दोस्तों दुबई दुनिया के सबसे अद्भुत जगहों में से एक है द सिटी स्प ज चेंज्ड बियोंड रेग्स दुबई द मोस्ट लक्जरियस प्लेस इन द वर्ल्ड आस्क अ लॉट ऑफ पपल हैव यू बीन टू द मिडल ईस्ट एंड देल से या डु बाई द सिटी इज नाउ अ ग्लोबल बिजनेस हब एंड लक्सरी टूरिस्ट डेस्टिनेशन द बोस्ट द वर्ल्डस लेस्ट बिल्डिंग एंड अ पोलीस फोर्स द ड्राइव सुपर.

कार्स और पूरी दुनिया यह देख के हैरान हो गई कि 1960 में जिस जगह पर ढंग रस्ते नहीं थे सिर्फ 30 साल के अंदर-अंदर वही जगह आज एक रेगिस्तान से डेवलप होकर दुनिया के सबसे डेवलप्ड और सबसे एडवांस्ड सिविलाइजेशन में ट्रांसफॉर्म हो चुका है और जब भी दुबई की चर्चा होती है लोगों को यह लगता है कि पूरा दुबई सिर्फ और सिर्फ तेल के पैसों से बनाए लेकिन बहुत कम लोगों.

को यह पता है कि आज तेल से दुबई का सिर्फ 1 पर जीडीपी आता है जस्ट ओवर 50 इयर्स अगो ऑयल वाज डिस्कवर्ड यर इन दुबई इ हेल्प बिल्ड दिस मॉडर्न मेट्रोपोलिस बट द रिसोर्स अंट्स फॉर लेसन % ऑफ द स्टेट जीडीपी और एक तरफ जहां इतने सारे पैसे होने के बावजूद भी यूनाइटेड किंगडम और अर्जेंटीना जैसे देश स्ट्रगल कर रहे हैं दूसरी तरफ आज दुबई का हर सिटीजन एक ऐसी.

लाइफ जी रहा है जो एक ब्रिटिश सिटीजन सोच भी नहीं सकता और जिस रेगिस्तान की तरफ लोग देखते भी नहीं थे वही रेगिस्तान आज दुनिया के सामने एक टूरिज्म मिरेकल बन चुका है जिसको दुनिया के कोने-कोने से लोग देखने आते हैं बबाई इज नॉन ऑयल प्राइवेट सेक्टर इट जज एक्सपेंडेड फॉर अ थर्ड कंकट मंथ द टूरिजम सेक्टर हियर इन डुबा कंटिन्यूज टू ड्राइव द सिटी द ओयल वाज यूज टू फंड शेख.

रशीद एसिस्टिंग स्ट्रैटेजी ऑफ बेसिंग दबाई इकॉनमी अराउंड ट्रेड टूरिजम एंड फाइंस और 2023 में जहां पूरे भारत में सिर्फ 92 लाख फॉरेन टूरिस्ट आए थे सिर्फ दुबई में 1 करोड़ 70 लाख फॉरेन विजिटर्स आए थे तो तुम समझ रहे हो दिल्ली शहर से भी छोटा होने के बावजूद भी दुबई अकेले पूरे भारत से ज्यादा टूरिस्ट अट्रैक्ट करता है तो सवाल यह है कि दुबई ने ऐसा क्या कर दिया जिसकी वजह से.

आज यह रेगिस्तान दुनिया के सामने एक टूरिज्म मिरेकल बन चुका है दुबई के राजा ने दुबई की इकोनॉमी को सिर्फ तेल पर निर्भर होने से कैसे बचाया और दुबई की इस अद्भुत कहानी से भारत क्या सीख सकता है जानेंगे इस एपिसोड में दोस्तों यह youtube0 द और थिंक स्कूल का एक जॉइंट वेंचर है जिसके माध्यम से हम भारत को वर्ल्ड क्लास बिजनेस एजुकेशन देना.

