गिव हैप्पीनेस फ्रॉम कैटिगरी ने इस शुभारंभ और कुछ मीठा हो जाए यह टैगलाइंस ऑफिस जरूर सुनी होगी दूसरी साइड टैग लाइन से कैडबरी कंपनी की और दोस्तों कि आप जानते हैं बैटरी कंपनी की शुरुआत लोगों मीठा खिलाने के लिए हुई थी उसकी शुरुआत हुई थी लोगों को दारू की आदत छुड़ाने के लिए इसके अलावा दोस्तों बताइए भारत में इतनी सारी मिठाइयां बनाई जाती है फिर भी.

लोग एक दूसरे को मीठे के रूप में कैडबरी क्योंकि ईस्ट करते हैं और दोस्तों कैडबरी के पास वह कौन से सेट है जिसकी वजह से मूलवंश ने जैसे बड़े-बड़े बैलेंस भी उनके सामने टिक नहीं पाते हैं इसके अलावा दोस्तों कि आप जानते हैं कि कैडबरी कंपनी की सक्सेस होने के बाद भी 2010 में एक टाइम ऐसा आया कि कैडबरी ने अपना ब्रांड एक कंपनी को बेच दिया और आज के टाइम में.

बैटरी उस कंपनी के नाम सेवन करती है दोस्तों कि आप जानते उस कंपनी का नाम क्या है अगर आप चाहें तो कमेंट बॉक्स में लिखकर बताइए और अगर आप नहीं जानते तो कोई बात नहीं इस विडियो को देख लीजिए तो चलिए दोस्तों फटाफट शुरू करते हैं आज का वीडियो फॉर कैटिगरी खेल देर कंपीटीटर नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है स्नेहा शर्मा और आज की वीडियो में हम बात करें और बड़ी कंपनी.

के बारे में दोस्तों अब जानते होंगे हर इंसान के पीछे कोई न कोई कारण छुपा होता है विकेट भरी जो है उसके पीछे एक अनोखा कारण छुपा था मैं आपको बता दूं कि टीम सेंचुरी की बात है उस टाइम पर अरविंद अ बहुत ज्यादा लोग दारू पिया कर देते और उसकी वजह से उनकी जान भी चली जाती थी तो दोस्तों ऐसे में वहां पर इंसान थे जिनका नाम जॉन कैडबरी यह पेशे से बिजनेसमैन थे.

तो उन्होंने सोचा यह लोग दारू पी के अपनी जान गंवाते हैं अगर इन लोगों के लिए कोई एसिडिटी बनाई जाए जो दारू से भी ज्यादा एक्टिव हो और साथ-साथ इसका टेस्ट बहुत अच्छा हो तो इन्होंने रिसर्च करने के लिए सबसे पहले क्या-क्या जो लोग दारू पीते हुए उनसे कुछ सवाल पूछे सबसे पहला सवाल का आप लोग आलू क्यों भी लें तो इनको जवाब मिला कि दारू में जबरदस्त नशा होता है इसको.

पीने के बाद हमारी जो भी प्रॉब्लम से उसको भूल जाते हैं और साथ ही साथ में स जो टेस्ट होता है वह बहुत ही अच्छा होता है फिर दूसरा सवाल हमने पूछा अगर मैं आप लोगों के लिए कैसी रिंग बनाऊं जो दारू से ज्यादा एक्टिव हो और साथ ही साथ में उसका टेस्ट भी अच्छा हो तो कि आप पीना पसंद करेंगे तो उन्होंने कहा जब बना लेंगे तब देखेंगे फिलहाल तो दारु पीने लीजिए और.

एंजॉय करने दीजिए उसके बाद में दोस्तों जॉन कैरी ने बहुत रिसर्च की और फाइनली 834 में कुछ इंग्रीडिएंट्स मिलाकर जैसे को पाउडर शुगर मेल सोड़ा प्लेयर्स इन सब मिलाकर प्रिंट नहीं और यह क्रीम बहुत ही जबरदस्ती इसका नाम रखा गया हॉट चॉकलेट उसके बाद में दोस्तों इस हॉटस्पॉट को मार्केट में लॉन्च किया गया और मार्केट में लॉन्च करने के बाद यह बहुत ज्यादा.

सक्सेसफुल हो गई क्योंकि जो लोग दारू पीना पसंद करते थे उन्होंने दारु पीना छोड़ कर हॉट चॉकलेट पीना पसंद कर दिया उसके बाद से जॉन कैरी ने अपने भाई के साथ मिलकर सिक्सटीन और लैंग्वेज में हॉट चॉकलेट तो बनाना शुरू किया यह क्रॉस सक्सेसफुल हुआ और वह तेजी से ग्रो करने लगे उसके बाद दोस्तों कुछ वक्त बीता फिर दोस्तों जॉन कैरी थे उनके दो बेटे थे जॉर्ज बैटरी उनके.

