हेलो दोस्तों आज हम बात करेंगे इंफोसिस कंपनी के बारे में कि कैसे इंफोसिस के फोल्डर मिस्टर नारायण मूर्ति ने अपने वाइफ से 10,000 तो मांगकर अपना बिजनेस स्टार्ट किया कैसे यह बिना कंप्यूटर 2 साल काम करने के बावजूद इंडिया की सेकंड लार्जेस्ट आईटी कंपनी है अपने घर को ऑफिसर के रूप में काम लेने वाले मिस्टर मूर्ति कैसे इंफोसिस के बिजनेस को दुनिया के 25200 तक.
ले गए तो यह सब जानने हमें इस वीडियो में डिटेल कैसिडी के साथ तो इस विडियो को अंत तक जरुर देखिएगा और इसी तरह नॉलेजेबल वीडियोस के लिए हमारे YouTube चैनल को सबस्क्राइब करके बेल आइकन जरूर पेश कर दें हेलो फ्रेंड्स मैं हूं जिनेंद्र स्वागत है आपका हमारे YouTube चैनल घरेलू ट्रिक्स पर मिस्टर नागौर रामाराव नारायणमूर्ति जो कि फैंस के पेरिस में जॉब करते थे लेकिन वह.
अपने जॉब से सेटिस्फाई नहीं थे तो उन्होंने 1973 में अपने जॉब से रिजाइन कर दिया और वापस इंडिया गए इंडिया में इन्होंने अपना बिजनेस प्लान किया और 1975 में इन्होंने कंसल्टिंग कंपनी स्टार्ट की सॉफ्ट और मिक्स करें 48 कंपनी में काम करने के बाद उन्होंने देखा कि कंपनी का बिल उसमें जा रही है तो उन्होंने इस कंपनी को बंद कर दिया इसके.
बाद निश्चय हो गई विशुद्ध मूर्ति के साथ परिवार का खर्च चलाने के लिए को काफी दिक्कतें आने लगी इसके लिए उन्होंने पाटनी कंप्यूटर सिस्टम्स टीसीएस में वे आईटी इंजीनियर जॉब करने लगे यहां भी अपने जॉब से सेटिसफाइड नहीं थे और इसी कंपनी के साथ कलीग्स के साथ इन्होंने कंपनी से डिजाइन कर लिया और अपना खुद का बिजनेस करने के लिए सोचने लगे लेकिन बिजनेस चलाने के लिए.
इनके पास पैसा नहीं था तो यह अपनी वाइफ विशुद्ध मूर्ति के पास गए और उन्होंने अपनी प्रॉब्लम्स उनको बताइए तो उनकी वाइफ विश्व राममूर्ति ने इनको दस हजार रुपए दिए अब इनके पास एक और प्रॉब्लम थी कि इतने महंगे ऑफिस का मैनेजमेंट यह कैसे करें तो इन्होंने अपने घर को ही ऑफिस बना लिया तो फाइनली 2 जुलाई 1981 को मिस्टर नारायणमूर्ति और उनके छह को पावडर मिस्टर.
नंदन नीलकणि एस गोपालकृष्णन एसडी शिबुलाल कि के लैब्स राघवन अशोक अरोड़ा ने मिलकर पुणे में ही अपने घर से इंफोसिस कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड की नीव रखी यह सारे फीचर्स कंपनी के यह प्लेट थे जो कि अकॉर्डिंग और आईटी एक्सपर्ट थे वे कंपनी की स्टार्टिंग 1981 में हो गई हो लेकिन उनको फर्स्ट कंप्यूटर मिला दो साल बाद यानी कि 1993 में उलझ टाइम पूरे.
कंप्यूटर को सपोर्ट करने में 2 साल लग जाते थे इसी तरह टेलीफोन एक्सचेंज को अरेंज करने में इनको एक साथ लग गया कुछ टाइम बाद इन्होंने अपना ऑफिस पुणे से बेंगलुरु शिफ्ट कर दिया 19वें इन्होंने कि यूएस कंपनी कुल सेलेब्स के साथ पार्टनरशिप की लेकिन यह पार्टनर से कुछ टाइम तक चली और खुशी टाइम भाग्य कलेक्ट हो गई इस कारण कंपनी को काफी ज्यादा लो हुआ और इंफोसिस.
अपने स्टार्टिंग पोजीशन पर वापस आ गई इस कारण इनके पांडेय अशोक अरोड़ा ने अपनी से रिजाइन कर दिया और कंपनी को बंद करने की नौबत आ गई लेकिन इस्टर्न नारायण मूर्ति ने है पौराणिक उन्होंने अपने रिश्ते को दुगना स्टार्ट किया और जो भी मिट्टी उनको इंप्रूवमेंट किया अपने स्टाफ को मोटिवेट किया और पूरी जान लगा दी कंपनी को वापस.
उठाने में 14जून 1993 को इंडियन शेयर मार्केट में कंपनी की आईपीओ ए लिस्ट कराई गई उस टाइम कंपनी का रेवेन्यू ओनली फाइव मिलीयन डॉलर था इस कारण कोई भी रोग इंटर शेयर करने के लिए इंटरेस्टेड नहीं थे इस कारण कंपनी का आईपीओ यानि कि इनिशियल पब्लिक आफरिंग थर्टी परसेंट अनसब्सक्राइब चला गया इसके बाद आई 11मार्च 99 जब अमेरिकन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने.
