दोस्तों royalenfield.com [संगीत] फ फुल प्रोडक्शन यूस एंड द रेस्ट ऑफ द वर्ल्ड फलो क्लासिक वाज द मोटरसाइकल द चेंज रॉयल ए फच इट्स नॉट जस्ट बूथ फोर्स राइट एंड दैट इज द [संगीत] हिमालयन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि एक.

जमाने में यल एफी की हालत इतनी खराब थी कि वह एक बार नहीं दो बार नहीं पूरे तीन बार बैंकट होने की कगार पर पहुंच चुकी थी लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसने बजज और हार्ली डेविडसन जैसे बड़े-बड़े ब्रांड्स को भी चौका दिया जरा सोचिए साल 2000 में यल enfield.com एफी जो एक जमाने में 2000 बाइक्स भी नहीं बेच पाती थी उनकी सेल्स आज 36 गुना बढ़.

चुकी है और आज रॉयल एनफील्ड सालाना 920000 बाइक्स बेचती है और मजे की बात यह है कि यह सफर सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही आज royalenfield.com एक 26 साल के लड़के ने ऐसी कौन सी बिजनेस स्ट्रेटेजी अपनाई जिसने एक लॉसेस में डूबी हुई कंपनी को एक ग्लोबल सेंसेशन में बदल दिया और सबसे इंपॉर्टेंट बात इस रोमांचक सफर से हमें कौन से बिजनेस लेसन सीखने.

मिलते हैं जानेंगे इस एपिसोड में दोस्तों आपने काफी सारे कोर्सेस देखे होंगे जो कहते हैं कि हम आपको इन्वेस्टमेंट मनी मैनेजमेंट और पैसा ग्रो करना सिखाएंगे लेकिन इन कोर्सेस का प्राइस काफी हाई होता है और इनमें कुछ नया सीखने को नहीं मिलता इसीलिए जरोदा ने एक जबरदस्त इनिशिएटिव शुरू किया है जिससे वह हर किसी को इंडिया में फ्री फाइनेंशियल एजुकेशन.

देना चाहते हैं वर्सिटी लाइफ इंडिया का पहला लर्न बाय डूइंग एक्सपीरियंस है जो आपको अपने वेल्थ को ग्रो करने में मदद करेगा तो आज ही रजिस्टर करो इस हफ्ते के फ्री क्लास के लिए द लिंक इज इन द डिस्क्रिप्शन दोस्तों यल एफीड की कहानी शुरू होती है वर्ल्ड वॉर 2 से जब यल की बाइक्स को आसमान से वॉर जोन में हवाई जहाज से गिराया जाता था जी हां यल एफीड की.

बाइक्स को आसमान से वॉर जोन में गिराया जाता था प सेबर 1939 द जर्मन फो बग इ थस मर्च कस्ट एंड सेटस स्टेज व दि वन आन फ्रीडम [संगीत] लाइ.

मोर पराम ल्प [संगीत] री 91 लेकिन उन खतरनाक क में भी एफीड की बाइक्स इतनी अच्छी तरह से चलती थी कि वो ब्रिटिश सोल्जर्स की फेवरेट बाइक बन गई लेकिन वॉर के बाद जब सिविलियंस ने रॉयल एफी यूज़ करना शुरू किया तो उन्हें कई.

सारे प्रॉब्लम्स नजर आने लगे जैसे तब की बाइक्स बहुत ही हैवी थी और उनको मेंटेन करना काफी मुश्किल था और अगर आप उनको मेंटेन नहीं करते तो बाइक्स खराब हो जाती इसीलिए यूके में जैसे ही जैपनीज बाइक्स आई उन्होंने यल enfield.com मार्केट में एक मौका दिखा तो इंडिया आते ही यल एफी ने इंडियन आर्मी को अपनी बाइक्स बेचना शुरू कर दिया जिससे कंपनी फिर से.

