मीटिंग एंड कंपनी वाइड ब्रीफिंग्स वर एस्टेब्लिश टू इंश्योर द.

कंटीन्यूअस एंड इफेक्टिव कम्युनिकेशन इफेक्टिव कम्युनिकेशन के लिए जो डिपार्टमेंट है वो रेगुलर मीटिंग वगैरह करता रहेगा क्वेश्चन पर आते हैं सबसे पहला क्वेश्चन क्या कहता है व्हिच ऑफ द फॉलोइंग इज नॉट टिपिकली अ फीचर ऑफ फॉर्मल ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर लाइक द वन एट दी चॉकलेट फैक्ट्री तो इसमें से फॉर्मल.

ऑर्गेनाइजेशन का फीचर कौन सा नहीं है तो फॉर्मल ऑर्गेनाइजेशन के फीचर्स क्या होते हैं फॉर्मल ऑर्गेनाइजेशन क्या होती है जिसके अंदर सारे रूल्स और रेगुलेशंस बनाए जाते हैं और जितने भी एंप्लॉयज ऑर्गेनाइजेशन के अंदर काम कर रहे हैं उन सबको वह रूल्स एंड रेगुलेशंस फॉलो करने होते हैं और जितने भी इंस्ट्रक्शंस टॉप लेवल मैनेजमेंट से आ रही है उनको फॉलो.

करना पड़ता पता है एज इट इज और इसके अंदर कौन सा फीचर जो है वह हाईलाइट नहीं है सबसे पहले वो देख लेते हैं रिटन रूल्स एंड प्रोसीजर तो रिटन रूल्स एंड प्रोसीजर्स है इसके अंदर अ फीचर्स होते हैं देन इज डिफाइंड रोल्ड एंड रिस्पांसिबिलिटी सबकी रोल्स एंड रिस्पांसिबिलिटी भी डिफाइंड है तो ये भी नहीं हो सकता देन स्पॉन्टेनियस एंड.

फ्लेक्सिबल इंटरेक्शन फॉर्मल ऑर्गेनाइजेशन के अंदर फ्लेक्सिबल इंटरेक्शंस नहीं होती है स्पॉन्टेनियस इंटरेक्शंस नहीं होती आपको एक यरार की के थ्रू जाना पड़ता है पहले आप अपने सीनियर से बात करोगे फिर अगर उसकी बात नहीं समझ आ रही या वह आपकी बात नहीं समझ पा रहा है नहीं मान रहा है देन आपके पास एक हरार की है कि आप उसके सीनियर को कंसल्ट कर सकते हो सो दिस पॉइंट इज नॉट.

अवेलेबल एज अ फीचर ऑफ ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर नेक्स्ट है ऑफिशियल कम्युनिकेशन चैनल तो ऑफिशियल कम्युनिकेशन चैनल्स आर देयर इन दिस केस जैसे यहां पर लिखा हुआ था मेंशन है ट रेगुलर डिपार्टमेंट मीटिंग्स विल बी कंडक्टेड फॉर दी इफेक्टिव कम्युनिकेशन तो यह भी अवेलेबल है ओनली ऑप्शन सी इज नॉट द फीचर ऑफ फॉर्मल ऑर्गेनाइजेशन नेक्स्ट.

क्वेश्चन इज टू हैव इन डेप्थ नॉलेज अबाउट द यरार की इन द ऑर्गेनाइजेशन क्लीयरिंग रिस्पांसिबिलिटी अथॉरिटी रिलेशनशिप ऑर्गेनाइजेशन हैज प्रिपेयर्ड डैश चार्ट जो ऐसा कौन सा चार्ट है जो ऑर्गेनाइजेशन ने प्रिपेयर किया है जिसके अंदर इन डेप्थ नॉलेज हो क्लीयरिंग दस् पॉसिबिलिटी एंड अथॉरिटी रिलेशनशिप तो मास्टर चार्ट के अंदर सिर्फ थोड़ी इंफॉर्मेशन गिवन होती है.

कि कौन-कौन से डिपार्टमेंट्स रहेंगे और कौन से डिपार्टमेंट का कौन सा हेड रहेगा नेक्स्ट सप्लीमेंट्री चार्ट्स इज द करेक्ट आंसर जिसके अंदर अंदर की इंफॉर्मेशन भी सारी गिवन होगी कौन से डिपार्टमेंट के अंदर कौन सा पर्सन जूनियर रहेगा कौन सा पर्सन सीनियर रहेगा उस सीनियर के अंदर कितनी अंदर टीममेट्स होंगे कितने मतलब टीममेट्स के अंदर भी कितनी अंदर टीम रहेगी.

