नाम तो याद नहीं आ रहा है लेकिन किसी समझदार ने कहा था कि अगर आप समय के साथ नहीं बदलेंगे तो समय ही आपको बदल देगा और बिजनेस की दुनिया में एगजैक्टली यही हुआ [संगीत] nokia1 ना एक डब्बा टिप्पर वेयर का जरूर होगा जो लिया होगा 10 15 साल पहले पर अब तक भी अच्छे से चल रहा होगा जनरली ब्रांड्स पर मीम्स बनते हैं उनके बैड.

प्रोडक्ट्स या सर्विसेस की वजह से जैसे कि हमने वर्ल्ड्स फोर्थ लार्जेस्ट ईवी कंपनी एक्सक्लूडिंग चाइना यानी ला की केस में देखा जब काफी सारी ओला स्कूटी में आग लग गई तो लोगों ने इसके बारे में काफी सारी मीम्स बनाई पर टप्परवेयर की केस में बिल्कुल उल्टा था जैसे nokia1 पर कई सारी मीम्स बनती थी वैसे ही टप्परवेयर के ड्यूरेबल पर कई सारी मीम्स बनती थी इसके.

अलावा टप्परवेयर के साथ देसी मॉम्स का जो रिलेशन था वह काफी अलग था अपने बच्चों जितना ही ध्यान वो टप्परवेयर के डिब्बों पर देती थी और इसीलिए जैसे न्यूज़ बाहर आई कि टप्परवेयर बैंकर स फाइल कर रही है यह मीम्स काफी वायरल हो रही है जिसमें देसी मॉम्स काफी शौक में है अब इस न्यूज़ के बाद बहुत सारे लोग सदमे में हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि टप्परवेयर के डिब्बे.

यहां से आगे मिलना बंद हो जाएंगे पर यह पूरी सच्चाई नहीं है इसके बारे में हम एंड में डिटेल में बात करेंगे इसके अलावा एक और सवाल सभी के दिमाग में जरूर आया होगा कि अगर कंपनी इतनी अच्छी है प्रोडक्ट्स इतने अच्छे हैं तो कंपनी को बैंकर से फाइल करने की नौबत क्यों आई उसके साथ ही ट टपर वेयर की कैसे शुरुआत हुई कैसे यह ब्रांड घर-घर तक पहुंचा उसके बारे में भी वीडियो.

में हमने डिटेल में बात की है और उसके अलावा हम यह भी बात करेंगे कि टप्परवेयर को आखिर बैंकर से क्यों फाइल करनी पड़े इन सारी चीजों के बारे में आज हम डिटेल में बात करने वाले हैं तो अंत तक जरूर बने रहिए और वीडियो शुरू करने से पहले आपसे रिक्वेस्ट करना चाहता हूं कि आप हमारी वीडियोस को रेगुलरली देखते हो तो वीडियो देखते देखते जरूर चैनल को सब्सक्राइब.

कीजिए और साथ ही इस घंटी को भी दबाइए क्योंकि घंटी दबाओगे तो ही प्रसाद मिलेगा अच्छा दबा दी तो चलिए शुरू करते हैं नमस्कार मैं प्रसाद आपका आज के इस वीडियो में स्वागत करता हूं वीडियो में आगे बढ़ने से पहले आपको बता दूं कि अभी अक्टूबर के सेकंड वीक से हमारी एफएमवीए यानी फाइनेंशियल मॉडलिंग एंड वैल्युएशन मेंटरशिप की नेक्स्ट बैच शुरू होने वाली.

है इसमें एनरोल करने की लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन और कमेंट बॉक्स में मिल जाएगी ये एक 100% ऑनलाइन बैच है न महीने का कोर्स है जो कंप्लीट वीकेंड कोर्स है जिसे आप बड़ी आसानी से वीकेंड में अटेंड करके कंप्लीट कर सकते हो जो आपको कंपनी के फाइनेंशियल प्रोजेक्शंस करने में यानी फाइनेंशियल मॉडलिंग करने में मदद करेगा डीसीएफ मेथड जिससे हम कंपनी की एग्जैक्ट.

वैल्यू निकालते हैं यानी कि शेयर प्राइस तो हमें पता है कंपनी की एग्जैक्ट वैल्यू क्या है ₹1 का शेयर्स है तो उसकी वैल्यू ₹10 है या फिर 80 है यह पता करने के लिए जो डीसीएफ हम इस्तेमाल करते हैं उसे कैलकुलेट करना हम यहां पर सीखेंगे और इसके अलावा फाइनेंस की फील्ड में इन डेफ नॉलेज के लिए यह कोर्स आपको बहुत काम में आएगा तो अगर आपको फाइनेंस में करियर करना है या.