वाली इंफोसिस कंपनी इंडिया की फर्स्ट आईटी कंपनी जो 1992 को इंफोसिस कंपनी ने अपना नाम चेंज करके इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड कर दिया इसके बाद जून 2011 में वापस इन्होंने अपना नाम चेंज कर कर इंफोसिस लिमिटेड कर दिया आपको जानकर हैरानी होगी कि इनको अपना फर्स्ट वन बिलीयन कि रेवेन्यू जनरेट करने के लिए तेल 20 साल.
लग गए यानी कि 2004 में वह फाइनेंसियल ईयर ट्वेंटी-20 में इनका रेवेन्यू था हटीं विलियम्स डॉलर अगर हम बात करें इंफोसिस कंपनी क्या काम करती है तो यह आउटसोर्सिंग सर्विसेज और आईटी सर्विसेज अपने फैंस को प्रोवाइड करती है और सोशल सर्विसेज में कस्टमर सर्विस से रिलेटेड वर्क होते हैं जैसे कि कॉल सेंटर डाटा एंट्री टेक्निकल सपोर्ट सेल्स एंड मार्केटिंग सोशल मीडिया.
हीलिंग यह सब आईटी सर्विसेज की बात करें तो इसे हम एग्जांपल की जरूरत समझते हैं मान लीजिए आपको छोटा सा रेस्टोरेंट है आप उसे काफी इजीली मैनेज कर सकते हैं कि आपके पास कम स्टाफ और कम कस्टमर होंगे लेकिन टाइम के साथ आपका बिजनेस ग्रोथ करता है और अब आपके मान लीजिए एक से दस दस से 50 और 50 से 100 रेस्टोरेंट हो जाते हैं तो अब आपके सामने एक प्रॉब्लम होगी कि कैसे आप.
उन सो रेस्टोरेंट उनके इंप्लाइज कस्टमर इन्वेंटरी को इजीली मैनेज करें तो इन सब को मैनेज करने के लिए आपको इंफोसिस जैसी आईटी कंपनियों की जो लगेगी ड्रोस इंफोसिस आपको आईटी सर्विसेज प्रोवाइड करेगी जैसे कि आपके लिए आईटी एप्लीकेशंस हैं और वेबसाइट क्रिएट करेगी जिसे आप कॉफी इजीली अपने बिजनेस को मैनेज कर सकते हैं साथी मेंटेनेंस और आईटी.
सपोर्ट भी यह प्रोवाइड करेंगे आपको यह सारी सर्विसेज इंफोसिस 45 से ज्यादा एंट्रीज में प्रोवाइड करती है वर्ल्डवाइड इंफोसिस के 123 डेवलपमेंट सेंटर और बीएसई सेंसेक्स मार्केटिंग ऑफिसेज है इन्हें करीब ढाई लाख से ज्यादा एंप्लॉई हुआ करते हैं इंफोसिस का इंडिया हेड क्वार्टर है बेंगलुरु में वही यूजर डॉक्टर है ट्रीटमेंट कैलिफोर्निया में 2 जनवरी 2018.
से इंफोसिस कंपनी के सीईओ है सुनील पारीक आज इंफोसिस टीसीएस कंपनी के बाद में इंडिया के सेकंड लार्जेस्ट आईटी कंपनी है मैसूर में इंफोसिस ग्लोबल एजुकेशन सेंटर के नाम से इंफोसिस की वर्ल्ड की लार्जेस्ट ऑपरेट यूनिवर्सिटी है योगी 337 लेकर फैली हुई है जिसमें 200 क्लासरूम अवेलेबल है इस स्विमिंग पूल जिम प्राइवेट मल्टीप्लेक्स है यह सब फैसिलिटीज अवेलेबल है 1998 में.
उन रूरल डेवलपमेंट हेल्थ केयर और एजुकेशन के लिए इन्फोसिस फाउंडेशन की स्थापना की इस फाउंडेशन ने फ्रॉम डिफरेंट एरियाज में कई सारे मकान बनवाए पैसा डिपोजिट बनवाए इन्होंने कई सारी पब्लिक लाइब्रेरीज और हॉस्पिटल बनवाकर हेल्थ केयर और एजुकेशन सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए अपना योगदान दिया इस फाउंडेशन ने छोटे बच्चों के लिए मिड-डे-मील के लिए काफी हेल्थ कि वह साइंस.
और रिसर्च सेंटर में इन्होंने कई सारे अच्छे स्टूडेंट्स को प्राइज दिए तो दोस्तों यह इंफोसिस की सक्सेस स्टोरी इसी तरह के और मनोबल वीडियोस के लिए आप हमारे YouTube चैनल को सबस्क्राइब करके बेल आइकन जरूर प्रेस कर दें ताकि इसी तरह के वीडियो आपको मिलते रहें और नीचे कमेंट करके हमें बताएं इन नेक्स्ट वीडियो आपको किस टॉपिक पर चाहिए इस वीडियो को अपने फ्रेंड्स और.
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