कि इंडियामार्ट कैफ बन गया वर्ल्ड कप दूसरा सबसे बड़ा b2b मार्केटप्लेस आज के इस वीडियो में हम लोग करने वाले इंडियन मटका फेस्टिवल इंवाइट कंपनी कैफे शुरू हुई क्या-क्या चेंजेस इंडियन स्मार्ट को बड़ा करने में दिनेश अग्रवाल को एंड ओवरऑल बिजनेस कैसा परफॉर्म कर रहा है Twitter के है बिजनेस और बहुत सारी चीजें तो अगर आप इंडियामार्ट से प्रभावित है इंडिया के.

बिजनेस मॉडल को समझना चाहते तो यह बड़ी होने वाला बहुत खराब क्योंकि यह है इंडिया मार्ट कंपनी का कंप्लीट बिजनेस के फेस्टिव वीडियो को लास्ट तक जरूर से जरूर देखें हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम है का आप देख रहे हैं कलाम कि एंड अगर इंडियामार्ट की बात करें किया था दिनेश अग्रवाल और बृजेश अग्रवाल दोनों गठन रॉ मिल्क कंपनी स्टार्ट कर ली.

थी 969 समय में 15000 इंटरनेट इंटरनेट यूज करें अगर अग्रवाल की कंपनी के तो उन्होंने अपनी पढ़ाई जो है वह इंजीनियर कंप्लीट करने के बाद वह सी कंपनी में जॉब के युद्ध किया उन्होंने के बाहर काम करने में यह वीडियो को स्टार्ट कर दो है तो इसमें जो बेफिक्र रिक्वायरमेंट है वह आपको जो भी बेसिक टेक्नलॉजी उसमें यह आपको पता होना चाहिए तो उन्हें वह पता था.

वह एयरटेल उन्होंने काम किया टीसीएस में काम किया तो उनको पता था कि कैसे इंटरनेट बेस्ड बिजनेस काम करते हैं और दो उसे मीटर देखे इंडिया में कैलीबरेशन नहीं था लेकिन वह यूएस में काम कर रहे थे वह देख रहे हैं यह इसमें कैफीन यह इंटरनेट बेस्ड बिजनेस बढ़ रहे इंटरनेट पेनिट्रेशन हो रहा है इंटरनेट लोग यूज कर रहा है तो उनके जैसे विजनरी के चलते ही डेमो इंडिया वापस आया.

तो उन्होंने ऐसा सोचा कि ऐसा विजन रखा कि मतलब इंडिया में भी ऐसा हो सकता टीसीएस और एचसीएल में जॉब करने के बाद जो इंडिया जब रिटर्न है 1995 में तब उनको कोई अपना बिजनेस स्टार्ट करने का मन था 1995 में तो वह अपने दोस्तों के साथ बात करते थे तो एक दोस्त तूने सेलेक्ट किया कि आप कोई डायरेक्टरी बनाता उनके दिमाग में क्लिक किया कि इंपोर्टेंट फॉर एक्सपोर्टर्स की.

एक डायरेक्टरी बनाते हैं कैसा ऑनलाइन डायरेक्टर जहां पर इंपोर्टर एक्सपोर्टर किन फॉर हों तो यह बहुत कमाल का आईडिया हो सकता है तो इसको लेकिन वह कमेंट के पास में कमेंट परमिशन के लिए यह बात है लाइफ इन फ्रांस की लव लाइज इन थे फैक्ट विच टाइम कुछ भी काम करने लगा बहुत पर लाइसेंस लेना पड़ता है और वह तो ऑनलाइन बिजनेस करना चाहते थे.

डिजिटल बिजनेस करना चाहते थे नाइट शिफ्ट में तो वह तो मतलब बहुत ही मुश्किल था क्योंकि बहुत लिमिटेड लोग तेनजिंग को पता था कि हम ऐसा कोई बिजनेस हो भी सकता है तो जाहिर सी बात हमको लाइसेंस मिला नहीं तो फिर उसने सोचा और क्या कर सकते हैं तो उन्हें चेक तो नॉर्मल डायरेक्टरी बनाते इंडिया लोकल बिजनेस की इंडिया के लोकल बिजनेसेस की डायरेक्टर ने बनाने की सोची.

उन्होंने लिस्टिंग आफ इंडिया के हमारे जो नॉर्मल उनको अपने प्लेटफार्म पर बनाने के लिए आप अपने प्लेटफार्म पर पिछली होता था तो इंटरनेट इंटरनेट तक फैल गया था और अमेरिका की डिमांड थी करें मीडियम आंच पर जाते थे इंडियन मार्केट ट्रूल्य से कनेक्ट करके ऑर्डर प्लेस करते थे और जो दिनेश अग्रवाल जी हैं वह क्या करते थे उनकी पूरी फैमिली स्पेसिफिक हो.

क्या करते थे जब भी कोई आर्डर लग रहा था तो उसको बोलो प्रिंट करते थे प्रिंट करने के बाद इन इलाकों में भर के उसमें मेनली पोस्ट करते थे तो वह कितना मुश्किल कितना मतलब डिफिकल्ट फॉर उस टाइम जिस टाइम अग्रवाल जी ने स्टार्ट किया था एंड कितना मुश्किल यह सारी चीजें मैनेज करीब थे जब इंडिया में लॉन्च हुई थी 1975 में तब कंपनी का टैग लाइन था ग्लोबल गेटवे टू.