तो पूरी एक प्रॉपर यरार की पूरा एक प्रॉपर स्ट्रक्चर जो है वो सप्लीमेंट्री चार्ट्स के अंदर बताता है जो जिसके अंदर यह भी बताते हैं कि रिस्पांसिबिलिटी और अथॉरिटी रिलेशनशिप सबका क्या रहने वाला है हरर की चार्ट नहीं हो सकता है फ्लो चार्ट तो इट इज नॉट एन ऑप्शन नेक्स्ट है आपका यू हैव टू मैच द फॉलोइंग.

तो चार टाइप के कल्चरस होते हैं ऑर्गेनाइजेशन कल्चर की बात करें तो ऑर्गेनाइजेशन कल्चर क्या होता है ऑर्गेनाइजेशन कल्चर जो भी एंप्लॉयज का बिहेवियर रहता है एंप्लॉयज जो कलीग्स है आपके या फिर ऑर्गेनाइजेशन का जो भी एनवायरमेंट है जो भी ऑर्गेनाइजेशन का सिस्टम है जो रूल्स रेगुलेशन सब कुछ किसके अंदर आ जाता है आपका ऑर्गेनाइजेशन के.

कल्चर के अंदर तो चार टाइप के ऑर्गेनाइजेशन कल्चर होते हैं दैट इज द क्लन कल्चर द एडवोक कल्चर दी कल्चरल ऑफ मार्केट एंड द रार की कल्चर तो अब यहां से देखते हैं कि कौन सा कल्चर क्या होता है द एटमॉस्फेयर एट वर्क इज वेरी फॉर्मल फॉर्मल रहता है एंड देयर आर स्ट्रिजेंट प्रोटोकॉल एस्टेब्लिश बाय इंस्टिट्यूशन टू प्रोवाइड डायरेक्शन.

तो यह कौन से कल्चर में मैच करेगा राकी कल्चर के साथ जिसके अंदर आपको प्रॉपर एक फॉर्मल तरीका बताया गया है कि कौन सा पर्सन किसको रिपोर्ट करेगा और पर्टिकुलर डायरेक्शन आपको कौन प्रोवाइड करेगा कौन आपको इंस्ट्रक्शन प्रोवाइड करेगा वो सारा किसके अंदर जाएगा द राकी कल्चर सेकंड देखते हैं दिस कल्चर हैज ट इट्स फाउंडेशन इन द.

वर्किंग टुगेदर लाइक अ फैमिली ऐसा कल्चर जहां पर सब लोग इकट्ठे होकर एज अ फैमिली वर्क करते हैं उस कल्चर को हम क्या बोलते हैं द क्लन कल्चर तो फर्स्ट का जो था वो था फोर्थ पॉइंट सेकंड का जो है वो हमारा रहेगा ए पार्ट दिस इज डी नेक्स्ट इज दिस कल्चर इज कर करेक्ट इज बाय द हाई लेवल ऑफ एनर्जी एंड इंटरवेनर्स रहती है जो इसके एंप्लॉयज है.

जो टीममेट्स हैं वह सारे एनर्जेटिक रहते हैं सेल्फ मोटिवेटेड रहते हैं न्यू न्यू इनोवेशंस के लिए वो वर्क करते हैं तो ये किसके अंदर आ जाएगा सारा आपका एडवोक स कल्चर बी पॉइंट लास्ट पॉइंट इज द फोकस इज ऑन अचीविया होता है सबको सिर्फ अपना टारगेट अपना गोल नजर आ रहा होता है जिसको उन्होने अचीव करना होता है और इसके अंदर लीडर काफी.

डिमांडिंग होते हैं काफी स्ट्रिक्ट होते हैं वह अपने एंप्लॉई से अपने जूनियर से जो फॉलो अप है वो हर टाइम लेते रहते हैं नेक्स्ट ये कौन सा कल्चर आ जाएगा इसके अंदर द कल्चर ऑफ मार्केट सी पॉइंट तो ए पार्ट इ डन विद सेकंड ए का टू वी हैव बी एंड सी ऑप्शन विद अस जिसमें ए का टू है बी का था.

हमारा थ्री सी का फर एंड ए का डी का वन वी हैव दी सी एज़ अ करेक्ट ऑप्शन नेक्स्ट क्वेश्चन में यू हैव टू मार्क द करेक्ट स्टेटमेंट ए पार्ट सेज ऑर्गेनाइजेशन दैट डज नॉट हैव अ सेट ऑफ़ रूल्स एंड रेगुलेशंस टू बी फॉलो बाय द एंप्लॉयज आर नोन एज़ फॉर्मल ऑर्गेनाइजेशन जो ऐसी ऑर्गेनाइजेशन जहां पर रूल्स एंड.

