1990 से ग्लोबलाइजेशन के दौर में इंडिया में लग्जरी होटल्स की डिमांड तेजी से बढ़ी टा ग्रुप की ताज मेरियट आईटीसी और एडिशन जैसे ब्रांड्स ने तेजी से नए-नए होटल्स खोलने शुरू कर दिए किसी ने पहाड़ों पे लग्जरियस होम स्टे बनाया तो किसी ने पुराने फोर्ट्स को नए होटलों में तब्दील कर दिया इन होटल चेंस ने कस्टमर डिमांड्स को सही समय पे पकड़ा जिस वजह से आज ताज.
मेरियट आईटीसी और हयात जैसे ब्रांड्स करीब 50 पर से ज्यादा मार्केट शेयर इंडियन होटल्स का होल्ड करते हैं और इसी से जुड़ी इकोनॉमी ट्र ल बुकिंग्स की भी है पहले होटल बुकिंग्स ट्रैवल एजेंट्स और फोन कॉल के द्वारा होती थी लेकिन इंटरनेट के आने के बाद मेक माय ट्रिप और yatra.com जैसे कई सारे एग्रीगेटर्स प्लेटफॉर्म आ गए जिन्होंने बुकिंग को और ज्यादा इजी बना.
दिया लेकिन इन लग्जरी सेगमेंट के बाद भी एक बड़ी पॉपुलेशन बजट ट्रैवलर्स की थी जिनका एक्सपीरियंस हमेशा ही खराब रहता था क्योंकि जब भी वह होटल में चेक इन करते थे उनको बेसिक स्टैंडर्ड मिलता ही नहीं था ना ही क्लीन बेडशीट और ना ही बाथरूम इसके साथ ही रूम सर्विस और सिक्योरिटी की भी कोई कोई जगह इंडियन होटल्स में नहीं होती थी और कस्टमर्स को इंडिया में बजट ट्रेवल.
बुकिंग करना एक बड़ा टास्क हो जाता था और इसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए 17 साल की उम्र में आते हैं रितेश अग्रवाल जिन्होंने रेवल स्टेज नाम के प्लेटफार्म की शुरुआत किया जिसमें वो शुरुआत में लोगों के खाली घरों को अपने प्लेटफार्म पर लिस्ट किया करते थे और यहां रितेश अग्रवाल ने होटल इंडस्ट्री की दो बड़ी प्रॉब्लम्स को करीब से समझा पहली प्रॉब्लम थी कि.
इंडिया में होटल्स की कोई कमी नहीं थी बट होटल ओनर्स को बेसिक स्टैंडर्ड मेंटेन करने का कोई आईडिया ही नहीं था और दूसरी प्रॉब्लम होटल ओनर्स की थी क्योंकि तेजी से चीजें ऑनलाइन हो रही थी और उनको ऑनलाइन के बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी जिस वजह से वो अपने होटल पे नए कस्टमर लेके आ ही नहीं पाते थे और इसीलिए रितेश अग्रवाल ने सोचा कि एक मेक माय ट्रिप यात्रा या.
Booking.com जैसा एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म बना देने से कुछ नहीं होगा बल्कि होटल्स की काया पलट करनी होगी जिससे कस्टमर खुद बखुदा फास्ट थी कि ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल को लगने लगा कि वो 2023 तक दुनिया के फास्टेस्ट ग्रोइंग होटल चेन बन जाएंगे लेकिन दोस्तों ऐसा हुआ नहीं लग्जरी होटल जैसे कि ताज और मैरिएट अपने ट्रेंड स्टाफ और सेल्फ ओन प्रॉपर्टीज के दम पर कस्टमर.
एक्सपीरियंस इंश्योर करते थे लेकिन छोटा प्रॉपर्टी ओनर इन स्टैंडर्ड्स को समझ ही नहीं पाता था जिस वजह से कस्टमर एक बार खराब एक्सपीरियंस के बाद दोबारा उस होटल में कभी नहीं आता था और इसीलिए ओयो ने कस्टमर्स की प्रॉब्लम पहले सॉल्व किया जहां उन्होंने देखा कि कस्टमर बुकिंग करते समय तीन चीजें डिमांड करता है सबसे पहला ऑन रोड लोकेशन दूसरा होटल सर्विस और तीसरा.
