भैया अन अकेडमी तो गयो यह जितने भी एटक कोविड के टाइम प फुदक रहे थे बिलियंस ऑफ डॉलर्स का वैल्युएशन ले रहे थे आज उनका पसीना छूट गया और रिसेंटली लास्ट 12 महीने में ना तो इन्हें कोई फंडिंग मिल रहा है उनके लॉसेस कंट्रोल में नहीं आ रहे हैं और अनअकैडमी में तो भैया तीन इंपॉर्टेंट लोग भाग के निकल गए सबसे इंपॉर्टेंट अगस्त में उनका चीफ ऑपरेशंस ऑफिसर भाग गया नवंबर में.

उनका सीएफओ था जो फाइनेंस और कंप्लेंट संभल रहा था वो भाग गया और 2024 में उनका कोफाउंडर था जो सीटीओ था टेक्नोलॉजी संभलता था वो भी रिजाइन करके भाग गया इतने हाई लेवल के लोग अनअकैडमी को क्यों भाग के छोड़ रहे हैं क्या अनअकैडमी बाईजूस के जैसे डूबेगा बर्बाद होगा सरवाइव करेगा और अन अकेडमी इतना बड़ा बना कैसे भाई 228000 करोड़ रुपए का सपना कैसे देखा 3.3 बिलियन.

डॉलर का वैल्यूएशन कैसे किया वो भी 9 साल के जर्नी में ये वीडियो में देखते हैं वीडियो स्टार्ट करने से पहले मैं हूं बसेज वाला आपका बिजनेस ग्रोथ मेंटर आपका इन्वेस्टर और मेरे नमस्ते स्वीकार करिए मेरे तरफ से आप सभी को जय श्री राम जय जिनेंद्र [संगीत] तो चलिए शुरू करते हैं भाई यह कंपनी कैसे.

स्टार्ट हुई 2010 में गौरव मुंजाल एक छोटी सी वीडियो कंप्यूटर ग्राफिक्स के बारे में बनाते हैं और youtube1 वीडियो से लगभग 10 साल बाद 28000 करोड़ से ऊपर की कंपनी बन जाएगी ऑफिशियल बात करते हैं तो 2015 में अनअकैडमी के कहानी पर विचार हुआ यह था वह समय जब एक छोटी सी आइडिया ने एजुकेशन सेक्टर को बदलने का सपना देखा हर स्टूडेंट को बेस्ट.

एजुकेशन प्रोवाइड करने का सपना अफोर्डेबल तरीके से और लास्ट माइल डिलीवरी चाहे वह देश के किसी भी कोने में हो youtube-dl होगा एक इनडायरेक्ट मार्केट प्लेस और पढ़ाई का नया तरीका शुरू हो होता है गौरव मंजन इतना बड़ा सपना अकेले नहीं देख रहे थे उनके साथ थे हेमेश सिंह जो उनके पहले भी बाटन रह चुके थे हेमेश सिंह और गौरव मुंजाल ने अनअकैडमी से पहले फ्लैट.

चट को फाउंड किया था फ्लैट चट एक रियल एस्टेट के सेक्टर में काम आने वाला ऐप था इन दोनों ने इससे अच्छा खासा ग्रो किया फंडिंग भी ली और कुछ समय बाद 2014 में इससे कॉमन फ्लोर ने एक्वायर कर लिया और इनको अच्छा एग्जिट मिला अच्छे पैसे मिले और इसके बाद उन्होंने सोचा कि भाई टेक्नोलॉजी में कुछ करते हैं और अन एकेडमी का जन्म हुआ हिमेश सिंह और गौरव मुंजल.

काफी तो थे ही पर इनके टीम को चार चांद लग गया जब रोमन सेनी ने एंट्री मारी अब कौन है भाई ये रोमन सोनी रोमन सेनी है एक इंटेलिजेंट जीनियस 16 साल की उम्र में ये उम्र में जब लोग एग्जाम देते इसने एम्स क्लियर कर दिया और इसके बाद वहां पे रुक नहीं 21 साल की उम्र में यूपीएससी क्रैक कर लिया आईएएस की नौकरी कर रहे थे जब गौरव मुंजाल रोमन सैनी को मिले उनके दोस्ती हुई.

तो उन्होंने बोला भाई तुम इतने जीनियस हो थोड़ा एंटरप्रेन्योर ने अनअकैडमी पर कॉम्पिटेटिव एग्जाम के लिए टिप्स देना शुरू किया फिर धीरे-धीरे उन्हें रियलाइफ हुआ कि कंपटीशन के लिए तैयारी करने में कोचिंग लेने वालों और असल में एग्जाम देने वाले बच्चों में जमीन आसमान का फर्क है तो बस वो फर्क उन्हें दूर करना था और अपने आईएएस की जॉब.