चाहते हैं तो अगर आप बिजनेस एंड जिओ पॉलिटिकल केस स्टडीज पढ़ना चाहते हैं या अगर आप किसी को जानते हैं जो बिजनेस सीखना चाहता है तो प्लीज उनके साथ इस चैनल को शेयर कीजिए और आप इस चैनल को सब्सक्राइब कीजिए आपके लिए तो फ्री है लेकिन हमारे लिए यह बहुत-बहुत जरूरी है तो हमें सपोर्ट करने के लिए प्लीज इस चैनल को सब्सक्राइब कीजिए दोस्तों दुबई की ग्रोथ को समझने के.

लिए हमें पहले यह समझना होगा कि यूएई दुबई और अबु धाबी में क्या फर्क है यह देखो ये है यूनाइटेड अरब एमिरेट्स यानी यूएई और यूएई में सात एमिरेट्स हैं जिनका नाम है अबू धाबी दुबई शारजा अजमान उमल कुएन फु जेरा और रसल खेमा और जैसा अपने भारत में स्टेट्स हैं उसी तरह यह एमिरेट्स अलग-अलग किंगडम थे जो एक साथ आकर बने यूनाइटेड अरब एमिरेट्स अगर आप यह समझ गए तो अब जानते.

हैं दुबई की कहानी दोस्तों यह कहानी शुरू होती है 1960 में जब यूएई के सारे एमिरेट्स इंडिपेंडेंट किंगडम की तरह ऑपरेट करते थे और उस टाइम पर दुबई एक छोटा सा फिशिंग टाउन था और उस टाइम पर बिल्डिंग्स और लग्जरी कार से दूर दुबई के लोग ऊंटों पर घूमते थे लेकिन इसी समय दोस्तों दुबई के लोगों को एक ऐसी चीज मिल गई जिससे उनकी पूरी जिंदगी बदल गई दोस्तों दुबई के लोगों.

को मिला एक तेल का कुआ इन 1958 द फर्स्ट ऑफशोर वेल वाज डल्ड इन द ओश फील्ड ऑफ अब डबी एंड इट वाज फ्रॉम दिस फील्ड दैट द फर्स्ट शिपमेंट ऑफ क्रूड ऑयल फॉर द वर्ल्ड मार्केट वाज एक्सपो न ब्रिटिश सिगनल इन 1962 द प्रोग्रेस एंड अचीवमेंट मेड सस दैट टाइम हैव अफेक्टेड नॉट ओनली अबु दबी बटल्स द यूनाइटेड अरब एमिरेट्स ए होल 1960 में जैसे ही दुबई में ऑयल की डिस्कवरी हुई तो.

क्रूड ऑयल को एक्सट्रैक्ट करके पूरी दुनिया में दुबई की गवर्नमेंट ऑयल बेचने लगी और बेचते बेचते दुबई ने लाखों करोड़ों रुपए कमाए और इसी ऑयल ट्रेड की वजह से दुबई के पास इतने पैसे आ गए इतने पैसे आ गए कि लोग कहते हैं कि दुबई के राजा ने ने सिर्फ 30 साल में दुबई के रेगिस्तान को जन्नत सी नगरी बना दी और इसीलिए जैसे ही कोई दुबई की डेवलपमेंट की बात करता है तो.

लोगों को यह लगता है कि दुबई सिर्फ और सिर्फ तेल के पैसों से बना है तो लोग कहते हैं कि भाई इसमें कौन सी बड़ी बात है अगर हमें तेल का कोआ मिल जाए तो हम भी मुंबई को लंडन बना देंगे लेकिन यहीं पर दोस्तों आपको एक बात समझना बहुत-बहुत जरूरी है इस चार्ट को देखो अगर आप दुनिया के सबसे बड़े ऑयल रिजर्व्स को देखेंगे तो आपको ये समझ आएगा कि यूनाइटेड अरब एमिरेट्स से भी.

ज्यादा तेल छह और देशों के पास है और दुनिया का सबसे बड़ा ऑयल रिजर्व वेनेजुएला के पास है लेकिन आज वेनेजुएला की हालत इतनी खराब है इतनी खराब है कि मैं आपको क्या बताऊं ये देखो वेनेजुएला अ कंट्री विथ द पोटेंशियल टू बी रिच एंड प्रॉस्परस अटिल इ हिट द वर्स्ट एवर इकोनॉमिक क्रिसिस इन इट्स हिस्टरी वेनेजुएला टुडे कैनॉट ईट यू सी पीपल ईटिंग फ्रॉम द गार्बेज.