फिर इन्वेस्टमेंट की वर्ल्ड में इन डेप्थ नॉलेज हासिल करना है तो यह आपके लिए बेस्ट अपॉर्चुनिटी है एफएमवीए में रजिस्टर करने की लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन और कमेंट बॉक्स में मिल जाएगी और रजिस्टर करने के बाद अगर आप क्वालीफाई हो जाते हैं तो हमारी टीम आपसे कांटेक्ट करके आपको काउंसलिंग सेशन की लिंक भेज देगी देखिए जनरली हमें ऐसा लगता है कि इनोवेशंस तब.

होते हैं जब देश और दुनिया में शांति हो राइट रॉन्ग अगर आप ह्यूमन हिस्ट्री को झांक कर देखें तो आपको पता चलेगा कि जो बड़े-बड़े इन्वेंशन और इनोवेशंस हैं उनका कहीं ना कहीं वॉर से काफी लेना देना था फॉर एग्जांपल आप वायरलेस कम्युनिकेशन की बात करो तो उसकी डेवलपमेंट वर्ल्ड वॉर व के दौरान हुई आप रडार की बात कर लो आप कंप्यूटर की बात कर लो या फिर न्यूक्लियर.

एनर्जी और जेट इंजन की बात कर लो इन सब का डेवलपमेंट वर्ल्ड वॉर 2 में हुआ है स्क्रीन पर जो आप पूरी लिस्ट देख रहे हो ये सारे वो इंवेंशंस है जो वर्ल्ड वॉर के दौरान हुए हैं इंटरेस्टिंग अब आप सोचेंगे कि टप्परवेयर का वर्ल्ड वॉर से क्या लेना देना राइट आपको बता दूं कि टप्परवेयर में जो मजबूत प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है ना वो प्लास्टिक वर्ल्ड वॉर 2 के दौरान ही.

डेवलप किया गया था और इसे डेवलप किया था अल सिलास टप्पर ने जो उस टाइम यूएस की एक कंपनी ड्यू पॉन केमिकल कंपनी में काम करते थे यह वही कंपनी है जहां ढेरों सारे पॉलीमर्स का डेवलपमेंट हुआ है जैसे कि नायलॉन कॉर फैम यानी आर्टिफिशियल लेदर स्पैक्स आल्सो नोन फॉर इट्स एक्सेप्शनल एसिटी एंड रेफ्रिजरेटर व्हिच इज यूज्ड इन एयर कंडीशनिंग इसके अलावा स्क्रीन पर देख.

सकते हो कि डजन से भी ज्यादा डेवलपमेंट्स इस कंपनी में हुए हैं यह कंपनी आज भी मौजूद और मजबूत है और आज fortune4 ने कंपनी तो शुरू कर दी वो एक इनोवेट थे मार्केटिंग की उन्हें ज्यादा आईडिया नहीं थे और इसी वजह से टप्परवेयर के जो प्रोडक्ट्स है वो सही तरीके से बिक नहीं रहे थे क्योंकि आपके प्रोडक्ट्स कितने भी वर्ल्ड क्लास क्यों ना हो अगर आप.

मार्केटिंग नहीं कर पा रहे हो तो कहीं ना कहीं वो जो स्केल है वह आपको नहीं मिल पाएगा जैसे कि मैंने बताया कि टप्परवेयर के जो प्रोडक्ट्स थे वो नहीं बिक रहे थे सेल्स डाउन थी और सब कुछ चेंज होने वाला था सिर्फ एक फोन कॉल से यह फोन कॉल था इस पूरी स्टोरी के नायिका का जिनका नाम है ब्राउनी वाइज यह फोन कॉल एक घंटे से ज्यादा चली और ब्राउनी ने अपनी पूरी कोशिश.

से अर्ल को कन्विंसिबल तो ये एक डायरेक्ट सेलिंग स्ट्रेटेजी थी इसमें होता यह था कि महिलाएं अपने घर पर पार्टीज रखती थी जहां व अपने फ्रेंड्स नेबर्स और रिश्तेदारों को बुलाती थी और वहां पर टप्परवेयर के प्रोडक्ट्स को शोकेस करती थी ताकि लोग उन्हें देखकर खरीदने पर मजबूर हो जाए ये इसे बेचने का काम नहीं था ये एक.