बजट में प्राइसिंग इसीलिए यो ने फ्रेंचाइजी मॉडल इंट्रोड्यूस किया और उन्होंने छोटे होटल्स के साथ टाई अप करना शुरू किया जहां ओयो होटल्स में अपनी इन्वेस्टमेंट से बेसिक चीजें ऐड करना शुरू किया जैसे कि रूम में फर्नीचर एसी और टीवी इसी के साथ ही फ्री वाईफाई के लिए उन्होंने भारतीय होटल स्टाफ को हॉस्पिटैलिटी और कस्टमर.
डिलाइट की ट्रेनिंग दी गई इसके बदले में यो ने खुद की ब्रांडिंग होटल्स के ऊपर कर दिया और ब्रांडिंग में रेड कलर ने यो को जल्द ही टॉक ऑफ द टाउन भी बना दिया और होटल्स को अपने सॉफ्टवेयर के थ्रू इस तरह से जोड़ दिया कि उनका पूरा बुकिंग प्रोसेस ही इजी हो गया लेकिन यो ऐसे ही इतनी बड़ी कंपनी नहीं बन गई उन्होंने कस्टमर्स की एक-एक प्रॉब्लम को बहुत ही करीब से समझा.
जैसे कि कभी-कभी होटल्स में रूम खाली भी होते थे लेकिन होटल स्टाफ बिना चेक किए ही बोल देता था कि रूम खाली नहीं है इस प्रॉब्लम को सॉल्व करने के के लिए यो ने आईओटी डिवाइस यूज किया और रूम की कार्ड को उससे कनेक्ट कर दिया जिसे सिर्फ वेरीफाइड कस्टमर ही खोल सकता था जिस वजह से यो को रियल टाइम में किस होटल में कितना रूम अवेलेबल है यह पता चलने लगा और फिर भी अगर.
कस्टमर कोई इशू फेस करता था तो यो ने रिव्यू और रेटिंग का सेक्शन ऐड कर दिया जहां पे कस्टमर की प्रॉब्लम आते ही उन्होंने तुरंत होटल में रिजॉल्व करना शुरू किया यह होटल ओनर्स के लिए भी एक विनविन सिचुएशन था क्योंकि पहले होटल्स में करीब 25 पर ऑक्युपेंसी होती थी लेकिन यो से टाई अप के बाद वो बढ़ के 65 पर तक पहुंचने लगी इसीलिए होटल ओनर्स की भी होट.
सी लग गई ओयो से जुड़ने के लिए अपने परफेक्ट बिजनेस मॉडल के दम पर यो ने 2 साल में ही 60000 से ज्यादा रूम बुकिंग कर दी जिस वजह से उनके पास इन्वेस्टर्स की लाइन भी लग गई सया कैपिटल और सॉफ्ट बैंक जैसी कंपनीज ने यो में इन्वेस्टमेंट करना शुरू किया और जहां एक तरफ होटल्स की रिनोवेशन में इन्वेस्ट करके यो अपने लॉसेस बढ़ा रहा था वहीं उनके रिवेन्यूज भी सरप्राइजिंग.
रिजल्ट दे रहे थे फाइनेंशियल ईयर 2015 में यो का रेवेन्यू जहां 17 करोड़ था वो अगले साल सात गुना बढ़ के 125 करोड़ हो गया और फिर वह 2017 में 416 करोड़ पर पहुंच गया और सिर्फ 4 साल पुरानी ओयो ने 2017 में ताज मेरियट और आईटीसी होटल्स को नंबर ऑफ होटल्स में पीछे कर दिया था और साल 2018 में सबको चौका हुए ओयो ने 1 बिलियन डॉलर रेज किया जिसके बाद उनकी वैल्यूएशन 5.