मन में ख्याल आया कि हमको मेज़ को बढ़ाना चाहिए क्योंकि दोस्तों उनका जो बिजनेस था उसके अंदर कोई भी कंपीटीटर आ सकते थे और साथ ही साथ में जो और चॉकलेट होगी उसको इनकी बनाकर लोगों सब करना पड़ता था उसको पहले से बनाकर रखा नहीं जा सकता था तो दोस्तों कुछ ऐसा बनाना चाहते थे जो रैली डू इट को और उसको लोग कहीं भी और कभी भी खा सके सूत्रों से एक बार की बात है जब.

हॉटस्पॉट बना रहे थे तो उन्हें हॉट चॉकलेट मुद्दे के लिए ठंडा होने के लिए छोड़ दिया तो उसके बाद में उसके ऊपर परत आ गई ठीक उसी तरीके से जैसे दूध क्यों पर आ जाती है चाहिए अगर आ जाती है कॉफी के ऊपर आ जाती है तो उन्होंने उस पर आपको किया तो यह रियल लाइफ हुआ की हॉट चॉकलेट से ज्यादा टेस्टी है तो दोस्तों यहां से उनके दिमाग में चॉकलेट बार का आइडिया आया उसके बाद.

में होने के क्या हॉट चॉकलेट को थोड़ा सा मॉडिफाई करके चॉकलेट बनाना शुरू किया और उसका नाम रख दिया कैडबरी डेहरी मिल्क चॉकलेट दोस्तों कि आप जानते हैं जिसका नाम मैरी मिल ही क्यों रखा इसके पीछे क्या रीजन है दोस्तों इसका आंसर मैं आपको देने वाला ऐसा वीडियो को देखते रहिए दोस्तों डेबिट नाम रखने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह था कि जो टारगेट ऑडियंस थी कुछ छोटे-छोटे.

बच्चे थे और दोस्तों अब जानते हैं कि डेयरी का जो दूर होता है उसको ज्यादा हल्दी माना जाता है एस कंपेयर्ड टो पैक दूध और दोस्तों बच्चों की ग्रोथ के लिए दूध बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है इसीलिए उन्होंने अपना नाम बदलकर और उस मैं आपको दो एडवर्टाइजमेंट है तो अपने फोटोस के अंदर ऐसा दिखाया जैसे कि दिल्ली के अंदर दूध की क्वांटिटी ज्यादा है ताकि मां को.

खरीदें और बच्चों को दे क्योंकि दोस्तों भले ही टारगेट ऑडियंस छोटे-छोटे बच्चे हो लेकिन बैंक डिसीजन तो बाबा के हाथ में होता है जब तक पेरेंट्स खरीदेंगे नहीं बच्चों को चॉकलेट मिल नहीं सकती और उसे आपको बता दूं आज भी फैब्रिक की जो रेसिपी है वह अमूल नेस्ले हर्ष ऐसी और बहुत सारी कंपनी से जो यूज करती है लेकिन फिर भी कैट पर अगर टॉप चॉकलेट फ्रेंड माना जाता है.

लेकिन यह सफर था यह इतना आसान नहीं था इनको के सफर में बहुत सारी नग्न और इतने बड़े-बड़े नियुक्त 1948 में कदम रखा और सबसे पहले उन्होंने छोटे-छोटे डिस्ट्रीब्यूटर्स से उनको अपना बना लिया उन्होंने प्रॉफिट मार्जिन देना शुरू किया जिसकी वजह से उनके प्रोडक्ट बेचने लगे लेकिन दोस्तों.

इंडिया के अंदर सबसे पहली कंपनी थी और जिसकी पाना बहुत मुश्किल था बहुत ही प्रॉब्लम से सामने आ रही थी वह सबसे पहली प्रॉब्लम थी कि बहुत सारी मिठाई मिठाई किसी को नहीं तो सबसे पहले लोगों को सबसे पहले 1948 में लांच किया और उसको ऐसा घृत.

प्रेसिडेंट किया जो कि बहुत अच्छा बहुत अच्छा लगा लेकिन दोस्तों फिर उसकी दाल नहीं कर रही थी उसके सामने जो हुआ था वह बहुत बड़ा बह गया था और वह थे डॉक्टर्स दोस्तों अब जानते होंगे इंडिया के डॉक्टर को भगवान माना जाता है और पत्थर की लकीर कहते हैं सामान खरीदना पसंद करते हैं यह देखिए एक कंपनी है जिसका घ्र घ्र.