हॉस्पिटल्स दैट हैव मासिफ डेथ्स ऑ न्यू बोर्न्स एंड य नो देयर इज नो एक्सेस टू मेडिकेशन वेनेजुएला अ कोर्स अ कंट्री वर प्रास डबल एवरी फ्यू वीक्स एंड अ मंथली सलारी इजेंट एनफ टू बाय मीट फॉर वन फैमली मल तो कहने का मतलब यह है कि पैसा होने में और पैसे का सही इस्तेमाल कर कर तरक्की करने में जमीन आसमान का फर्क है और अगर आप इस चार्ट को देखो तो आपको यह समझ आएगा कि.

यूएई में भी सबसे ज्यादा तेल अबू धाबी के पास है अबु धाबी के पास जहां 92.2 बिलियन बैरल्स ऑफ ऑइल है दुबई के पास सिर्फ 4 बिलियन बैरल्स ऑफ ऑयल है इसीलिए दुबई के राजा ने जब अपने लोगों को तेल के कुए के बारे में बताया तो उन्होंने कहा आई हैव गुड न्यूज़ एंड बैड न्यूज़ वी हैव फाउंड ऑयल बट नॉट मच अब आप जरा सोच के देखो जिस इंसान ने पूरी जिंदगी रेगिस्तान में बिताई.

उसे भी यह बात बहुत अच्छे से पता थी कि जो लाखों करोड़ों रुपए का तेल उन्हें मिला है वह कुछ ही सालों में खत्म हो जाएगा और यह तेल खत्म होने से पहले उनको तेल से आगे बढ़कर कई और इनकम स्ट्रीम्स बनाने होंगे और इसीलिए दोस्तों दुबई के राजा ने यह फैसला किया कि वह 50 साल के अंदर-अंदर दुबई को एक ऐसा राज्य बना देंगे जो कि तेल के पैसों पर निर्भर नहीं होगा और यहीं पर.

शुरू हुई दोस्तों दुबई की ग्रोथ स्टोरी और आज दुबई इतना सक्सेसफुल बन चुका है कि ऑयल का कंट्रीब्यूशन जीडीपी में 1 पर से भी कम है तो सवाल यह है कि दुबई के राजा ने इस रेगिस्तान को रखकर क्या किया दोस्तों सबसे पहली चीज जो राजा ने देखी व थी दुबई की लोकेशन और एनालिसिस के बाद उन्हें यह समझ आया कि दुबई पर ज्योग्राफी का वरदान है इसे वरदान तीन कारणों से कहा जाता है पहला.

कारण यह है कि दुबई पर्शियन गल्फ के बिल्कुल एंट्रेंस पर लोकेटेड है जिसकी वजह से दुबई सारे अरब देशों के लिए एक ट्रेड हब बन जाता है दूसरी बात पर्शियन गल्फ के एंट्रेंस पर होने की वजह से दुबई अरेबियन गल्फ और इंडियन सबकॉन्टिनेंट को कनेक्ट करता है और सबसे इंपॉर्टेंट बात यह है कि दुबई एशिया यूरोप और अफ्रीका इन तीनों कॉन्टिनेंट्स का एक ट्रांजिट पॉइंट बन.

जाता है यानी किसी भी शिप को अगर इन तीनों कॉन्टिनेंट के बीच ट्रेड करना हो तो दुबई उसका सेंट्रल पॉइंट बन जाता है जिसकी की वजह से इन तीनों कॉन्टिनेंट से जो भी शिप्स आते हैं वो दुबई में ही हॉल्ट होते हैं तो कहने का मतलब यह है कि दुबई दुनिया के सबसे इंपॉर्टेंट ट्रेड रूट में लोकेटेड है और यही देख के दोस्तों दुबई के राजा ने बनाया दुनिया का सबसे एडवांस्ड ट्रांस.