बिलियन डॉलर पे पहुंच गई इंडिया में सक्सेसफुल मॉडल क्रिएट करने के बाद ओयो ने इंडिया के नियर बाय मार्केट टटोलने शुरू कर दिए जिसमें नेपाल मलेशिया और चाइना जैसे मार्केट थे चाइना एशिया के सबसे बड़े टूरिज्म मार्केट में से एक था 2017 में ही आप देखेंगे तो चाइना ने करीब $850 बिलियन डॉलर टूरिज्म से कमाया है और चाइना का मेजर टूरिज्म डोमेस्टिक ही है इसीलिए यो.
ने लोकल स्ट्रेटजी यूज किया वहां पे यो ने स्टाफ से लेकर लुक और फील सब कुछ चाइनीज कल्चर के अकॉर्डिंग ही अपने ब्रांड का बनाया और यो ने इंडिया जैसे ही फ्रेंचाइजी मॉडल यूज करते हुए चाइनीज होटल को लीज करके उसे रिनोवेट करना शुरू किया और फिर उसे चाइनीज एग्रीगेटर ऐप पे लिस्ट कर देते थे इस चाइना के पूरे एक्सपेंशन के लिए यो ने करीब 00 मिलियन डॉलर स्पेंड भी किया यो.
कस्टमर्स की नीट फुलफिल कर रहा था जैसे कि जनरली कपल्स को होटल फाइंड करने में सबसे बड़ी प्रॉब्लम आती थी यो ने इस प्रॉब्लम को ही खत्म कर दिया और कपल फ्रेंडली होटल्स बना दिए लोगों को फ्री ब्रेकफास्ट पसंद था तो यो ने वह भी ऐड कर दिया और जल्द ही यो चाइना के बिगेस्ट होटल चेंस में शामिल हो गया अब चाइना में बूस्ट के बाद ओयो ने यूएस में एंट्री की सोची और.
यूएस का होटल मार्केट बाकी किसी मार्केट से बिल्कुल अलग है आइए समझाते हैं 2007 से अब तक अगर हम यूएस में होटल्स की डिमांड समझेंगे तो लग्जरी और अपर सेगमेंट में सेम डिमांड रही है % और 17 पर की अपर और मिड स्केल सेगमेंट में ग्रोथ हुई है और मिड स्केल और इकोनॉमी होटल्स में फॉल आया है मतलब लोगों का बाइंग पैटर्न बदला है लोग अब सस्ते होटल छोड़ के महंगे होटल्स.
खरीदना शुरू कर रहे हैं अब यूएस जैसे मार्केट में कंपटीशन इंटेंस है यहां आप देखो तो लग्जरी और अपर स्केल सेगमेंट हाईली सैचुरेटेड है जहां मेरियट हिल्टन और हयात जैसे होटल्स करीब 90 पर मार्केट शेयर होल्ड कर रखा है अमेरिका में लेकिन इकोनॉमी और मिड स्केल सेगमेंट प सबसे ज्यादा अपॉर्चुनिटी है क्योंकि यहां 50 पर से ज्यादा मार्केट छोटी कंपनियों के पास.
है और इसी में नई अपॉर्चुनिटी भी है धाम और चॉइस जैसे होटल ब्रांड इकोनॉमी और मिड स्केल में यूएस में पूरी तरह लीड करते हैं और इसी जगह यो को भी अपनी अपॉर्चुनिटी दिखाई दी यो ने 2019 में यूएस के मार्केट में एंटर किया और कुछ महीनों के अंदर ही उन्होंने 100 से ज्यादा होटल्स यूएस के 21 स्टेट्स में खोल दिए यो इकोनॉमी मॉडल लेके दुनिया के हर कोने में जा रहा था जहां पे.