एक्सपीरियंस क्रिएट करने का प्लान था जहां लोग प्रोडक्ट्स के साथ इमोशनली कनेक्ट हो जाए और यही नहीं यह महिलाएं जो पार्टी होस्ट करती थी उन्हें टप्परवेयर का डीलर बनने का भी ऑप्शन मिलता था जहां पर वो काफी अच्छा खासा कमीशन कमा सकती थी अगर आप लंबे टाइम से हमारे चैनल फिनो बाय प्रसाद के सब्सक्राइबर हैं तो आप अभी तक समझ गए होंगे कि इस पूरी चीज को कहते हैं एमएलएम.

यानी कि मल्टी लेवल मार्केटिंग जिसका इंडिया में काफी खराब नाम है और इस नए मार्केटिंग प्लान के बाद सब कुछ बदलने लगा ब्राउनी वाइज जो अपनी पुरानी कंपनी से सिर्फ इसलिए निकाली गई थी क्योंकि वह एक महिला थी जो एग्जीक्यूटिव बनना चाहती थी अब वह टप्परवेयर की शान बन गई थी 1 साल के अंदर ब्राउनी और उसकी टीम ने $10000 के टप्परवेयर प्रोडक्ट्स बेच दिए जो आज के.

टाइम में 1.7 मिलियन डॉलर के बराबर है जो कि आज के लगभग ₹ करोड़ एक ही साल में उन्होंने 2 मिलियन डॉलर का सेल किया ब्राउनी टप्परवेयर के एनुअल सेल्स कॉन कान्फ्रेंस होस्ट करने लगी जहां पर टॉप सेलर को महंगे महंगे गिफ्ट्स दिए जाते थे मीडिया भी ब्राउनी के पीछे लग गई थी वो बिजनेस विक मैगजीन के कवर पर फीचर होने वाली पहली महिला बन गई थी लेकिन हर कहानी.

में एक ट्विस्ट आता है और कुछ ऐसा ही यहां पर होने वाला था जब ब्राउनी की पॉपुलर बहुत तेजी से बढ़ रही थी तब एक शख्स था जो ब्राउनी की पॉपुलर से नाखुश था नाराज था और वो था अल टपर अर्ल को ब्राउनी से जलन होने लगी थी क्योंकि मीडिया का सारा ध्यान उस पर था 1958 में अर्ल ने ब्राउनी को कंपनी से निकाल दिया और एक साल बाद यानी 1959 में अल ने टप्परवेयर को रेॉल कंपनी.

को बेज दिया नया मैनेजमेंट आया लेकिन ब्राउनी की जो मार्केटिंग टैक्टिक थी वो वैसे ही आगे चलती रही लेकिन जिस मार्केटिंग स्ट्रेटेजी ने टप्परवेयर को एक बहुत बड़ा ब्रांड बनाया वही स्ट्रेटेजी अब टप्परवेयर के लिए शायद फेलर का कारण बनने जा रही थी दुनिया आगे बढ़ रही थी लेकिन टप्परवेयर अपने पुराने तरीके पर अटका रहा और आज ऐसी हालत है कि कंपनी को सीधी बैंकर.

पसी फाइल करनी पड़ी और अगर टपर वेयर के फेलर के मेन कारणों की बात करें तो यह एमएलएम तो एक कारण था ही पर इसके अलावा पांच और बड़े कारण थे पहला बड़ा कारण था ई-कॉमर्स का राइज जब 1990 में यूएस में ई-कॉमर्स का राइज शुरू हुआ तब कई सारे लोग जो ऑफलाइन चीजें खरीदते थे वो धीरे-धीरे ऑनलाइन की तरफ शिफ्ट होने लगे लेकिन टप्परवेयर ने इसे बस एक शॉर्ट टर्म ट्रेंड.

समझ लिया और अपना 100% सेल उन्होंने ऑफलाइन ही रखा लेकिन टप्परवेयर के जो कंपीटीटर्स थे उन्होंने ये गलती नहीं की उन्होंने अपना पूरा फोकस ऑनलाइन की तरफ शिफ्ट कर दिया जब टप्परवेयर ने अपनी सेल्स को गिरता देखा तब जाकर उन्होंने ऑनलाइन प्रोडक्ट्स बेचना स्टार्ट किया पर तब तक बहुत देर देर हो चुकी थी 2022 तक टप्परवेयर का जितना भी सेल्स आता था उसमें.