कि अगर हम कभी कोई प्रॉब्लम होगी तो हम सबसे पहले से ही खरीदना चाहिए ठीक है उसी तरीके से घ्र तक आप लोगों को खरीदना पसंद करते हैं तो हो ही जाता है तो दोस्तों बहुत ही खराब होती है ही नहीं.

थे और उनके सामने एक और क्योंकि इंडियन मार्केट में स्विट्जरलैंड की चौखट अपनी गई जिसका नाम था नेक्स्ट लूट और दोस्तों आपको बता दूं स्विट्जरलैंड की चॉकलेट होती है बहुत ज़्यादा खाने में अच्छी होती है लोगों को खाना बहुत ज्यादा पसंद करते हैं तो दोस्तों ऐसे करते करते 1992 गया और भूकंप थी उसके से 50% तक गिर गए और 9483 को समझ.

में आ करें तो करें क्योंकि कोई भी कंट्रोल में नहीं थी तो उन्होंने सिर्फ मार्केटिंग का तरीका चेंज किया उन्होंने अपने टारगेट ऑडियंस को चेंज किया कि छोटे बच्चे थे उनको हटाकर उन्होंने बड़े कट करना शुरू किया क्योंकि दोस्तों अगर बड़े चॉकलेट खरीदेंगे तो खुद दिखेंगे और बच्चों को भी नहीं बनाई जिसके अंदर उन बच्चों को छोड़कर.

शुरू किया और तो यह है कि हर इंसान छोटा बच्चा होता है चॉकलेट अपने बचपन को याद कर सकते हैं फिर से सकते हैं तो दोस्तों के साथ शुरुआत की और उनके ऊपर था लेकिन दोस्तों इस पेड़ कर रहे थे उसके दोस्तों ने क्वेश्चंस फिर से गिरने लगे अब इसके पीछे.

कारण का नैक ले कंपनी ने लॉन्च करती थी किटकैट पॉकेट साइज में थोड़ी सी बड़ी थी खाने में लोग बहुत मजा आने लगा था लोक खरीदने लगे थे इसे कट तरीके से इस गिरने लगे थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी वह इस प्रिवेंट करते गए और उसके बाद में 1998 में उन्होंने एक और ट्वीट लांच कि जिस कैरेमल साथ नट्स आप बिस्किट से और टॉयलेट का नाम रखा जाए खैर पिकनिक मैं आपको दो.

इसके मार्केट में लॉन्च होने के बाद में फिट केसेस कम हो गए और उसके बाद में ऐड करेंगे इस वापस से बढ़ने लग गए और दोस्तों एड्रेस कम होता देखकर 99 एक नया प्रोडक्ट लांच किया जिसका नाम रखा मंच और दोस्तों मंच आने के बाद एक बार फिर से कैंसर के सेल्स कम हो गए क्योंकि दोस्तों मंच का जो साइज को काफी बड़ा था अब लोगों पर बड़ी साइज की जी सिम प्राइस मिलेगी तो लोग तो.

बड़ा ही रहना पसंद करेंगे तो यह चीज बैटरी को भी समझ में आ गई तो उन्होंने उसके बाद में क्या किया उन्होंने पर को लांच किया जिसका साइज मन से भी बढ़ाता और दोस्तों एक बार फिर से लोग ब्लडी मैरी की तरफ आने लगे और केडबरी नेस्ले को एक बार फिर से मात दी थी और दोस्तों उसके बाद में कैडबरी ने अपने बिजनेस को इस पॉइंट करने के लिए भी सर्च करना क्योंकि आप तो उन्हें रिसर्च.

में पाया कि जो इंडियन लोग होते हैं वह अपने कल्चर के लिए बहुत ज्यादा लो हैं और हमारे किचन में ऐसा होता है कि कोई भी शुभ काम करने से पहले मीठा खाना चाहिए तो दोस्तों ने 2010 में शुभारंभ कैंपेन को लांच किया और उसके बाद में 2011 में खाने वाले को खाने का बहाना चाहिए यह काम पर लौट आया और रैबिट केसेस फिर से बढ़ने लगे और दोस्तों अपने बिजनस पर एक पाठ करना.

चाहती थी तो उसने लोग ही साइकोलॉजिकल समझना शुरू किया अब देखिए कुछ लोगों को चॉकलेट खाना पसंद है इसलिए उन्होंने डेरी मिल्क सिल्क बना दी कुछ लोगों नेट वाली चॉकलेट खाना पसंद है तो उन्होंने सिगरेट चॉकलेट बना दी कुछ लोगों को स्विच ऑफ कर खाना पसंद है तो उन्होंने अपनी चॉकलेट बनाती थी तो दोस्तों उन्होंने लोगों की साइकोलॉजी को सबसे पहले समझा और उस हिसाब.

