हेलो दोस्तों एक समय था जब गाड़ी लेकर पेट्रोल पंप पहुंचे कि नहीं पहुंचे कोई एजेंट आपको कार या बाइक डिफरेंस बेचने आ जाता था या फिर आप पुलिस के डर से किसी भी एजेंट को या किसी और तरह पॉइंट पर जाकर इंश्योरेंस करा लेते थे दोनों ही मामलों में आप एक थे कंपनी को लेकिन एक हिस्सा यानी कि कमीशन एक मिडलमैन को यानी की पेशेंट को मिल जाता था मतलब बिल फैट आपके.
नाम से और पी रखा गया थर्ड पार्टी यह प्रॉब्लम तो हर किसी को देख रहा था पर इस प्रॉब्लम का सलूशन निकाला है को के फाउंडर वरुण दुआ ने एक को किया है क्या बिजनेस करती है और इसका बिजनेस मॉडल कैसा है आइए जानते हैं एक वैज्ञानिक इंश्योरेंस कंपनी है नवंबर 2016 को शुरू हुआ था यह कार बाइक और हेल्थ इंश्योरेंस पेस्ट को अपने पूरे ऑनलाइन मतलब आपको किसी के पास जाने का.
जरूरत नहीं है आप डाइरैक्टली मोबाइल से अपना डॉ भाई किया हेल्थ बेनेफिट्स जो भी इन्फ्रेंस करना है आप अपने मोबाइल में डाउनलोड कीजिए को ऐप को इसे सिंपली ने से डॉक्यूमेंट अपलोड कीजिए और हो गया इंश्योरेंस बस इतना ही सिंपल है अ बैक को लोग कितना पसंद करते हैं मान कर चलिए आप एक दूसरी कंपनी से एक सेम टाइप का इंश्योरेंस खरीद रहे हैं अभी.
आप किसी जिनके पास जाते हैं यह आपको समझ आता है फिर वह आपके इन्फ्रेंस भेजता है अब क्या होता है कि कंपनी उस एजेंट को कुछ समय अमाउंट उसको पे करना होता है कमीशन तो वह कमीशन तो कंपनी अपने घर से पहले करिए इनडायरेक्टली ओर डायरेक्टली वह आपके खाते से पैसा उस एजेंट के पास जा रहा है आप जो पैसा दे भारतीय टीम जो भी अमाउंट भर है उसके इंफेक्शन ऑफ मोड उस कमीशन एजेंट को.
जाएगा तो कंपनी यह जो पूरा लोड है आपके ऊपर डालती है क्योंकि उसको पे करना है दूसरा कमीशन को लेकिन एक के मामले में है नहीं यह क्योंकि एक ऑनलाइन कंपनी है तो इसको मीडिया में रखने की जरूरत नहीं है यह डायरेक्ट अपने कस्टमर से बात करते हैं जैसे मेरे को इंश्योरेंस लेना होगा तो मैं आपके प्लैनेट्स में जाऊंगा कौन सा प्लेन मिलने चाहिए क्या करना है क्या लेना है.
मैं उनसे यह सलाह मशवरा करके डायरेक्ट यू कैन खरीद लूंगा कोई मिडिलमैन है नहीं तो आप को मिडल मैन को पेश करना होता नहीं है तो उससे क्या है तो इसका प्रीमियम या जो उसका मान होता है वह लो ताकि उसको मिडिलमैन को पैसा नहीं देना तो वही वाला कॉस्ट जो बचता है वह सब बेनिफिट कस्टमर को वापस मिल जाता है इंश्योरेंस अमाउंट यह टीम जो होता है वह बाकी जगहों से कम होता.
यह कंप्यूटर डिप्रेस में मिलता है तो यही इनका बिजनेस मॉडल है इस बिजनेस मॉडल पर वह काम करते हैं अब बात करते हैं ओके ऐप के बारे में ऐप बिल्कुल सिंपल इंटरफेस के साथ एकदम है सिर्फ है कोई भी नॉर्मल आदमी जिसे स्मार्टफोन चलाना आता है वह इसलिए इस ऐप को चलेगा आंखों के फाउंडर वरुण दुआ हैंडसम होने के साथ-साथ बहुत ज्यादा टैलेंटेड है आंखों के इंश्योरेंस प्रीमियम कॉम्पिटेटिव.
प्राइस इस के बीच में रखने के साथ-साथ उन्होंने सर्विस पर भी बहुत ज्यादा ध्यान दिया हुआ था अगर किसी का एक्सीडेंट हो गया तो बस अच्छा करेगा तो सिंपली ऐप को कॉल करने का यह अपना एग्जिक्यूटिव भेजेगी एक्टिव गाड़ी लेकर जाएगा तो आपको क्लिक करना पड़ेगा उसके लिए खर्च आता है लेकिन आपको कोई चार्ज नहीं करता लगभग 200 को लेकर जाने के.
बाद तीन दिन में आपको गाड़ी से वापस कर दे आपके घर में अगर तीन दिन तक वह आपको डिलीवरी नहीं तो वह दिल्ली का ₹500 वाउचर आपको अपने गले में गाड़ी का काम करेंगी जिससे आप गाड़ी का कोई भी होने का कोई डरने का यह बहुत जल्दी हो जाता है क्योंकि ऑनलाइन कंपनी पूरा प्रोसेस ऑनलाइन है आपको नॉर्मली दूसरी कंपनी की तरह ऑफिस में परेशान नहीं होना पड़ेगा चक्कर न काटना.
पड़े Company के पेड़ के बारे में जान लेते हैं कंपनी टोटल में 215 बम भिड़ चुकी है अभी एक्जिस्टिंग पैनल में 17 इन्वेस्टर्स शामिल है अभी जानते हैं कंपनी के रेवेन्यू के बारे में मार्च 21 2030 तक कंपनी का टोटल रिवेन्यू 125 करोड़ था अब जल्दी से जान लेते हैं कंपनी के फ्यूचर के बारे में एक को का फ्यूचर ब्राइट है कौन वायरस कि स्पेन ने में के बाद ज्यादातर.
लोग ऑनलाइन ही कम खर्चे में इन्फ्रेंस खरीदना पसंद करेंगी और आंखों का जो सर्विस से बहुत ज्यादा बेहतरीन है इसका कस्टमर फॉलो बहुत ज्यादा अच्छा है तो कस्टमर का जो रिटेंशन रेट है वह Bigg Boss ज्यादा है तो आपको यह वीडियो कैसा लगा कमेंट जरूर करें अगर वीडियो अच्छा लगा तो लाइक करें और शेयर करें अपने दोस्तों के साथ मिलते और एक नए वीडियो में जहां पर और एक ने एक.
कंपनी के बारे में थोड़ा कस्टडी हो जाएगा आपको थोड़ा नॉलेज मिल जाएगा और मेरे को भी थोड़ा भी उसमें आ जाएंगे तो मिलते हैं और एक-दूसरे धमाका वीडियो के साथ तब तक के लिए