Why Nirma Failed?? Business Case Study - purshoLOGY

लो प्राइसिंग स्ट्रेटेजी ने निर्मा को टॉप से फ्लॉप बना दिया 1969 में जब इंडियंस की इनकम लेवल काफी लो थी तब कर्सन भाई पटेल ने निर्मा को इंट्रोड्यूस किया था इतने सस्ते प्राइस में कि वह हर घर में बिकने लगा 1988 तक निर्मा ने 60 पर मार्केट शेयर अपने अंडर कर लिया था लेकिन 2000 के बाद जब इंडियंस की इनकम लेवल बढ़ने लगी तब भी निर्मा ने अपने प्राइसेस नहीं बढ़ाए और.

कस्टमर्स ने निर्मा को उसके लो प्राइसिंग की वजह से बेकार ब्रांड मान लिया और प्रीमियम अल्टरनेटिव जैसे सिर्फ एक पे शिफ्ट होने लगे निर्मा ने अपने प्रोडक्ट्स में कोई सिग्निफिकेंट इनोवेशन भी नहीं किया जबकि उसके कंपीटीटर्स नए और इंप्रूव्ड फार्मूला ले आते रहे निर्मा के पास अब भी ऐसे कस्टमर्स थे जिनके लिए प्राइस मैटर करता था लेकिन फिर एंट्री.

होती है घड़ी डिटर्जेंट की जो निर्मा से भी सस्ता था इस वजह से निर्मा की प्राइस कॉन्शियस कस्टमर्स भी घड़ी के तरफ शिफ्ट हो गए इकोनॉमिक चेंजेज और राइजिंग इनकम्स की वजह से लोग सस्ते से ज्यादा क्वालिटी पर फोकस करने लगे थे और आज निर्मा का मार्केट शेयर 10 पर से भी कम

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