प्रॉफिट कमाने लगी और नेहरू जी की सपोर्ट की वजह से यल enfield.com लोगों ने फिर से royalenfield.com ने सोचा कि royalenfield.com चुके हैं तो दो और साल रुक जाते हैं और इसी तरह दोस्तों यल enfield.com 16000 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट करता है जिससे उनको 4000 करोड़ का प्रॉफिट मिलता है तो सवाल यह है कि जब अंग्रेज इस कंपनी.

को बचा नहीं पाए जब आयर मोटर्स खुद कुछ नहीं कर पाया तो इस 26 साल के सिद्धार्थ ने ऐसा क्या कर दिया कि आज royalenfield.com जी हां सिद्धार्थ ने 15 में से 13 बिजनेसेस को बेच दिया लेकिन सवाल यह है कि कोई अपने बिजनेस को अचानक से क्यों बेचेगा वो इसलिए दोस्तों क्योंकि जितने ज्यादा आपके बिजनेसेस फैले होते हैं उतना ही आपका.

फोकस कम होता है इनफैक्ट डॉक्टर लमनी जब हमारे पॉडकास्ट में आए थे तो उन्होंने कहा वाइल गुड एंटरप्रेन्योर्स डबल विथ स्कैटर्ड ब्रिलियंस ग्रेट एंटरप्रेन्योर ब्रिलियंस इसीलिए दोस्तों सिद्धार्थ ने 13 बिजनेसेस को बेचकर यह सोचा कि वह अपना पू पूरा फोकस दुनिया की बेस्ट बाइक्स बनाने में लगाएंगे उसके बाद सिद्धार्थ ने एक ऐसा कदम उठाया जो हर.

बिजनेसमैन ने फॉलो करना चाहिए और इसी कदम ने यल एफी की किस्मत बदल दी तो सवाल यह है कि सिद्धार्थ ने आखिर किया क्या दोस्तों जब भी कोई बड़ी कंपनी मार्केट रिसर्च करती है तो वो अक्सर मैकेंजी जैसी कोई कंसल्टिंग कंपनी से करवाती है या फिर एक्सेल शीट में जो उनका डाटा होता है उसको पढ़कर वो यह अंदाजा लगाते हैं कि प्रोडक्ट में क्या कमी है या कौन से प्रोडक्ट की.

मार्के में जरूरत है और इसी चक्कर में वह कभी भी अपने कस्टमर से खुद बात नहीं कर पाते कभी भी दुकान में जाकर यह नहीं देखते कि प्रोडक्ट क्यों नहीं बिक रहा है और उसी तरह वह कभी भी अपने कस्टमर से डायरेक्टली जाकर ये नहीं पूछते कि भाई साहब आप हमारे प्रोडक्ट्स क्यों नहीं लेते हो लेकिन सिद्धार्थ ने क्या किया सिद्धार्थ सीधा अपनी बाइक लेकर एक लंबे रोड ट्रिप पर निकल.

पड़े और कई महीनों तक सिद्धार्थ ने सिर्फ अपने कस्टमर से बातें करी उन्होंने कस्टमर से पूछा कि भाई साहब आप royalenfield.com यल enfield.com कुछ पार्ट्स टूट जाते थे या फिर बाइक्स में स्क्रैचेज आ जाते थे और उससे बड़ा प्रॉब्लम यह था कि कस्टमर को घर जाकर पता चलता था कि उनकी बाइक में प्रॉब्लम है अभी आप ही जरा सोच के देखो कि अगर आप कोई नई.

बाइक लो और उसमें फॉल्ट हो तो आपको कैसा लगेगा बहुत बुरा राइट ये था दोस्तों royalenfield.com [संगीत] इस सेगमेंट को बहुत ध्यान से सुनना दोस्तों उस जमाने में मार्केट में दो तरह के इंजंस होते थे एलुमिनियम इंजन और कास्टन इंजन और जैसे इनके नाम से पता चलता है ये एलुमिनियम और कास्ट एन मटेरियल से.