से सिर्फ 14 पर सेल ऑनलाइन से आता था जबकि उनके कंपीटीटर्स का ऑनलाइन सेल से आने वाला रेवेन्यू उनके टोटल रेवेन्यू के 60 टू 65 पर था दूसरा बड़ा कारण था इंटेंस कंपटीशन जैसे-जैसे ई-कॉमर्स बढ़ता गया वैसे-वैसे काफी नए कंपीटीटर्स आने लगे जो कि स्पेशली ऑनलाइन स्पेस में काम करते थे जैसे कि रबर मेड जिपलॉक और amazon2 में बेच रही है तो यह कंपनीज उसका.

ही थोड़ा सस्ता वर्जन ₹5000000 बस अच्छा कर ही रही थी तो उसे भी हटा दिया गया और यह सिलसिला आगे भी जारी रहा तो एक कोई कंसिस्टेंट मैनेजमेंट कंपनी के पास कभी था ही नहीं जो किसी एक चीज पर फोकस करके बिजनेस को बढ़ा सके और कंपनी के फेलर का पांचवां कारण शायद हो सकता है कंपनी की क्वालिटी ऑफ प्रोडक्ट्स नॉट बैड क्वालिटी कंपनी की क्वालिटी इतनी ज्यादा थी कि उनके.

प्रोडक्ट 10-10 15 साल बाद भी खराब नहीं होते थे तो यहां पर इनको लॉयल कस्टमर बेस तो मिला लेकिन एक रिकरिंग बिज़नेस होता है जो दो-दो तीन-तीन साल बाद सेम कस्टमर बार-बार खरीदेगा वैसा कुछ इनके केस में नहीं हुआ जैसे कि जनरली कई सारे लोग सोच रहे होंगे कि अगर आप बैंकर स कंपनी ने फाइल कर दी है तो टप्परवेयर तो बंद हो जाएगा उसके.

प्रोडक्ट्स आगे नहीं मिलेंगे पर यह पूरा सच नहीं है टप्परवेयर ने यूएसए में चैप्टर 11 बैंकर पसी फाइल की है जिसका मतलब यह है कि कंपनी अभी बंद नहीं होगी कंपनी चलती रहेगी पर कंपनी के जो लोंस है उसे वह क्रेडिटर्स के साथ रिस्ट्रक्चर करेगी तो इन चैप्टर्स को समझना बहुत जरूरी है लेकिन अगर यह प्लान गलती से फेल हो जाता है तो फिर उन्हें चैप्टर सेवन ऑफ बैंकर अपसी.

फाइल करनी पड़ेगी जिसका सिंपली मतलब होगा शटर डाउन मैं तो यही चाहता हूं कि ऐसा ना हो अब देखते हैं आगे क्या होता है तो वीडियो को यहीं पर खत्म करते हैं वीडियो एंड करने से पहले आपको बताना चाहूंगा कि हम किसी को ढूंढ रहे हैं हम एक ऐसे इंसान को ढूंढ रहे हैं जो चीजों की बारीकियों को समझे और जिसका लॉजिकल और एनालिटिकल माइंडसेट हो और.

खबर को वर्ड्स की बजाय नंबर्स में समझे तो हम किसे ढूंढ रहे हैं हम अपने तो उसे आप जरूर पढ़िए उन इंस्ट्रक्शंस को फॉलो कीजिए एक काफी बेहतरीन अपॉर्चुनिटी अभी आपके सामने है जनरली हम रिसर्च से रिलेटेड जॉब वैकेंसीज की बात youtube0 आई है तो उसे बिल्कुल भी मिस मत कीजिए और एक चीज़ याद रखना कि यह एक 100% वर्क फ्रॉम ऑफिस पोजीशन है और हमारा जो.

ऑफिस है वह मलकापुर में है जो कि महाराष्ट्र के जलगांव के नजदीक है सो सी यू ऑन दिस साइड ऑफ़ द कैमरा तो जरूर इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर कीजिए जो लोग बहुत इमोशनल हो रहे हैं टप्परवेयर को लेकर जो आपसे बात कर रहे हैं टप्परवेयर की उनके साथ भी जरूर शेयर कीजिए ताकि उन्हें भी सारी चीजें पता चले और यह भी पता चले कि अभी सारी चीजें बंद नहीं हो.

रही है दिस इज जस्ट चैप्टर 11 ऑफ द बैंक अपस

Leave a Reply