शिपमेंट हब जिसे आज जबेल अली पोर्ट के नाम से जाना जाता है और अगर आप ट्रांस शिपमेंट हब के बारे में नहीं जानते तो ये समझ जाओ कि ट्रांस शिप इंड हब एक ऐसा हब है जहां शिप्स आकर अपने गुड्स को लोड और अनलोड करती है तो यहीं पर आप आपको सारे वेयरहाउसेस और कोल स्टोरेज जैसी फैसिलिटी प्रोवाइड की जाती है जिससे आपको ट्रेड करना बहुत आसान हो जाता है और आज दुनिया.

के हजारों शिप्स के लिए जबल अली पोर्ट लॉजिस्टिकल सर्विसेस प्रोवाइड करता है जिसकी वजह से आज जबल अली पोर्ट दुनिया के टॉप 10 पोर्ट्स में शामिल हो गया है उसके साथ-साथ ट्रेडर्स को अपने गुड्स को ट्रेड करने के लिए जबल अली पोर्ट दुनिया के सबसे एडवांस्ड स्टोरेज फैसिलिटी प्रोवाइड करता है जैसे अगर आपको फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट्स चॉकलेट्स या कॉस्मेटिक्स शिप.

करना हो तो जबल अली पोर्ट आपको कोल् स्टोरेज से लेकर कंटेनर्स तक सब कुछ प्रोवाइड करेगा और आज जबल अली पोर्ट इतना बड़ा बन चुका है कि पूरी दुनिया का 10 पर कंटेनर ट्रैफिक और लगभग ढ़ करोड़ कंटेनर्स को जबल एली पोर्ट अकेले हैंडल करता है इसीलिए आज मैरीटाइम इंडस्ट्री अकेले ही दुबई के जीडीपी में 7 पर कंट्रीब्यूशन करता है ये थी दोस्तों दुबई के राजा की.

पहली स्ट्रेटेजी व्हिच इज मेरीटाइम इंडस्ट्री अब आते हैं दूसरे स्ट्रेटेजी पर और वो है दुबई का फ्री जन जिसकी वजह से आज दुबई में दुनिया के सबसे बड़े कंपनीज अपने लाखों करोड़ों रुपए इन्वेस्ट करने आते हैं फ आ स्टिकली लोकेटेड द फटे ड एंड लॉजिस्टिक्स सेटिंग अप इन अ फ्री जन इज द फुल ओनरशिप यर ग्रांटेड फ्री जन् गोइंग फॉरवर्ड इज दैट इट विल बी टैक्स फ्री फर.

यू ए कनी दोस्तों दुबई फ्री जोन एक स्पेशल एरिया है जहां बिजनेसेस को स्पेशल प्रिविलेजेस मिलती हैं और दुबई ने इन्हें चार ऐसी फैसिलिटी दी जो दुनिया में कोई नहीं दे पा रहा था पहली फैसिलिटी थी 100% फॉरेन ओनरशिप यानी अगर आप एक इंडियन कंपनी हो तो आपको बिना किसी एमराठी कंपनी के मदद के अपना कंपनी सेटअप करके मिल जाएगा लेकिन अगर आप चाइना जैसे कंट्रीज में देखो तो.

चाइनीज कंपनीज आपसे यह कहेंगे कि आपको चाइना में बिजनेस करना है तो आपको एक चाइनीज कंपनी के साथ जॉइंट वेंचर खोलना ही होगा सेकंड दुबई ने ऑफर किया 100% रिपेट्रिएशन ऑफ कैपिटल एंड प्रॉफिट्स यानी आप अपने 100% प्रॉफिट्स को अपने होम कंट्री भेज सकते हो वो भी बिना किसी टैक्स के और इसके साथ-साथ दुबई ने ऑफर किया 100% इंपोर्ट एक्सपोर्ट टैक्स एमपन यानी आपकी.

इंपोर्ट या एक्सपोर्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता था और उसके साथ-साथ दुबई में कॉर्पोरेट इनकम और पर्सनल इनकम दोनों पर भी जीरो टैक्स लगता था तो दुबई की गवर्नमेंट बस यह कह रही थी कि भाई साहब आप दुबई आओ प्रॉफिट कमाओ और प्रॉफिट खुद ही रख लो हमें आपके प्रॉफिट से कोई मतलब नहीं इससे क्या हुआ इससे दुबई को तीन फायदे मिले पहले तो जैसे ही दुबई में न्यू.