बनते हैं तो सवाल यह है कि इन दोनों में फर्क क्या होता है दोस्तों अगर आप एलुमिनियम और कास्ट आयन की डेंसिटी देखेंगे तो एलुमिनियम की डेंसिटी है 2700 केज पर मीटर क और कास्ट आइन की डेंसिटी होती है 7200 केज पर मीटर क यानी अगर मैं आपके सामने 1 मीटर बा 1 मीटर बा 1 मीटर का क्यूब रखूं तो एलुमिनियम का जो क्यूब है वो होगा 2700 किलो वजन का और जो कास्ट आयन.

का क्यूब है वो होगा 7200 किलो का तो आप समझ रहे हो एलुमिनियम कास्ट आयन से बहुत ज्यादा हल्का होता है और जब एलुमिनियम और कास्ट आयन से 350 सीसी का एक मोटरसाइकिल इंजन बनता है तो उन दोनों इंजंस में कम से कम 15 से 20 किलो का फर्क हो जाता है और जब royalenfield.com होने की वजह से कस्टमर बाइक को आसानी से चला पाए आसानी से ब्रेक मार पाए और सबसे.

बड़ी बात यह थी कि जब इंजन का वजन 15 से 20 किलो से कम हुआ तो बाइक ज्यादा माइलेज देने लगी ये थी दोस्तों एलुमिनियम की पहली खूबी एलुमिनियम की दूसरी खास बात है हीट डिसिपेशन अब जरा ध्यान से सुनना कंडक्टिविटी का मतलब ये होता है कि एक मटेरियल कितनी तेजी से हीट को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर कर पाता है जैसे अगर आपके पास एक एलुमिनियम और एक आयन रॉड हो.

और आप उनके एक पॉइंट को गर्म करते हैं तो पॉइंट ए से पॉइंट b तक हीट कितनी तेजी से पहुंचेगी ये कंडक्टिविटी से पता चलता है कंडक्टिविटी को मेजर किया जाता है वाट पर मीटर केल्विन से और अगर आप इस चार्ट में देखो तो एलुमिनियम की कंडक्टिविटी 205 वाट पर मीटर केल्विन होती है जबकि कास्ट आयन की कंडक्टिविटी सिर्फ 50 वाट पर मीटर केल्विन होती है तो आसान भाषा में बोलूं.

तो एलुमिनियम में हीट कास्ट आयन के मुकाबले लगभग चार गुना तेजी से ट्रांसफर होता है अब इंजन की बात करें तो कास्ट आयन वाला इंजन गर्म भी धीरे से होगा और ठंडा भी धीरे से होगा जबकि एलुमिनियम इंजन जल्दी से गर्म भी होगा और जल्दी से ठंडा भी होगा अब इससे होता क्या है दोस्तों अगर आपका इंजन हीट को ट्रांसफर करके कूलनट तक नहीं पहुंचाएगा तो इंजन ओवरहीट हो जाएगा.

जिससे इंजन के पार्ट्स ज्यादा गर्म होने की वजह से खराब हो सकते हैं इसीलिए एलुमिनियम इंजन की लाइफ के लिए बहुत अच्छा होता है जबकि काटा आयन का जो इंजन होता है वो एलुमिनियम के मुकाबले बहुत कम चलता है इसीलिए दोस्तों एलुमिनियम इंजन की लाइफ काटा आयन से कई साल ज्यादा होती है और उसका मेंटेनेंस कॉस्ट जो होता है वो भी बहुत कम होता है ये थी दोस्तों एलुमिनियम.

की दूसरी खूबी एलुमिनियम की तीसरी खूबी है कास्टिंग टेंपरेचर दोस्तों कास्टिंग टेंपरेचर वो टेंपरेचर होता है जिसमें किसी भी मेटल को मेल्ट करके उसे कोई भी आकार दिया जा सकता है जैसे अगर आप एलुमिनियम को 600 डिग्री सेल्सियस में गर्म करोगे तो आप उसे मेल्ट करके इंजन का शेप दे सकते हो एलुमिनियम का कास्टिंग टेंपरेचर 600 डिग्री सेल्सियस होता है और अगर आप.