भी अपॉर्चुनिटी हो और इसी के साथ उन्होंने 2019 के मई में यूरोप के मार्केट में भी एंटर किया जहां उन्होंने लेजर ग्रुप को करीब 360 मिलियन यूरो में एक्वायर किया जिससे यो के रातों-रात 3000 से ज्यादा होटल रेंटल्स रूम हो गए यूरोप के अंदर यो का इंटरनेशनल एक्सपेंशन उनके बिजनेस में सबसे बड़ा माइलस्टोन की तरह हम देख सकते हैं क्योंकि अगर 2019 से अब तक हम यो का.
टोटल रेवेन्यू देखें तो उसमें 70 पर से ज्यादा इंटरनेशनल मार्केट से आया हुआ रेवेन्यू है यो मार्केट में एकदम फिट प्रोडक्ट था इसलिए इन्वेस्टर्स की तो लाइन लगनी ही थी और यो ने 2019 में ही 10 बिलियन डॉलर की वैल्युएशन भी अचीव कर ली और जब इतना रैपिड एक्सपेंशन होगा तो ग्राउंड लेवल पे चीजें मैनेज करना अक्सर मुश्किल हो जाता है यही चीज हमें यो के.
साथ भी दिखाई दिया यो अपने फ्रेंचाइजी पार्टनर मतलब होटल ओनर से रिलेशन अच्छा मेंटेन ही नहीं कर पाया और खुल के प्रॉब्लम 2019 तक सामने आने लगी यो ने अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए होटल पार्टनर से हिडन चार्जेस ऐड करना शुरू कर दिया होटल पार्टनर्स को पेमेंट मिलने में डिले होने लगा यहां तक कि 200 से ज्यादा होटल्स ने यो के साथ पार्टनरशिप का कांट्रैक्ट भी.
तोड़ दिया डिस्प्यूट की वजह से और दूसरी तरफ कस्टमर से भी एक्स्ट्रा चार्जेस और लास्ट मिनट बुकिंग की वजह से यो का बिजनेस मॉडल पूरी तरह वस्त होता जा रहा था और इन सब से यो निपट पाती उससे पहले ही कोविड-19 पेंडम आ गया जिसका सबसे बड़ा इंपैक्ट होटल इंडस्ट्री पे ही पड़ा यो का रेवेन्यू अगर हम फाइनेंशियल ईयर 20 से 21 के बीच में देखें तो वो कोविड की वजह से 70 पर से.
ज्यादा गिरा कोविड के दौरान अकेले यूएस में करीब 40000 नौकरियां हॉस्पिटैलिटी इंड में गई थी और यो का मैक्सिमम रेवेन्यू ही फॉरेन मार्केट से आता है जिस वजह से इसका सीधा असर यो के रेवेन्यू प पड़ा मार्च और अप्रैल 2020 के बीच में यो का ग्रॉस मार्जिन 66 पर गिरा और ईयर का एंड होते-होते यो का रेवेन्यू करीब 70 पर गिर गया और इनके एक्सपेंसेस 160 पर बढ़ गए इस.
सडन प्रॉब्लम से बचने के लिए ओयो ने कॉस्ट कटिंग करनी शुरू किया कोविड के शुरुआत में ही इंडिया और चाइना में यो ने करीब 5000 से ज्यादा एंप्लॉयज का ले ऑफ किया और होटल्स के साथ भी रेवेन्यू गारंटी का का कांट्रैक्ट यो ने तोड़ना शुरू किया साल भर पहले ही यो जहां रैपिड एक्सपेंशन के मूड में थी वो अब सिर्फ इंडिया साउथ ईस्ट एशिया यूरोप चाइना और यूएस के बीच में ही.
अपने आप को सिकोड़ना 13000 करोड़ से ज्यादा का रेवेन्यू कर रही थी आज वोह उसके आसपास भी कहीं नहीं टिकती है हालांकि होटल इंडस्ट्री आज पटरी पे आने लगी है जिसमें होटल्स के ऑक्युपेंसी रेट करीब 66 पर पहुंच गए हैं जो कि आज अपने ऑल टाइम हाई की तरफ बढ़ रहे हैं और यो के जैसे ही बजट होटल्स जैसे कि फैब होटल्स और ट्रीबो इन.