छोड़ के वो जॉब जिसके लिए लाखों बच्चे रोज सुबह शाम लड़ते हैं झगड़ते हैं स्ट्रगल करते हैं मेहनत करते हैं उसे एक सेकंड में छोड़ के गौरव मुंजाल और हेमेश सिंह के साथ जुड़ गए और उसके बाद ये तीनों दोस्तों ने एक ही मिशन पे काम किया कि एजुकेशन को एक्सेसिबल अफोर्डेबल हाई क्वालिटी बनाना है और खुद की कंपनी को एक यूनिकॉर्न एक बड़ा सोच लेके बड़ा कंपनी बनाना है.

उन्होंने सोचा क्यों ना ऐसे टीचर्स को जोड़ा जाए जो स्टूडेंट्स के लिए रोल मॉडल्स बन सकते हैं जो सिर्फ किताब से नहीं पढ़ाते बाकी इंस्पायर करते हैं प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस देते हैं कुछ ऐसे इनोवेट आईडिएशन करते हैं कि एंगेजमेंट बढ़े और लोगों को पढ़ाई में दिलचस्प आए अनअकैडमी के फाउंडर्स की सोच वक्त से बहुत ही अलग थी बहुत ही आगे थी इसलिए उन्होंने.

देख लिया था कि आने वाले टाइम में ऑनलाइन पढ़ाई ऑनलाइन क्लासेस सब चल सकता है पर विरोधी तो हर जगह होते हैं शुरुआत में चैलेंज आए लोगों ने बोला ऑनलाइन कौन पढ़ता है वो कनेक्ट नहीं मिलता वो मजा नहीं आता वो वाइब नहीं आता लोग बच्चे एक्सेप्ट नहीं करते और ना जाने क्या-क्या नेगेटिविटी आई पर दुनिया की बातें तो भाई साहब एक कान से सुनो और दूसरे ने निकाल के फेंक दो ये.

तीनों दोस्तों ने यही किया दिन-रात काम किया स्टूडेंट्स को समझाया उन्हें डेमो दिया अच्छा एक्सपीरियंस दिया और वह एक्सपीरियंस के कारण जब स्टूडेंट्स ने भी समझा कि नहीं हम इसे समझ सकते हैं उनको अच्छे रिजल्ट मिले वो एंट्रेंस एग्जाम्स क्रैक करने लगे तब अनअकैडमी का बिजनेस मॉडल सेद हो गया और वो इतना बढ़िया पढ़ा रहे थे उनके सक्सेसर इतना सारे थे कि ऐप.

लॉन्च के 2 साल में ही यानी 20177 तक 10 लाख से ऊपर बच्चे अनअकैडमी के साथ जुड़ गए थे 40000 से ऊपर क्लासेस लॉन्च हो चुकी की थी और आने वाले 3 साल में यानी 2020 तक अनअकैडमी एक यूनिकॉर्न बन गया 2022 तक कंपनी का 3.3 बिलियन डलर 28000 करोड़ का वैल्यूएशन बन गया यानी 8 साल की जर्नी में इतना बड़ा कंपनी बन गया 2022 तक सा 65 लाख एक्टिव सब्सक्राइबर्स थे अनअकैडमी के और.

आज के तारीख में 1.3 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं 100000 से ज्यादा एजुकेटर्स ट्रेनर्स मेंटर्स फैसिलिटेटर्स इनके साथ जुड़े हैं यानी कि सिर्फ स्टूडेंट्स का भला नहीं हुआ लेकिन वो एजुकेटर्स जो एजुकेशन को अच्छे से कम्युनिकेट करके समझा सकते हैं उनका भी भला हुआ धीरे-धीरे ट्रस्ट बैठा बिजनेस मॉडल सक्सेसफुल हुआ और कॉम्पिटेटिव एग्जाम जैसे कि कैट जेईई एनटी.

यूपीएससी सीबीएससी पर्सनल डेवलपमेंट ये एग्जाम के बिजनेस मॉडल्स के लिए टॉप एजुकेटर्स मिले लोगों को रिजल्ट मिला और सभी ने इंप्रेस होके अनअकैडमी का साथ दिया इंडिया में जो सस्ता है और हाई क्वालिटी है वो धूम लगा के बिकता है फीज इतनी कि हर स्टूडेंट अफोर्ड कर सके जैसे एक रेवोल्यूशन आ गया हो एजुकेशन के सेक्टर में और स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप.