रेगुलेशंस नहीं होते हैं नॉट हैव उनको हम फॉर्मल ऑर्गेनाइजेशन बोलते हैं फॉर्मल ऑर्गेनाइजेशन ऑलवेज हैव अ रूल्स एंड रेगुलेशन दैट इज टू बी फॉलो बाय ईच एंड एवरी एंप्लॉई हु सो एवर इज वर्किंग विद इन दी ऑर्गेनाइजेशन तो जहां पर रूल्स एंड रेगुलेशंस नहीं होते उनको हम इनफॉर्मल ऑर्गेनाइजेशन के अंदर काउंट करते हैं दिस स्टेटमेंट इज.

फॉल्स नेक्स्ट इज ऑर्गेनाइजेशन दैट फोकस ऑन बिल्डिंग सोशल रिलेशनशिप एंड नेटवर्क्स इज नोन एज इनफॉर्मल ऑर्गेनाइजेशन सो यस दिस इज ट्रू बिकॉज़ जितनी भी इनफॉर्मल ऑर्गेनाइजेशंस हैं उनका जो मेन रहता है मकसद दैट इज बिल्डिंग द सोशल रिलेशनशिप एंड नेटवर्क्स सो दिस स्टेटमेंट इज़ ट्रू सी पॉइंट इज़ अ एन ऑर्गेनाइजेशनल चार्ट इज़ अ ग्राफिकल फॉर्म दैट इलस्ट्रेट.

द एसेंशियल कंपोनेंट्स ऑफ़ दी ऑर्गेनाइजेशन ग्राफिकल चार्ट ऑर्गेनाइजेशनल चार्ट एक ऐसा ग्राफिकल फॉर्म है जिसके अंदर ऑर्गेनाइजेशन के सारे एसेंशियल कंपोनेंट्स है वो डाल दिए जाते हैं जैसे कि हमने दो बड़े थे एक था सप्लीमेंट्री चार्ट एंड सेकंड वाज दी मास्टर चार्ट मास्टर चार्ट के अंदर हम थोड़ा सा.

ब्रीफ में ऑर्गेनाइजेशन का स्ट्रक्चर जो है वो डालते थे कौन सा पर्सन कितने डिपार्टमेंट्स और कौन से पर्सन का जूनियर कौन सा पर्सन सीनियर और सप्लीमेंटरी चार्ट में हम इन डेप्थ जो भी ऑर्गेनाइजेशन का अ पार्ट है जितने भी कंपोनेंट्स है वो सारा इन डेप्थ हम सप्लीमेंट्री चार्ट के अंदर डालते हैं सो दिस स्टेटमेंट इज आल्सो ट्रू लास्ट इज़ अथॉरिटी इज अ पावर.

डेलीगेटेड बाय दी सीनियर एग्जीक्यूटिव टू असाइन ड्यूटीज टू ऑल एंप्लॉयज फॉर अ बेटर फंक्शनिंग अथॉरिटी एक ऐसी पावर है जो सीनियर एग्जीक्यूटिव डेलीगेट करती है ड्यूटीज असाइन करने के लिए एंप्लॉयज को सो दैट वो जो फंक्शनिंग है वह और भी अच्छे तरीके से कर सके सो दिस स्टेटमेंट इज आल्सो ट्रू क्योंकि अथॉरिटी जो है वो डेडिकेट की जाती है फ्रॉम टॉप टू.

बॉटम सो सिर्फ ए पार्ट इज फॉल्स रेस्ट ए बी सी एंड डी इज ट्रू सो द करेक्ट ऑप्शन इज बी बी सी एंड डी ऑप्शंस आर करेक्ट इस चैप्टर के जितने भी इंपॉर्टेंट कांसेप्ट है वो हम इस वीडियो में कवर कर चुके हैं अगर आपको फिर भी कोई क्वेश्चंस है तो आप कमेंट बॉक्स में अपने क्वेश्चंस डाल सकते हो प्लस अगर आपको यह वीडियो अच्छी लगी हो तो फटाफट से इस वीडियो को लाइक कर दीजिए.

और इस चैनल को जो है वो सब्सक्राइब कर लीजिए और अपने फ्रेंड्स जो भी एग्जामिनेशन की प्रिपरेशन आपके साथ कर रहे हैं उनको यह वीडियो शेयर कर दीजिए सो दैट उनको भी जो है बेनिफिट हो सके प्लस अगर आप एग्जामिनेशन की प्रिपरेशन और भी अच्छे से करना चाहते हो चैप्टर वाइज क्वेश्च देखना चाहते हो मॉक टेस्ट करना चाहते हो तो आप हमारे प्रोफेशनल कोर्स के साथ भी एनरोल कर.

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