इंडियन मार्केट प्लेस मतलब कि वह चार थे कि इस के थ्रू जो है कि बाहर के लोग एवं इंडिया में स्ट्रेट कर पाएं इंडियन ट्रेडर्स फिर जुड़ है तो उनका यह सपना सक्सेसफुल भी हुआ लेकिन 2001 में जब तो आपको यह अटैक हुआ था अमेरिका पर तो उस टाइम क्या अमेरिका मे बैन लगा दिया और ट्रेड फेयर बाहर की कंट्री जो भी स्ट्रेट कर रहे थे अमेरिका में उस पर सारा पर बैन.

लगा दिया और फंगस से ज्यादा एयरक्राफ्ट हुआ तो उसे इंडिया मार्ट हुआ था तो इसके चलते उनका जो बिजनेस बहुत जा तरफ अथवा और उनको बहुत ज्यादा नुकसान भी झेलना पड़ा लेकिन कहते हैं ना कि जो को फिट करने वाले लोगों तक अपनी लोग होते हो कभी हार नहीं मानते हैं दिनेश अग्रवाल जी भी फेंट है उन्होंने बिल्कुल भी हार्ड नहीं माना इस शीट है कि अपने इंडिया का.

मार्केट भैया ग्रो कर चुका है इंडिया में इंटरनेट यूजर्स आफ बढ़ाएं धीरे-धीरे और यह तेजी से बढ़ेगा है तो उन्हें इंडिया के ही बार फिर इसको कनेक्ट करने का प्लेटफॉर्म डेवलप किया जाए तो उन्होंने अपना प्लेटफॉर्म को फिर से अपडेट किया और इंडिया के ही लोकल बायर फॉर लोकल फ्लेवर कनेक्ट करने का उन्होंने जो है कि एक विजन देखा और उस विजन परवल काम करने लगे उस.

वक्त कंपनी का फादर एक्सप्लेनेशन के लिए दिनेश अग्रवाल जी ने 2007 2008 में तीन मिलियन डॉलर की फंडिंग ली और तो बहुत हार्ड वर्किंग मैन है मैं इसलिए बोल रहा हूं कि 19th बिजनेस स्टार्ट किया बच्चा है तो उस टाइम भी मतलब की फंडिंग वगैरा ले सकते थे और 2001 में ले सकते हैं जब उनको प्रॉब्लम हुआ लेकिन जब उनको लगा कि हां कंपनी का नेक्स्ट लेवल ले जाने की जरूरत.

है एंड कंपनी मेरा पूरा फर्स्ट ने बल है तब जरूर 2008 में फंडिंग के लिए लूंगा क्वांटम मिलियन डॉलर की फंडिंग उन्होंने मिठाइयों के बाद कुछ और फंडिंग एंड लास्ट मुझे बहुत खुशी है कि जो इंडिया इंडियन प्रोडक्ट्स वर्ल्ड का दूसरा सबसे बड़ा भी मार्किट से अगर बात करें तो लाख से ज्यादा प्रोडक्ट्स कितने जुड़े हुए हैं कितने लोग दिल्ली के थ्रू अपना जो है कि कनेक्ट हो.

और एक बात और आपको हैरानी होगी कि बहुत कम ही में कंपनी का मतलब नहीं है जो किसी बैंक से कर्ज लेकर कंपनी कंपनी मतलब स्कूल भी नहीं की थी कि कंपनी को लिस्ट कि है तो फिर मार्केट में भी एनी फीयर बीएससी में भी इंडिया नॉट लिस्टेड है वह वक्त डांस परफॉर्मेंस पिछले बोल रहा हूं तिलक है जब स्टार्ट हुई थी यह कंपनी लिस्ट हुई थी बेनिफिट पर तब लोग 13 14 साल के.

आसपास कंपनी रीड कर रही थी इतना प्रॉब्लम चल रहा है फिर भी जो कंपनी है वह 50 रिकॉर्डिंग विडियो में कंपनी ने सब्सक्राइब नहीं किया हो तो फ्रेंड्स दिनेश अग्रवाल से हमें यह करने के लिए मिलता है कि बिजनेस की ग्रोथ के लिए जो है वह बहुत इंपोर्टेंट है स्टार्ट किया था 2001 में बम ब्लास्ट हुआ था आपको में हुआ था उस टाइम बहुत प्रॉब्लम था उनको बहुत.

बड़ा चैलेंज करना पड़ा है क्विन फॉरेन एक्सचेंज के ऊपर वह डटकर मेहनत करते रहें एंड पेन फक्र f-35 व तो कंपनी पर चेंज करें और शेयर करें फी फी में कंपनी को ढक कर यह है कि यह कंपनी है वर्ल्ड की सबसे बड़ी ट्रेल मतलब पर लगे हुए हैं मेहनत करें किसी पर तो बिल्कुल नहीं होगा समय जरूर लगेगा टाइम लगेगा कि करने की तरह की तरह लेकिन सब्सक्राइब जरूर.

की स्टोरी स्टोरी स्टोरी कैसी लगी मुझे कमेंट करके जरूर पहुंचे कि अगर आपने मेरे चैनल को अभी तक सबस्क्राइब नहीं किया तो ऐसे इंटरेस्टिंग वीडियोज देखने के लिए चैनल को तुरंत सब्सक्राइब कर लीजिए मीनिंग आफ नेक्स्ट वीडियो में घर पर रहिए और अच्छे तरीके से शो मोर कर दो.

आज शाम को आधुनिक रूप से [संगीत]

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