दोनों ने भी पिछले 2 साल में काफी अच्छा रिजल्ट दिया है फैब होटल की शुरुआत 2014 में हुई थी आज इनके पूरे इंडिया में 900 से ज्यादा होटल्स हैं फैब होटल के फाइनेंशियल यर 23 के रेवेन्यू में करीब 47 पर का इंक्रीमेंट आया वहीं यह ब्रेक इवन पे भी पहुंच गए हैं वहीं बैंगलोर की बजट होटल चेन ट्रीबो जिसके 600 से ज्यादा होटल्स हैं आज इनके भी रेवेन्यू में करीब.
2.4 पर का इंक्रीमेंट देखा गया और इनके लॉसेस 21 करोड़ से घट के 3 करोड़ पे आ गए हैं पर सवाल उठता है कि यो इनके जैसा कुछ क्यों नहीं अचीव कर पा रहा है एक्चुअली कोविड के बाद ही यो ने समझ लिया था कि उनके साथ एक बड़ा बैगेज है होटल्स का होटल्स के साथ टाई अप करना और उनके साथ एक स्टैंडर्ड मेंटेन करने में उनका मेजर एक्सपेंस चला जाता है इसके अपोजिट.
एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म जैसे कि मे माय ट्रिप यात्रा और booking.com सिर्फ कस्टमर और होटल्स को कनेक्ट करने का काम करते हैं और बीच का कमीशन ले लेते हैं मेक माय ट्रिप का फाइनेंशियल ईयर 24 में रेवेन्यू करीब $82 मिलियन डॉलर था और कंपनी ने 216 मिलियन र का प्रॉफिट दर्ज किया वहीं ईज माइट्रिप का भी रेवेन्यू 4481 करोड़ रहा इन एग्रीगेटर्स का बिजनेस मॉडल एसेट लाइट.
है क्योंकि इनको होटल्स के मेंटेनेंस और स्टैंडर्डाइजेशन में कोई भी इन्वेस्टमेंट नहीं करना पड़ता है और सिर्फ यह कस्टमर्स और होटल को कनेक्ट करके उनका बीच का कमीशन खाते हैं और इसी को देखते हुए यो ने अपने बिजनेस मॉडल में एक मेजर शिफ्ट किया सबसे पहले यो ने अपने नॉन एसेंशियल एक्सपेंसेस रोक दिए साथ ही नॉट परफॉर्मिंग होटल्स को तुरंत साथ से हटा दिया 1 अप्रैल 2022 को.
होटल बिल्डिंग्स की टोटल वैल्यू 23000 करोड़ थी जिसको ओयो ने लीज टर्मिनेट करके करीब 22000 करोड़ की प्रॉपर्टी हटा दी और यो एसेट लाइट मॉडल प पूरी तरह आ गया मार्च 2024 तक होटल लीस वैल्यू सिर्फ 1462 करोड़ की रह गई है इसका मतलब यो के ऊपर जितने होटल्स का बैगेज था वो उन्होंने रिड्यूस कर दिया यो ने जो दूसरा स्टेप लिया इसमें उन्होंने कई राउंड्स में ले ऑफ किए और यो.
के कई सारे इन्होंने इंटरनेशनल ऑपरेशंस को भी बंद करके इंडिया से ऑपरेट करना शुरू किया जिस वजह से यो के जो एंप्लॉई एक्सपेंसेस थे वोह 44 से घट के 14 पर प आज आ चुके हैं और फर्द ग्रोथ के लिए यो ने 2024 में एक और हार्ड स्टेप लेते हुए करीब 175 मिलियन डॉलर रेज किया जिसके बाद कंपनी की वैल्यूएशन $ बिलियन डलर से घट के 2.4 बिलियन डलर आ गई यह कंपनी के फर्द ग्रोथ.