बिजनेसेस को प्रिविलेजेस मिलने लगे तो दुनिया भर के कंपनीज अलग-अलग अलग इंडस्ट्री से दुबई आने लगी तो फाइनेंस और मार्केटिंग से लेकर शिपिंग कंपनीज तक सारी कंपनीज दुबई में अपने ब्रांचेस खोलने लगी इसका दूसरा फायदा यह हुआ कि जब इतने सारे इंडस्ट्रीज से कंपनीज दुबई आ गई तो दुनिया के सबसे टैलेंटेड लोग दुबई में आकर काम करने लगे और अब जब सारे बिजनेसेस और अमीर.

लोग दुबई में काम करने लगे तो कल अगर दुबई की सरकार 5 या 10 पर टैक्स ले ले तो भी कोई दुबई छोड़ के नहीं जाएगा और इसी वजह से दुबई को इतने सारे इंडस्ट्रीज से टैक्स मिलेगा कि उन्हें किसी भी इंडस्ट्री पर ओवर डिपेंडेंट होने की जरूरत नहीं पड़ेगी और सबसे बड़ी बात यह है कि दुबई में सिटीजन और बिजनेस सिक्योरिटी दोनों का भी इतना ज्यादा ध्यान रखा जाता है कि आज.

दुनिया भर से लोग दुबई में इन्वेस्ट करने आते हैं इनफैक्ट ऐसा कहा जाता है कि चाहे रशिया यूक्रेन वॉर हो या यूएस चाइना टेंशन जब भी दुनिया में कोई टेंशन की बात आती है तो लोग दुबई में इन्वेस्ट करते हैं और इसीलिए इन्वेस्ट करते हैं ताकि उनका पैसा और बिजनेस दोनों भी महफूज रहे ये थी दोस्तों दुबई की फ्री जोन स्ट्रेटजी और इसके बाद हम आते हैं दुबई के लास्ट.

स्ट्रेटेजी पर जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मशहूर है व्हिच इज दुबई टूरिजम दुबई हैज क्विकली रिजन टू बिकम वन ऑफ द मोस्ट विजिट सिटीज इन द वर्ल्ड दबाई रियल एस्टेट एंड टूरिजम मार्केट इज अ रोरिग सक्सेस हैविंग टर्न दिस वंस क्वाइट बैक वाटर इंटू वन ऑफ द वर्ल्डस मोस्ट पावरफुल सिटीज दोस्तों दुबई की टूरिज्म के बारे में हम सब जानते हैं और जैसा कि मैंने कहा.

दुबई के पास ज्योग्राफी का एक वरदान है और ट्रेवल के हिसाब से देखा जाए तो दुबई इतने परफेक्ट लोकेशन पर स्थित है कि एशिया यूरोप और अफ्रीका इन सारे कॉन्टिनेंट से 200 करोड़ लोग सिर्फ 4 घंटे की फ्लाइट पकड़कर आ सकते हैं कितने लोग 200 करोड़ लोग और इसके साथ-साथ कनाडा यूएस ऑस्ट्रेलिया जैसी कंट्रीज से जो भी फ्लाइट्स इंडिया या चाइना जाती है उनके.

लिए भी दुबई एक परफेक्ट लेवर स्पॉट बन जाता है यानी फिर से दुबई बहुत सारा पैसा सिर्फ अपने एयरपोर्ट से कमा लेता है क्योंकि दुनिया भर की फ्लाइट्स दुबई में आकर रुकती है और दुबई के एयरपोर्ट को पार्किंग फीज देती है और इसी लोकेशन का फायदा उठाने के लिए दुबई ने करोड़ों रुपए खर्चा करके अपने रेगिस्तान को कुछ ऐसा बना [संगीत].