से थोड़ा को डिजाइन करके मार्किट में लेकर आए और आज के टाइम अगर आप देखेंगे तो उन्होंने मार्केट को अच्छा खासा कैप्चर कर लिया है पहले जो डेरी मिल्क 510 है 50 की मिलती थी अब वही रहेगा रुपए से लेकर 30 के बीच में मिलती है उसके बाद में दोस्तों उन्होंने सोचा कि अपने बिजनेस को और कैसे एक्सप्लेन किया जाए तो उन्होंने यहां दिखना शुरू किया तो उनको पता चला कि.

इंडिया का जो गिफ्ट मार्केट है वह काफी बड़ा है और आज के टाइम में आप देखेंगे तो कैट कोट 50 रूपए से लेकर 1000 तक गिफ्ट आइटमों को मिल जाएंगे और भी अलग-अलग प्रकार की पैकिंग में मिलेंगे अगर आपको प्लास्टिक पैकिंग में ही तो वह मिल जाएगा कागज की पैकिंग में ही वो भी मिल जायेगा इसके अलावा अगर आपको मेटल बॉक्स में ही तो वह भी मिल जाएगा उसके बाद में दोस्तों आ.

गया 2012 तब कैडबरी ने अपनी कंपनी को मोड नाम की कंपनी को बेच दिया और वह भी बेचैन $99 के अंदर अब दोस्तों हो सकता आम लोगों के मन में ख्याल आएगा कि कैंटर इतना अच्छा परफॉर्म करी थी इंडिया के तो इतने ग्रुप कर रही थी कि उनको बेचने की जरूरत क्यों पड़ी लेकिन दोस्तों इसके पीछे गैरिसन है वह मैं आपको बता देता हूं दोस्तों ऐसा करने से दोनों कंपनी को फायदा हुआ मॉडल्स.

को भी और साथ में बैटरी को भी सबसे पहले बात करते थे मॉडल्स की देखिए शोल्डर जो कंपनी है वह इंडियन मार्केट में एंट्री करना चाहती थी लेकिन आपको झाड़ू को भी फौरन की कंपनी अगर इंडियन मार्केट में विश्वास करना चाहती है तो इसको बहुत सारे डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत पड़ती है बहुत सारी प्रोसेस को फॉलो करना पड़ता है वहीं क्वालिटी होती है उसके बाद भी कोई भी यहां.

पर आकर बस कर सकता है रैंडमली कोई भी कंपनियां इन निवेश नहीं कर सकती तो मॉडर्न इंडियन मार्केट में एंट्री करना चाहती थी तो 1968 क्यों ऐसा किया कि क्वाइट कंपनी है उसको खरीद लिया जाए तो इससे क्या होगा उनकी डायरी एंट्री इंडिया के अंदर हो जाएगी इसके अलावा दोस्तों अगर कैट बल्कि फायदे की बात करें तो मैं आपको तो Monday जो है वह यूरोप की फ्लैगशिप.

कंपनी है और आपको जान देंगे यूरोप के अंदर बहुत सारी एंट्रीज है तो रेड्डी को ऐसा लगा कि अगर उनके साथ मिल जाते हैं तो उनका जो ब्रांड है वह नोबल लेवल पर बहुत बड़े फैन हो सकता है तो इसीलिए दोनों के लिव-इन रिलेशन क्रिएट हुई दोनों एक दूसरे के अंदर मिल गए और मैं आपको बता दूं कि इसके बाद में फैब्रिक का नाम भी चीज दिया गया और साथ-साथ में लोगों भी चेंज नहीं किया गया.

इसलिए दोस्तों आज के टाइम में बहुत सारे लोगों को पता ही नहीं है ऐसा कुछ हुआ भी था और साथ ही साथ में कैट बैटरी कंपनी के लिए मोटर्स कंपनी की हो चुकी है दोस्तों फैब्रिक की सेटिंग्स ऑब्जर्वेशन की कारण उन्होंने अमूल और नेशनल जैसे बड़े बड़े ब्रांड को पीछे छोड़ दिया है और आज के टाइम में कैडबरी इंडिया का बहुत बड़ा चॉकलेट ब्रांड है तो दोस्तों इस कहानी से.

हमें यह सीख सकते हैं कि हम जो भी विश्वास करते हैं तो सबसे पहले हम कमाई टारगेट ऑडियंस डिसाइड करना चाहिए और उसके बाद में यह देखना चाहिए कि हमें जो टारगेट ऑडियंस है उसकी बीवी के है उस हिसाब से थोड़ा को डिजाइन करना चाहिए और अगर हम वैसा कर वो तो हम भी शबरी के जैसे पूरे मार्किट में यूज कर सकते हैं उम्मीद है कि आपको यह वीडियो पसंद आया होगा अगर आपको वीडियो.

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