हेलो दोस्तों स्वागत है आपका स्टॉप टॉक्स के वीडियो में दोस्तों जब भी हम इलेक्ट्रिक स्विच की बात करते हैं तो मोस्टली हमें माइंड में एंकर का नाम जरूर आता है और अगर आप आपके सराउंडिंग्स में देखोगे तो कहीं ना कहीं आपके घर ही ऑफिस में एंकर का कोई ना कोई ट्विस्ट जरूर लगा होगा एंकर कंपनी की शुरुआत 1963 में गुजराती बिजनेस मैन डैमेज भाई शान है ₹500.

का लोन लेकर की थी आज एंकर के पास इंडिया का 50% से भी ज्यादा मार्केट शेयर है और कंपनी इंडिया में 100 से भी ज्यादा टाइप के प्रोडक्ट मैन्युफैक्चर करती है और एवं एक्सपोर्ट भी करती है तो हम जानेंगे कैसे दामजी भाई शान है ₹500 के लोन से ₹2000 करोड़ का ब्रांड खड़ा कर दिया और ऐसे कौन से स्ट्रेटेजी थी जिसकी वजह से उन्होंने इंडिया की इलेक्ट्रिक मार्केट पर 40 सालों.

तक राज किया तो बिना आपको और मेरा समय वेस्ट किए हुए चलिए शुरू करते हैं [संगीत] 6 साल के द तभी उनकी पुरी फैमिली मुंबई शिफ्ट हो गई भाई को बचपन से ही डॉक्टर बन्ना था तो उनके हाईएस्ट स्टडीज कंप्लीट होने के बाद रामजी भाई ने साइंस में एडमिशन लिया दाऊजी भाई पूरे दिन स्टडी करते हैं और शाम को अपने पापा की दुकान पे.

हेल्प करने जाते राम जी का बिजनेस में काफी इंटरेस्ट बढ़ गया था उन्होंने कई बार सोचा की मैं पढ़ छोड़ के कोई बिजनेस स्टार्ट कर दो लेकिन उनकी पढ़ में बहुत सारा पैसा इन्वेस्ट हो गया था और बिजनेस के प्रॉपर नॉलेज ना होने के कारण उन्हें स्टेप काफी रिस्की लगा तो उन्होंने इसे इग्नोर करते हुए अपने साइंस की पढ़ कंटिन्यू राखी एक बार राम जी की तबीयत.

बहुत ज्यादा खराब हो गई हालत इतने बुरे हो गई ट्रीटमेंट के लिए हैदराबाद लेके जाना पड़ा राम जी को हैदराबाद में 1.5 महीने के लिए एडमिट किया गया इसी बीच और उनके भाई यादव जी ने डिसाइड किया की वो अपने स्टडी छोड़ के खुद का बिजनेस स्टार्ट करेंगे हॉस्पिटल से बाहर आते हैं दोनों भाइयों ने अपने स्टडी क्यूट कर दी और अपने पापा और अंकल से पैसे लेके.

कंपनी स्टार्ट की इस कंपनी में दोनों भाई प्लास्टिक के बोल बनाते द की कैबिनेट से ज्यादा दिन चल नहीं पाई कंपनी स्टार्ट होने के 3 महीना के अंदर ही बिजनेस में बहुत सारा लॉस होने लगा लॉस इतना बढ़ गया की दोनों भाई अपने वर्कर्स की पेमेंट भी नहीं कर का रहे द फाइनली केवी इंडस्ट्रीज एक साल के अंदर बंद हो गई बिजनेस बंद होने की वजह से damshi के ऊपर.

बहुत ज्यादा कर्जा हो गया था और दूसरी तरफ दम जी के अंकल ने उन्हें फ्यूचर में कोई भी इन्वेस्टमेंट देने से माना कर दिया था अगर दम जी की जगह और होता तो वो ऐसे टाइम में गिव अप कर देता लेकिन राम जी ने ठीक उसका उल्टा किया उन्होंने खुद का नया बिजनेस स्टार्ट करने का विचार किया उसे समय इंडिया में इटालियन की बहुत ज्यादा डिमांड थी और 80% से भी ज्यादा स्विच चीज.