के लिए जरूरी थी क्योंकि कंपनी रहेगी तो ही वैल्यूएशन रहेगी यो को समझ में आ गया कि कंसिस्टेंटली क्वालिटी मेंटेन करना एक काफी बड़ा चैलेंज है कम प्राइस में हजारों होटल्स में स्टैंडर्ड कस्टमर एक्सपीरियंस दे देना एक महंगा काम है क्योंकि एक होटल ऑपरेटर को फिक्स कॉस्ट तो बेयर करना ही पड़ेगा चाहे उसकी ऑक्युपेंसी जीरो ही क्यों ना हो इस रियलिटी को समझते हुए यो.
ने एक स्मार्ट मूव लिया ऑपरेशन होटल पर पूरी तरह छोड़ दिया और खुद को सिर्फ टेक्नोलॉजी और मार्केटिंग तक सीमित कर लिया साथ ही o सिर्फ अब बुकिंग पर कमीशन कमा रहा है वैसे ही जैसे मे माय ट्रिप यात्रा और booking.com इंटरनेट की शुरुआत होने के साथ सही करते आ रहे हैं इन एक्सपेंसेस को कंट्रोल करने की वजह से यो ने इस साल छोटा सा प्रॉफिट शो किया है जो.
कि यो के आईपीओ के लिए सबसे जरूरी है लेकिन यह देखना अभी बाकी है कि यो इस मार्केट में सरवाइव कैसे करेगा क्योंकि जो सर्विसेस यह अभी दे रहा है व मार्केट में पहले से ही अवेलेबल है ऑलरेडी मेक माय ट्रिप इस एग्रीगेटर मार्केट को लीड कर रहा है अपने करंट बिजनेस मॉडल के साथ यो अब आज की डेट में अपने 13000 करोड़ के रेवेन्यू को टच शायद ना कर सके आज यो के सामने सबसे.
बड़ा सवाल यह है कि उन्होंने एक यूनिक बिजनेस मॉडल के साथ अपना बिजनेस शुरू किया था जहां सिर्फ वो एक एग्रीगेटर नहीं थे वो एक स्टैंडर्ड होटल की वैल्यू बना रहे थे जहां पे अगर किसी को बजट में होटल बुक करना है तो वह ओयो रूम बुक किया करते थे क्योंकि उनको पता है कि वहां पे उनको एसी टीवी और साफ सफाई तो मिल ही जाएगी अब एक यह यूनिक प्रपोजिशन जो यो के साथ था जिसने.
यो को तीन से चार सालों के अंदर यूनिकॉर्न बना दिया व सब कुछ आज एडवांटेज ओयो से खत्म हो चुका है और जिस तरीके से बाकी ट्रेवल प्लेटफॉर्म है वैसे ही यो आज बनके रह गया है जिसमें ओयो की कोशिश है कि वो एक लास्ट बेनिफिट मार्केट से ले ले यो की कोशिश है कि वह जल्द से जल्द अपना आईपीओ इसी साल लेके आए और उन्होंने प्रेजेंट ईयर में करीब 150 करोड़ का प्रॉफिट भी शो किया.
है जिस वजह से वह हाई वैल्यू में अपना आईपीओ मार्केट में लेके आना चाहते हैं और मार्केट के एक एडवांटेज का फायदा उठा लेना चाहते हैं दोस्तों आप कमेंट ऑप्शन में लिख के बताइएगा कि यो का यह जो नया बिज़नेस मॉडल है क्या यह सस्टेन कर पाएगा या नहीं हालांकि 2017 में यो ने सेम ऐसे ही बिज़नेस मॉडल चेंज किया था जब वह एग्रीगेटर से फ्रेंचाइजी पे आए थे तब.
उन्होंने बोला था कि हम कॉस्ट कटिंग करने के लिए हम फ्रेंचाइजी मॉडल पे आ रहे हैं और आज भी ओयो यही कह रहा है कि कॉस्ट कटिंग करने के लिए फ्रेंचाइजी से वापस एग्रीगेटर पे जा रहे हैं तो आप कमेंट ऑप्शन में लिख के अपना ओपिनियन भी बताइएगा वीडियो अच्छी लगी तो वीडियो को लाइक करिएगा चैनल को सब्सक्राइब जरूर करिएगा