दिया इसके साथ-साथ दुबई ने पूरी दुनिया में इतनी जबरदस्त मार्केटिंग करी कि उन्होंने लोगों से कहा कि आप पैराग्लाइडिंग से लेकर स्कूबा डाइविंग तक जो भी करना चाहो आप दुबई में आकर कर सकते हो और इसी मार्केटिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से आज दुबई का टूरिज्म इस लेवल तक पहुंच गया है कि दिल्ली शहर से छोटा होने के बावजूद भी आज जहां पूरे इंडिया में 90.

लाख टूरिस्ट आए थे सिर्फ दुबई में 2023 में 1 करोड़ 70 लाख टूरिस्ट आए थे और आज दुबई में होटल्स अमज मेंट पार्क्स एक्वा वेंचर पार्क्स अंडरवाटर जूज यहां तक कि स्की स्पॉट्स के लिए भी फैसिलिटी बन चुकी है इसी तरह दोस्तों अपने लोकेशन का फायदा उठाकर जबल अली पोर्ट में इन्वेस्ट कर कर दुनिया भर के बिजनेसेस को एक इजी और सिक्योर सिस्टम प्रोवाइड कर कर दुनिया के.

सबसे बढ़िया टूरिस्ट स्पॉट्स बनाकर दुबई आज दुनिया के सबसे शानदार जगहों में शामिल हो गया है यह थी दोस्तों दुबई की कहानी तो अब सवाल यह है कि इस कहानी से भारत को क्या सीख मिलती है लेसन नंबर वन दोस्तों चाहे आपके पास कितना भी पैसा हो जब तक आप उन पैसों का सही उपयोग नहीं करोगे तब तक आप कभी भी अमीर नहीं बन पाओगे तो गलती से कल आपके पास ₹ करोड़ आ भी जाए ना तो भी आप.

अपनी आदतों की वजह से बर्बाद हो जाओगे जैसे इस कहानी में एक तरफ जहां वेनेजुएला जैसी देश अपने पॉलिटिक्स ऑफ पावर स्ट्रगल में डूब रही है दुबई ने इतना कम तेल होने के बावजूद भी अपने आप को डेवलप कर लिया है लेसन नंबर टू कभी भी एक इनकम सोर्स पर ओवर डिपेंडेंट नहीं होना चाहिए और हमें हमेशा अपनी इनकम को डायवर्सिफाइड रखना चाहिए जैसे इस कहानी में एक तरफ जहां सऊदी.

अरेबिया जैसे देश आज भी तेल के पैसों पर निर्भर है दुबई आज एक ऑयल नेशन नहीं बल्कि एक टूरिज्म और एक ट्रेड नेशन बन चुका है इसीलिए डायवर्सिफिकेशन बहुत-बहुत इंपॉर्टेंट है एंड लास्टली भारत को दुबई से यह सीखना चाहिए कि दुबई एक रेगिस्तान होने के बावजूद भी आज एक टूरिज्म मिरेकल बन चुका है लेकिन यहां हमारे पास नेचुरल फॉर्म में माउंटेन से लेकर फॉरेस्ट तक.

डेजर्ट से लेकर स्नो लैंड्स तक सब कुछ है लेकिन फिर भी एक तरफ जहां दुबई अपने आप को इतना बढ़िया तरीके से मार्केट करता है भारत उसके हिसाब से कुछ भी मार्केटिंग नहीं करता और जैसा कि मैं हर बार कहता हूं इंडिया नीड्स टू बी मार्केटेबल होके भी हम टूरिज्म में कभी भी आगे नहीं बढ़ पाएंगे और विकसित भारत बनने के लिए यह बहुत-बहुत महत्त्वपूर्ण है.

दैट्ची नहीं मिला तो प्लीज इस वीडियो को लाइक कीजिए और इसी तरह बिजनेस और जिओ पॉलिटिकल केस स्टडीज के लिए इस चैनल को सब्सक्राइब कीजिए आपके लिए यह लाइक और सब्सक्राइब तो फ्री है लेकिन हमारे ग्रोथ के लिए यह बहुत-बहुत जरूरी है तो हमें सपोर्ट करने के लिए प्लीज इस चैनल को सब्सक्राइब कीजिए थैंक यू सो मच फॉर वाचिंग आई विल सी यू इन द नेक्स्ट वन बाय.

बाय [संगीत]

Leave a Reply