इंडिया में एक्सपोर्ट किए जाते द तो इसे एक अच्छा मौका देखते हुए दम जी ने स्विचस बनाना चालू कर दिया और यहां से शुरुआत होने वाली थी इंडिया के सबसे बड़े स्विस मैन्युफैक्चरर की तो लिए दोस्तों जानते हो तीन स्ट्रैटेजिस जिसकी वजह से एंकर बन गया इंडिया का सबसे बड़ा स्विच मेकिंग ब्रांड स्ट्रेटजी नंबर वैन ब्रांड बिल्डिंग अपने शुरुआती दिनों.

में रामजी स्विचस बनाकर हॉर्स को बेचते द और पैसा कमाते द एक दिन नाम से अपने रेगुलर कस्टमर रसिक भाई से मिले रसिक भाई दम जी के उसे वक्त के सबसे बड़े कस्टमर द उन्होंने राम जी को बोला की इस बार जवाब स्विच भेजो तो उसमें को ब्रांडिंग करके भेजना तो दामाद रसिक भाई को जक्कम ब्रांड नाम से स्विचस भेज दिए और एक महीने के अंदर ही रसिक भाई की स्विच की सेल दो गुना.

हो गई तो यहां से रामजी को आइडिया आया की मार्केट में स्विच के मैन्युफैक्चर तो बहुत है लेकिन वो पार्टिकुलर ब्रांड नहीं है तो उसके बाद राम जी ने अपनी कंपनी को रजिस्टर करवा दिया एंकर इलेक्ट्रिक के नाम से और अब मार्केट में एंकर स्विच के एंट्री हो चुकी थी स्ट्रेटजी नंबर तू क्वालिटी प्रोडक्ट जहां एक तरफ सारे स्विच में कट एवरेस्ट स्विच बनाते द रामजी भाई.

ने अपने ब्रांड वैल्यू क्रिएट करने के लिए पियानो स्विच मार्केट में इंट्रोड्यूस किए बाकी स्विच के मुकाबला है इस स्विच की क्वालिटी काफी बढ़िया थी और प्राइस में भी काफी डिफरेंस नहीं था और काफी कम समय में ये स्विच लोगों को पसंद आने लगे और राम जी भाई के सेल्स में काफी बड़ा जंप आया स्ट्रेटजी नंबर थ्री कोलैबोरेशन टारगेट था की उनका स्विच इंडिया के हर घर.

तक पहुंचे और इस चीज में उनकी हेल्प एक ही इंसान कर सकता था डिस्ट्रीब्यूटर्स दामजी भाई को पता था की उनका बिजनेस स्केल करने के लिए डिस्ट्रीब्यूटर काफी इंपॉर्टेंट है तो उन्होंने पर्सनली हर एक डिस्ट्रीब्यूटर से मीटिंग की रामजी भाई इंडिया के हर छोटे-बड़े डिस्ट्रीब्यूटर से मिले और उनकी प्रॉब्लम्स पूछिए तो उनमें से काफी डिस्ट्रीब्यूशन उनको बताया की आपका ब्रांड.

काफी बढ़िया है सेल्स भी काफी बढ़िया है लेकिन डिस्ट्रीब्यूटर के लिए प्रॉफिट काफी कम है तो फिर दाने डिसाइड किया उन्होंने खुद का प्रॉफिट कम करके डिस्ट्रीब्यूटर के लिए प्रॉफिट बढ़ा दिया और ऐसे करते-करते तीन साल के अंदर राम जी का टर्नओवर डेढ़ करोड़ हो गया और 2001 तक कंपनी का एनुअल टर्नओवर 1100 करोड़ से भी ज्यादा हो गया और उसके बाद राम जी ने काफी नए नए बिजनेस.

में एंट्री ली फॉर एग्जांपल वायर लाइट्स फैंस और 2007 में जापानी इस कंपनी पैनासोनिक ने एंकर को 2000 करोड़ में खरीद लिया रामजी भाई की स्टोरी से आपको अगर कुछ भी सीखने को मिला हो तो नीचे कमेंट करके जरूर बताना और अगर वीडियो पसंद आए तो लाइक कीजिए और चैनल को सब्सक्राइब कीजिए

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