एलुमिनियम और काटा आयन के कास्टिंग टेंपरेचर को देखोगे तो एलुमिनियम का कास्टिंग टेंपरेचर होता है 600 डिग्री सेल्सियस जबकि कास्ट आयन का जो कास्टिंग टेंपरेचर है वो होता है 1200 डिग्री सेल्सियस तो जाहिर सी बात है कि 1200 डिग्र सेल्सियस में कास्ट आयन को मेल्ट करने में ज्यादा एनर्जी और टाइम लगेगा जबकि एलुमिनियम को मेल्ट करने में कम.

एनर्जी और कम टाइम लगेगा इससे क्या होता है इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट बच जाता है और प्रोडक्शन आसान हो जाता है ये है दोस्तों एलुमिनियम की तीसरी खूबी इसके साथ-साथ एलुमिनियम की एक और खास बात ये है कि वो वाइब्रेशंस को अब्जॉर्ब कर लेता है जिससे ड्राइवर तक वाइब्रेशंस नहीं पहुंच पाते इसीलिए अगर आप royalenfield.com पैकेजिंग तक सेल से लेकर आफ्टर सेल सर्विस.

तक हर चीज में इतना सुधार किया कि आज यल enfield.com मार्केट रिसर्च करके और इंजन को बदलकर एक ऐसा प्रोडक्ट बनाया जिससे पूरे हिंदुस्तान को प्यार हो गया यही कारण है दोस्तों कि royalenfield.com स्कैटर्ड ब्रिलियंस ग्रेट एंटरप्रेन्योर ब्रिलियंस इस केस में आते ही सिद्धार्थ ने 15 में से 13 बिजनेसेस को.

बेच दिया ताकि वो अपने बाइक सेगमेंट पर पूरा ध्यान दे सके इसी तरह दोस्तों हमें भी एक फोकस्ड बिजनेस लीडर बनना होगा और कल अगर आपके पास बहुत सारे प्रोजेक्ट्स हो तो हमेशा याद रखना कि अगर आपको लगता है कि क्वालिटी ड्रॉप होगा तो उनमें से कुछ प्रोजेक्ट्स को आपको छोड़ना ही होगा वरना आप कभी भी एक बेहतरीन प्रोडक्ट नहीं बना पाओगे लेसन नंबर टू मार्केट रिसर्च एक्सेल.

शीट्स और मैकेंजी की रिपोर्ट से नहीं बल्कि अपने कस्टमर के साथ बातचीत करने से मिलती है इस केस में करोड़पति का बेटा होने के बावजूद भी सिद्धार्थ ने खुद ग्राउंड लेवल पर जाकर अपने कस्टमर से बात किया जिसकी वजह से उन्हें अपने चैलेंज का अंदाजा लगा और आखिर में दोस्तों हमेशा याद रखिए चाहे आप कितने भी बड़े ब्रांड क्यों ना हो अगर आपका प्रोडक्ट वीक है तो आपको.

कोई भी मार्केट से निकाल सकता है लेकिन अगर आपका प्रोडक्ट शानदार है तो कोई भी बड़ा ब्रांड आपको हिला नहीं सकता इस केस में हमने यह देखा कि जब royalenfield.com यूके और भारत दोनों मार्केट्स में सेम बाइक्स बेचा तो जैपनीज बाइक्स उनको बहुत ही आसानी से मार्केट से निकाल पाई लेकिन जब सिद्धार्थ ने एक बेहतरीन प्रोडक्ट बनाया तो उस प्रोडक्ट ने हार्ली डेविडसन.

जैसे बड़े-बड़े ब्रांड्स को भी टक्कर देना शुरू कर दिया और यही है दोस्तों एक बेहतरीन प्रोडक्ट की ताकत ये थी दोस्तों रॉयल एफी की कहानी एंड आई जस्ट होप यू लर्न समथिंग वैल एबल फ्रॉम दिस केस स्टरी दैट ऑल फ्रॉम माय साइड फॉर टुडे गाइज अगर आपको ये वीडियो पसंद आया तो प्लीज इस वीडियो को लाइक कीजिए और इसी तरह बिजनेस केस स्टडी के माध्यम से बिजनेस कांसेप्ट.

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