माइक्रोसॉफ्ट फन के साथ नए सोच के साथ मिलियंस ऑफ स्टूडेंट्स ने एनरोल किया ऑनलाइन लर्निंग को अडॉप्ट किया और अनअकैडमी ने अपने मिशन को और ज्यादा मजबूत किया और यह साबित किया कि डिजिटल लर्निंग पॉसिबल है और शायद इसका फ्यूचर है बाय जूस वेदांत खान एकेडमी कोई भी हो या फिजिक्स वाला हो अनअकैडमी ने अपने कंपट र्स को भी टफ फाइट दिया और साथ.

ही साथ जैसे उन्हें फंडिंग मिलते गए बहुत सारे छोटे-छोटे एक्विजिशंस किए स्विफ्ट लर्न स्पे कोट शफ और बात करें unacademy.com है कुल मिलाकर रेवेन्यू के बहुत से सोर्सेस हैं बट कंपनी इस वक्त लॉस में चल रहा है और रिकवर करने के लिए ट्राई कर रहा है लेकिन 2023 में फंडिंग विंटर आता है नया फंड रेज नहीं होता बाज एक और पे पागलो.

जैसा एक्वायर करता रहता है और एक दिन जब उसे फंडिंग नहीं मिलता तो सैलरी चुका नहीं सकता उनके बिजनेस मॉडल में लॉन्ग टर्म सस्टेनेबिलिटी था नहीं अनअकैडमी ने बहुत स्मार्टली कॉस्ट कटिंग करना चालू कर दिया और कॉस्ट कटिंग के कारण प्रेशर बढ़ा दिया कि खर्चे कम करो एफिशिएंसी पे काम करो और यही कारण था कि भाई अगस्त 2023 में अनअकैडमी के सीओओ विवेक सिन्हा ने अपना.

रेजिग्नेशन दे दिया कि यहां पे आप बहुत स्ट्रिक्ट हो रहे हो हमें ग्रोथ नहीं दिख रहा नवंबर 2023 में उनका सीएफओ सुब्रमण्यम रामचंद्रन ने भी अपने पेपर्स दे दिए और नोटिस पीरियड दे दिया और 2024 में सबसे इंपॉर्टेंट हेमेश सिंह साहब जो उनके सीटीओ थे कोफाउंडर थे उन्होंने भी रिजाइन किया बट क्या ये एक बैड साइन है बैड साइन नहीं है मैं आपको बताता हूं क्यों अनअकैडमी को.

जैसे पता चला फंडिंग विंटर आ रहा है उन्होंने कॉस्ट कटिंग किया आज के तारीख में उनके बैंक में 800 करोड़ है और 4 साल का रनवे है रनवे बोले तो 4 साल वो खर्चा संभाल सकते हैं करंट रेवेन्यू रेट पे यानी 4 साल तक अगर उन्हें फंडिंग नहीं मिला तो भी वो अपने एंप्लॉयज मार्केटिंग और ऑपरेशंस पे खर्चा करके सरवाइव कर सकते हैं और उनका प्रेडिक्शन है कि अगले 12 महीने.

में वो और कॉस्ट कटिंग करेंगे एफिशिएंसी पे और प्रेशर लाएंगे रेवेन्यू को बढ़ाएंगे और अपने रनवे को 8 साल का करेंगे इमेजिन करो मैं हमेशा बोलता हूं कि ती महीना 6 महीने का वर्किंग कैपिटल होना चाहिए अनअकैडमी के पास आज 4 साल का है और एक साल के अंदर 8 साल का बैकअप वो खड़ा करेंगे और सीटीओ साहब ने रिजाइन किया लेकिन कंपनी का हाथ नहीं छोड़ा उन्होंने रिजाइन किया अपने.

खुद का स्टार्टअप करने के लिए अब उनको उम्मीद है कि अनअकैडमी एक ऐसे लेवल पे आ गया जहां पे वो ऑटो मोड पे स्केल हो सकता है अब उसे छोटे बच्चे की जैसे मां-बाप का सहाय का जरूरत नहीं है लेकिन वो एडवाइजरी टीम में जरूर रहेंगे ऑडिट करेंगे और एडवाइजरी बनके कंपनी को नेक्स्ट लेवल तक लेके जाएंगे तो अन अकेडमी का ये स्टेलर ग्रोथ बहुत ही अच्छा है 10000 फैकल्टी.

मिलियंस ऑफ स्टूडेंट सेंसिबल रेवेन्यू मॉडल और उनके पास फंड का कैश फ्लो का प्लानिंग है मुझे लगता है अनअकैडमी सरवाइव करेगा बाय जूस भले बर्बाद हो जाए अनअकैडमी इज हियर टू स्टे और एक अफोर्डेबल क्वालिटी ऑनलाइन एजुकेशन सबके लिए ला रहा है आपके क्या विचार है कमेंट में जरूर बताना और इस ही बिजनेस

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